अंतर्राष्ट्रीय संबंध
‘भारत-म्यांमार संयुक्त व्यापार समिति’ की छठी बैठक
- 28 Jun 2017
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संदर्भ
भारत-म्यांमार संयुक्त व्यापार समिति (JTC) की छठी बैठक नई दिल्ली में आयोजित की गई, जिसकी सह-अध्यक्षता भारत की वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री, श्रीमती निर्मला सीतारमण और म्यांमार के केन्द्रीय वाणिज्य मंत्री, डॉ. थान मइंत ने की। ध्यातव्य है कि ‘संयुक्त व्यापार समिति’ दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार भागीदारी बढ़ाने से जुड़े मुद्दों को सुलझाने में अहम् भूमिका निभाती है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु
- भारत ने कहा कि दोनों देशों के मध्य धार्मिक, भाषाई एवं जातीय संबंधों का लंबा इतिहास रहा है।
- म्यांमार इसके साथ ही दक्षिण-पूर्व एशिया और आसियान के लिये भारत का प्रवेश द्वार है, जिसके द्वारा भारत ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के ज़रिए आर्थिक सहभागिता बढ़ाने का इच्छुक है। उल्लेखनीय है कि भारत और म्यांमार के बीच 1600 किलोमीटर लंबी भूमि सीमा है।
- उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच उच्चस्तरीय आदान-प्रदान से हमारे द्विपक्षीय संबंध और भी सुदृढ़ हुए हैं। इन संबंधों को आगे बढ़ाने हेतु प्रधानमंत्री ने 12वें भारत-आसियान शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिये नबंवर 2014 में म्यांमार का दौरा भी किया था।
- व्यापार एवं वाणिज्य दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में अहम् भूमिका निभाते हैं। म्यांमार के साथ भारत का व्यापार वर्ष 2015-16 के 2.05 अरब अमेरिकी डॉलर से 6.01 प्रतिशत बढ़कर वर्ष 2016-17 में 2.18 अरब अमेरिकी डॉलर के स्तर पर पहुँच गया है।
- वर्ष 2016-17 में कुल निर्यात 1.11 अरब अमेरिकी डॉलर का हुआ, जो 3.79 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्शाता है। इस तरह आयात 1.06 अरब अमेरिकी डॉलर का हुआ, जो 8.43 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि को दर्शाता है।
- मंत्री महोदया ने कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार की संभावनाओं का अब तक व्यापक दोहन नहीं हो पाया है। उन्होंने दोनों देशों के बीच सड़क, समुद्री एवं हवाई संपर्क बढ़ाने के लिये म्यांमार की ओर से सक्रिय सहयोग दिये जाने पर विशेष जोर दिया।
- उन्होंने म्यांमार से कहा कि अंतर्देशीय जलमार्ग के काम को पूरा करे जिससे सिटवे बंदरगाह को म्यांमार के अंतर्क्षेत्र (Hinterland) को जोड़ा जा सके।
- उन्होंने म्यांमार ‘मोटर वाहन समझौते’ (जो कार्गो वाहनों के निर्बाध आवाजाही की सुविधा प्रदान करेगा) पर शीघ्र बातचीत के लिये ज़ोर दिया|
- बैठक के दौरान सीटवे (Sittwe) बंदरगाह और विजाग / चेन्नई को जोड़ने की संभावनाएँ तलाशने पर चर्चा हुई तथा साथ ही चेन्नई / गुवाहाटी के साथ हवाई संपर्क स्थापित करने की ज़रूरत पर भी चर्चा की गयी।
- भारत ने म्यांमार को मोड ऑफ ऑपरेशन (MoO) को शीघ्र कार्यान्वित करने की मांग की ताकि भारत- म्यांमार सीमा पर बाज़ारों (Border Haats) की स्थापना की जा सके। इस प्रकार के बाज़ारों की स्थापना के लिये अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, नागालैंड और मणिपुर राज्यों में 10 स्थानों की पहचान की गई है।