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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

भारत-लक्ज़मबर्ग वर्चुअल समिट

  • 20 Nov 2020
  • 10 min read

प्रिलिम्स के लिये

भारत-लक्ज़मबर्ग वर्चुअल समिट, लक्ज़मबर्ग की भौगोलिक अवस्थिति

मेन्स के लिये

भारत-लक्ज़मबर्ग संबंध

चर्चा में क्यों?

19 नवंबर, 2020 को भारत-लक्ज़मबर्ग वर्चुअल समिट का आयोजन किया गया, जिसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिस्सा लिया।

प्रमुख बिंदु

  • इस वर्चुअल सम्मेलन में हिस्सा लेते हुए दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने भारत और लक्ज़मबर्ग के बीच साझा सिद्धांतों और लोकतंत्र, कानून के शासन तथा मानवाधिकारों के मूल्यों के आधार पर उत्कृष्ट द्विपक्षीय संबंध स्थापित करने पर ज़ोर दिया।
    • ध्यातव्य है कि भारत और लक्ज़मबर्ग के बीच वर्ष 1948 में कूटनीतिक संबंध स्थापित हुए थे और बीते सात दशक से भी अधिक समय में दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में काफी विस्तार देखने को मिला है।
    • हालाँकि दोनों देशों ने व्यापार, वित्त, इस्पात, अंतरिक्ष, आईसीटी और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाकर द्विपक्षीय समझौतों को और मज़बूत करने पर ज़ोर दिया।

भारत-लक्ज़मबर्ग वर्चुअल समिट

  • आर्थिक संबंध
    • दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने भारत और लक्ज़मबर्ग के बीच बढ़ते आर्थिक संबंधों का स्वागत किया और संतोष व्यक्त किया कि दोनों देशों की कंपनियाँ एक-दूसरे के देशों में अपनी उपस्थिति बढ़ा रही हैं।
    • जल्द ही आर्थिक-व्यापारिक संबंधों की समीक्षा के लिये भारत तथा बेल्ज़ियम-लक्ज़मबर्ग आर्थिक संघ के बीच 17वीं संयुक्त आर्थिक आयोग की बैठक आयोजित की जाएगी, ज्ञात हो कि संयुक्त आर्थिक आयोग की 16वीं बैठक सितंबर 2019 में आयोजित की गई थी।
    • सम्मेलन के दौरान वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं को अधिक लचीला, विविध और सतत् बनाने को लेकर विचारों का आदान-प्रदान भी किया गया।
  • वित्त 
    • इस सम्मेलन के दौरान कुल 3 समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर किये गए-
      • इंडिया इंटरनेशनल एक्सचेंज (India INX) और लक्ज़मबर्ग स्टॉक एक्सचेंज के बीच समझौता ज्ञापन।
      • भारतीय स्टेट बैंक और लक्ज़मबर्ग स्टॉक एक्सचेंज के बीच समझौता ज्ञापन। 
      • इन्वेस्ट इंडिया और लक्सिनोवेशन (Luxinnovation) के बीच समझौता ज्ञापन।
    • पहले दो समझौता ज्ञापनों (MoUs) का उद्देश्य वित्तीय सेवा उद्योग में सहयोग को बढ़ावा देना, देशों में प्रतिभूति बाज़ारों का रखरखाव करना और स्थानीय बाज़ार में ESG (पर्यावरण, सामाजिक, शासन) तथा  ग्रीन फाइनेंस में सहयोग को बढ़ावा देना है।
    • जबकि तीसरे और अंतिम समझौते का उद्देश्य भारत और लक्ज़मबर्ग की कंपनियों के बीच आपसी व्यापार सहयोग का समर्थन करना है।
    • इसके अलावा लक्ज़मबर्ग की वित्तीय नियामक संस्था तथा भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के बीच भी एक समझौता ज्ञापन प्रस्तावित है, जिससे दोनों देशों के बीच वित्तीय क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंध और अधिक मज़बूत होगा।
    • गौरतलब है कि लक्ज़मबर्ग, यूरोप का एक प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय केंद्र होने के नाते, भारत के वित्तीय उद्योग को अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों से जोड़ने तथा यूरोपीय एवं वैश्विक निवेशकों तक पहुँचने में मदद हेतु एक सेतु के रूप में कार्य कर सकता है।
  • अंतरिक्ष और डिजिटल तकनीक
    • ज्ञात हो कि दोनों देशों के बीच उपग्रह प्रसारण (Satellite Broadcasting) और संचार (Communications) जैसे क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण सहयोग रहा है।
    • लक्ज़मबर्ग आधारित कई कंपनियों ने अपने उपग्रहों को अंतरिक्ष में लॉन्च करने के लिये भारत की सेवाओं का उपयोग करना शुरू कर दिया है। उदाहरण के लिये नवंबर 2020 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने PSLV-C49 मिशन लॉन्च किया था, जिसमें लक्ज़मबर्ग के 4 उपग्रह शामिल थे।
    • शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिये बाह्य अंतरिक्ष के अन्वेषण और उपयोग को लेकर भी दोनों देशों की सरकारों के बीच एक सहयोग समझौते पर वार्ता की जा रही है।
    • भारत और लक्ज़मबर्ग दोनों ही देशों में क्रमशः ‘डिजिटल इंडिया तथा ‘डिजिटल लक्ज़मबर्ग’ पहलों के माध्यम से डिजिटलीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है, हालिया सम्मेलन के दौरान दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने इन पहलों को बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की है।
  • उच्च शिक्षा और अनुसंधान
    • इंडियन नेशनल ब्रेन रिसर्च सेंटर और लक्ज़मबर्ग इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ तथा लक्ज़मबर्ग सेंटर फॉर सिस्टम बायोमेडिसिन द्वारा न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों (Neurodegenerative Diseases) के क्षेत्र में एक साथ कार्य किया जा रहा है।
    • भारतीय उच्च शिक्षण संस्थाओं जैसे- IIT-बॉम्बे, IIT-मद्रास, IIT-कानपुर और नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया तथा लक्ज़मबर्ग विश्वविद्यालय के बीच मौजूदा संबंधों को और अधिक विस्तारित करने पर भी सहमति व्यक्त की गई है।
  • संस्कृति 
    • भारत और लक्ज़मबर्ग दोनों ही देश अहिंसा के विचारों का समर्थन करते हैं और इसी को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2019 में लक्ज़मबर्ग ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर स्मारक डाक टिकट जारी किया था।
    • सम्मेलन के दौरान दोनों देशों ने राजनयिक और आधिकारिक पासपोर्ट धारकों के लिये वीज़ा में छूट प्रदान करने और दोनों देशों के बीच गतिशीलता को बढ़ावा देने के लिये समझौते को अंतिम रूप देने की भी इच्छा ज़ाहिर की।
  • यूरोपीय संघ-भारत
    • जुलाई 2020 में भारत और यूरोपीय संघ (EU) के बीच एक वर्चुअल शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया था, इसमें भारत ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देकर व्यापक कनेक्टिविटी के माध्यम से भारत तथा यूरोपीय संघ (EU) के संबंधों को और मज़बूत करने की बात कही थी।
    • यूरोपीय संघ (EU) का संस्थापक सदस्य होने के नाते लक्ज़मबर्ग भारत और यूरोपीय संघ के संबंधों को मज़बूती प्रदान करने में रचनात्मक भूमिका अदा कर सकता है, जो कि कोरोना वायरस महामारी के बाद और भी महत्त्वपूर्ण हो गया है।
  • बहुपक्षीय समर्थन
    • सम्मेलन के दौरान लक्ज़मबर्ग ने वर्ष 2021-2022 के लिये संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में गैर-स्थायी सीट के लिये भारत के चयन का स्वागत किया और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सुधारों के लिये अपने समर्थन को दोहराया।
    • लक्ज़मबर्ग ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की स्थायी सदस्यता के लिये भारत की उम्मीदवारी का समर्थन किया।
    • इसके अलावा लक्ज़मबर्ग ने मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (MTCR) और परमाणु आपूर्तिकर्त्ता समूह (NSG) में भारत की भागीदारी का भी समर्थन किया।
    • भारत ने वर्ष 2022-2024 के लिये संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNSC) में लक्ज़मबर्ग की उम्मीदवारी का भी समर्थन किया।

लक्ज़मबर्ग के बारे में

  • लक्ज़मबर्ग, पश्चिमी यूरोप का एक देश है, जो चारों ओर से भू-सीमा से घिरा हुआ है। यह पश्चिम और उत्तर में बेल्ज़ियम, पूर्व में जर्मनी और दक्षिण में फ्रांँस के साथ अपनी अंतर्राष्ट्रीय सीमा साझा करता है।

Luxembourg

आगे की राह

  • पिछले दो दशकों में भारत और लक्ज़मबर्ग के बीच आयोजित यह पहला शिखर सम्मेलन दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों के एक नए चरण का प्रतीक है, जहाँ दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने द्विपक्षीय संबंधों को और अधिक विस्तारित करने तथा आपसी और वैश्विक हित के मामलों में क्षेत्रीय तथा बहुपक्षीय मंचों में परामर्श एवं समन्वय को बढ़ाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। 

स्रोत: पी.आई.बी

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