J&J द्वारा दोषपूर्ण हिप प्रत्यारोपण पर मुआवज़े का फैसला | 06 Sep 2018
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्र सरकार ने जॉनसन एंड जॉनसन द्वारा किये गए दोषपूर्ण हिप प्रत्यारोपण के मामले में मरीज़ों हेतु मुआवज़े की राशि निर्धारित करने के लिये केंद्रीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है, साथ ही राज्यों को भी अलग-अलग समिति का गठन करने का निर्देश दिया है। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में ऐसे मामलों में मरीज़ों को मुआवज़ा मुहैया कराने के लिये कोई विशिष्ट कानूनी प्रावधान नहीं हैं।
केंद्रीय समिति
- नई केंद्रीय समिति का गठन 2017 में स्वास्थ्य मंत्रालय ने मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज के पूर्व डीन डॉ. अरुण अग्रवाल की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ समिति की सिफारिश के आधार पर किया गया है। उल्लेखनीय है कि डॉ. अरुण अग्रवाल की अध्यक्षता वाली समिति ने प्रत्येक मरीज़ को 20 लाख रुपए का भुगतान करने की सिफारिश की थी।
- नई केंद्रीय समिति की अध्यक्षता सफदरजंग अस्पताल के खेल चोट केंद्र (sports injury centre) के निदेशक आर. के. आचार्य करेंगे और इस समिति में पाँच सदस्य होंगे।
- केंद्रीय समिति आधार मुआवज़े और मजदूरी के नुकसान के आधार पर कुल मुआवज़ा राशि का निर्धारण करेगी।
- हिप प्रत्यारोपण कराने वाले ऐसे सभी मरीज़ मुआवज़े के हकदार हैं जिन्हें एक से अधिक बार सर्जरी करानी पड़ी या हिप प्रत्यारोपण के बाद भी अक्षमता से पीड़ित हैं।
- मरीज़ अपनी सुविधा के अनुसार केंद्रीय विशेषज्ञ समिति या राज्य स्तरीय समितियों से संपर्क कर सकते हैं।
राज्य स्तरीय समितियां
- पैनल के अनुसार, राज्य स्तरीय समितियाँ डिवाइस के उपयोग के कारण मरीज़ों में होने वाली अक्षमता तथा परेशानियों के दावों का मूल्यांकन करेंगी।
- स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, राज्य स्तरीय समितियों में दो ऑर्थोपेडिक सर्जन, सरकारी मेडिकल कॉलेज का एक रेडियोलॉजिस्ट और औषध नियामक के क्षेत्रीय कार्यालय के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
- राज्यों से समाचार पत्रों में विज्ञापन देने के लिये भी कहा गया है ताकि प्रभावित मरीज़ इन समितियों से संपर्क कर सकें।
- राज्य स्तरीय समिति की सहायता से केंद्रीय विशेषज्ञ समिति उचित कानून के तहत स्वीकार्य मुआवज़े की सटीक राशि निर्धारित करेगी जिसे सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) को सूचित किया जाएगा और CDSCO मरीज़ों के दिये जाने वाली मुआवज़ा राशि के लिये आदेश पारित करेगा।
क्या है हिप ट्रांसप्लांट?
- हिप ट्रांसप्लांट एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें एक कृत्रिम हिप का प्रत्यारोपण किया जाता है।
दोषपूर्ण हिप ट्रांसप्लांट का प्रभाव
- दोषपूर्ण हिप ट्रांसप्लांट के कारण रक्त में कोबाल्ट और क्रोमियम का स्तर बहुत अधिक बढ़ जाता है।
- इसके कारण शरीर में टॉक्सिन शामिल हो जाते हैं जो ऊतकों को नुकसान पहुँचाते है साथ ही, शरीर के अन्य अंगों पर भी नकारात्मक असर पड़ता है।
- इन सबके कारण मरीज़ को न केवल स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न प्रकार की समस्याएँ होती हैं बल्कि उसके शरीर में अत्यधिक दर्द रहता है और चलने-फिरने में भी कठिनाई होती है।