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जैव विविधता और पर्यावरण

जयंती: झींगुर की नई प्रजाति

  • 31 May 2021
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में छत्तीसगढ़ की कुर्रा गुफाओं (Kurra Cave) में पाई गई झींगुर की एक नई प्रजाति का नाम 'इंडिमिमस जयंती' (Indimimus Jayanti) रखा गया है।

  • इस नई प्रजाति का नाम देश के प्रमुख गुफा खोजकर्त्ताओं में से एक प्रोफेसर जयंत विश्वास (Professor Jayant Biswas) के नाम पर रखा गया है।

Jhingur

प्रमुख बिंदु

झींगुर की नई प्रजाति के विषय में:

  • इस नई प्रजाति की पहचान जीनस अरकोनोमिमस सॉस्योर (Genus Arachnomimus Saussure), 1897 के तहत की गई है।
  • इस नई प्रजाति की खोज से झींगुर की एक नई उपजाति 'इंडिमिमस' का जन्म हुआ है।
  • इस नई प्रजाति के नर ध्वनि उत्पन्न नहीं कर सकते और इनकी मादाओं के कान नहीं होते।

नई उपजाति के विषय में:

  • यह उपजाति पुरुष जननांग संरचना के कारण दो उपजातियों यथा अरकोनोमिमस (Arachnomimus) और यूराक्नोमिमस (Euarachnomimus) से अलग है।
  • कीड़ों में एक लॉक-एंड-की मॉडल जननांग संरचना (Lock-and-Key Model Genitalia Structure) होती है जो प्रत्येक उपजाति के लिये अद्वितीय होती है।

जीनस अरकोनोमिमस सॉस्योर, 1897:

  • अरकोनोमिमस नाम वर्ष 1878 में स्विस एंटोमोलॉजिस्ट हेनरी लुई फ्रेडरिक डी सॉस्योर (Swiss Entomologist Henri Louis Frédéric de Saussure) द्वारा इस प्रजाति के मकड़ियों के समान होने के कारण दिया गया नाम है।
  • इस समूह के झींगुर को आमतौर पर उनके छोटे शरीर के आकार और लंबे पैरों के कारण स्पाइडर क्रिकेट (Spider Cricket) कहा जाता है।

इस खोज का महत्त्व:

  • यह मनुष्यों के लिये श्रवण यंत्र डिज़ाइन करने में मदद कर सकता है।
    • नई प्रजाति गुफा की दीवारों पर अपने पेट या शरीर के किसी अन्य अंग को टकराकर संचार (Communication) कर सकती है।
    • कंपन संचार सिग्नल ट्रांसमिशन के सबसे साधारण लेकिन सबसे तेज़ तरीकों में से एक है।
      • कंपन संचार को पर्यावरण के भौतिक गुणों, एक कीट की शारीरिक रचना और शरीर विज्ञान तथा व्यवहार के बीच बातचीत के रूप में समझा जा सकता है।
    • कंपन संचार के इस प्रकार के कौशल पर आगे के अध्ययन से मनुष्यों को श्रवण यंत्रों को डिज़ाइन करने में मदद मिल सकती है जो सबसे शांत संकेतों को पकड़ सकते हैं और श्रव्य श्रवण सीमा बढ़ा सकते हैं।
  • जयंती की खोज के बाद अरकोनोमिमस जाति अब कुल 12 प्रजातियों के नाम से जाना जाएगी। इन प्रजातियों का वितरण (ब्राज़ील से लेकर मलेशिया तक) बहुत व्यापक है।
  • भारत में स्पाइडर क्रिकेट की विविधता अभी भी अस्पष्ट है। हालाँकि भारत में चार जैव विविधता हॉटस्पॉट (Biodiversity Hotspot), साथ ही सभी हॉटस्पॉट में खाली गुफाएँ होने के कारण यहाँ कई और महत्त्वपूर्ण खोजों की गुंजाइश है।

झींगुर के विषय में:

  • झींगुर छलाँग लगाने वाले कीड़ों की लगभग 2,400 प्रजातियों में से एक है जो पूरे विश्व में कहीं भी पाए जाते हैं , जिनमें नर संगीतमय आवाज़ निकालते हैं।
  • इनके पास मुख्य रूप से बेलनाकार शरीर, गोल सिर और लंबे एंटीना जैसे आगे दो बाल होते हैं। 
  • इन्हें विशेष रूप से रात में ज़ोरदार आवाज़ करते हुए सुना जा सकता है। इस समय नर झींगुर मादाओं को आकर्षित करने के लिये अपने पंखों को एक दूसरे से रगड़कर यह ध्वनि उत्पन्न करते हैं।
  • मादाएँ अपने पैरों पर स्थित कानों का उपयोग करके इन आवाजों को सुनती हैं और संभोग तथा प्रजनन के लिये नर झींगुर के पास जाती हैं।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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