जन-धन योजना ओपन-एंडेड योजना | 06 Sep 2018
चर्चा में क्यों?
मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाई) को उच्च बीमा कवर के साथ ओवरड्राफ्ट (ओडी) सुविधा को दोगुना करने तथा इसे ओपन-एंडेड योजना में बदलने की मंज़ूरी दे दी है।
प्रमुख बिंदु
- केंद्र ने "प्रत्येक घर" से "सभी वयस्क व्यक्तियों" को इस योजना से जोड़ने पर ज़ोर दिया है।
- उल्लेखनीय है कि पीएमजेडीवाई अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल रही है और केंद्र ने इसे ओपन एंडेड घोषित करने का फैसला किया है तथा ओडी की मौजूदा सीमा को ₹ 5,000 से बढ़ाकर ₹ 10,000 तक किया गया है।
ओपन एंडेड योजना
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- यह कदम पीएमजेडीवाई को जारी रखने के लिये उठाया गया है, जिसे वित्तीय समावेशन पर राष्ट्रीय मिशन के नाम से भी जाना जाता है।
- इसके अलावा, ₹ 2,000 तक के किसी भी ओवरड्राफ्ट के लिये कोई शर्त नहीं की होगी साथ ही ओडी सुविधा का लाभ उठाने के लिये आयु सीमा 18-60 साल को बढ़ाकर 18-65 वर्ष तक की गई है।
- नए रुपे कार्डधारकों के लिये दुर्घटना बीमा कवर को ₹ 2 लाख तक बढ़ा दिया गया है।
प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाई) के बारे में
- पीएमजेडीवाई का उद्देश्य वंचित वर्गो जैसे- कमजोर वर्गों और कम आय वर्गो को विभिन्न वित्तीय सेवाएँ यथा- मूल बचत बैंक खाते की उपलब्धता, आवश्यकता आधारित ऋण की उपलब्धता, विप्रेषण सुविधा, बीमा तथा पेंशन उपलब्ध कराना सुनिश्चित करना है।
- किफ़ायती लागत पर व्यापक प्रसार केवल प्रौद्योगिकी के प्रभावी उपयोग से ही संभव है।
- पीएमजेडीवाई वित्तीय समावेशन संबंधी राष्ट्रीय मिशन है, जिसमें देश के सभी परिवारों के व्यापक वित्तीय समावेशन के लिये एकीकृत दृष्टिकोण शामिल है।
- इस योजना में प्रत्येक परिवार के लिये कम-से-कम एक मूल बैंकिंग खाता, वित्तीय साक्षारता, ऋण की उपलब्धता, बीमा तथा पेंशन सुविधा सहित सभी बैंकिंग सुविधाएँ उपलब्ध कराने की अभिकल्पना की गई है।
- इसके अलावा, लाभार्थियों को रूपे डेबिट कार्ड दिया जाएगा जिसमें एक लाख रुपए का दुर्घटना बीमा कवर शामिल है।
- इस योजना में सभी सरकारी (केंद्र/राज्य/स्थानीय निकाय से प्राप्त होने वाले) लाभों को लाभार्थियों के खातों से जोड़ने तथा केंद्र सरकार की प्रत्यक्ष लाभांतरण (डीबीटी) योजना को आगे बढ़ाने की परिकल्पना की गई है।
- टेलिकॉम आपरेटरों के ज़रिये मोबाइल बैंकिंग तथा नकद आहरण केंद्र के रूप में उनके स्थापित केंद्रों का इस योजना के अंतर्गत वित्तीय समावेशन हेतु प्रयोग किये जाने की योजना है।
- पीएमजेडीवाई के अंतर्गत ₹ 81.2 करोड़ रुपए की जमाराशि के साथ अब तक 32.41 करोड़ खाते खोले गए हैं।
- पीएमजेडीवाई के अंतर्गत खाताधारकों में लगभग 53 प्रतिशत महिलाएँ हैं और उनमें भी अधिकांश ग्रामीण और अर्द्ध-ग्रामीण क्षेत्रों से संबंधित हैं।