जम्मू-कश्मीर राजमार्ग पर यातायात प्रतिबंध | 27 May 2019
चर्चा में क्यों?
हालिया पुलवामा हमले के पश्चात् जम्मू-कश्मीर सरकार ने सुरक्षा बलों की आवाजाही के लिये उधमपुर से बारामूला तक राष्ट्रीय राजमार्ग पर सप्ताह में दो दिन नागरिक यातायात को प्रतिबंधित करने का आदेश जारी किया था।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि इस आदेश पर रोक लगाने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकार से जवाब मांगा था।
- जम्मू-कश्मीर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि यह प्रतिबंध केवल 31 मई तक है जिसके पश्चात् चुनौती देने वाली इस याचिका का निपटारा हो गया।
पृष्ठभूमि
- जम्मू-कश्मीर गृह विभाग ने 3 अप्रैल को जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के 270 किलोमीटर लंबे उधमपुर-बारामूला मार्ग पर सप्ताह में दो दिन सुबह 4 से शाम 5 बजे तक नागरिक यातायात पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया था। इस आदेश के अनुसार, रविवार और बुधवार को इस राजमार्ग का इस्तेमाल विशेष रूप से सुरक्षा बलों की आवाजाही के लिये किया जाएगा।
- गौरतलब है कि यह आदेश पुलवामा में सुरक्षा बलों के काफिले पर हुए आत्मघाती बमबारी का हवाला देते हुए दिया गया था जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवानों की मृत्यु हो गई थी।
- हालाँकि कुछ आलोचनाओं के बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने मरीज़ों, छात्रों, सरकारी कर्मचारियों और आपात स्थिति में प्रतिबंध के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग का उपयोग करने की अनुमति देने की बात कही थी।
यह राजमार्ग इतना महत्त्वपूर्ण क्यों है?
- जम्मू-श्रीनगर-उड़ी राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-1A) लगभग 370 किलोमीटर लंबा है। यह कश्मीर को बाहरी दुनिया से जोड़ने वाली एकमात्र सड़क होने के साथ ही प्रमुख राजमार्ग भी है जो श्रीनगर को घाटी के दक्षिणी और उत्तरी ज़िलों से जोड़ता है।
- यह राजमार्ग घाटी के 10 में से पाँच ज़िलों से गुज़रता है। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से यह राजमार्ग 69 लाख से अधिक की आबादी को प्रभावित करता है।
प्रतिबंध का प्रभाव
- आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार, लगभग 5,000 हल्के मोटर वाहनों सहित हर घंटे दोनों तरफ से 10,000 से अधिक वाहन राजमार्ग पर चलते हैं। इनमें छात्रों, मरीज़ों, सरकारी अधिकारियों और व्यापारियों को ले जाने वाले वाहन शामिल हैं।
- घाटी के पाँच ज़िलों के लगभग सभी कॉलेज, उच्चतर माध्यमिक संस्थान और स्कूलों तक पहुँच इस राजमार्ग के माध्यम से ही सुलभ है।
- इसके अलावा उधमपुर से बारामूला तक राजमार्ग के दोनों ओर सैकड़ों गाँव और कस्बे बसे हुए हैं। सरकार द्वारा आरोपित प्रतिबंध प्रभावी रूप से उन्हें हर सप्ताह दो दिनों के लिये अन्य स्थानों से काट देगा।