भूगोल
जलयुक्ता शिवार
- 25 Feb 2020
- 5 min read
प्रीलिम्स के लिये:जलयुक्ता शिवार मेन्स के लिये:जल संसाधन तथा उनका संरक्षण |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने पाँच वर्ष पूर्व प्रारंभ की गई प्रमुख जल संरक्षण परियोजना ‘जलयुक्ता शिवार’ (Jalyukta Shivar) को समाप्त कर दिया है।
क्या है जलयुक्ता शिवार?
- महाराष्ट्र में लगातार सूखे की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इसे दिसंबर 2014 में लॉन्च किया गया था।
- इस परियोजना का उद्देश्य, व्यवस्थित तरीके से सर्वाधिक सूखा प्रभावित गाँवों में जल की कमी को दूर करना था।
- महाराष्ट्र के मराठवाड़ा और विदर्भ सहित राज्य का लगभग 52% भौगोलिक क्षेत्र सूखे से प्रभावित है।
महाराष्ट्र राज्य का भौगोलिक विभाजन:
- महाराष्ट्र में कुल 36 ज़िले हैं जिन्हें भौगोलिक, ऐतिहासिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक आधारों पर पाँच क्षेत्रों में विभाजित किया जाता है।
1. कोंकण: ‘कोंकण’ जिसका शाब्दिक अर्थ 'तट' है, भारत के पश्चिमी तट का भाग है जिसे कोंकण तट के रूप में जाना जाता है।
2. देश: यह पश्चिमी घाट के पूर्व, खानदेश के दक्षिण, मराठवाड़ा के पश्चिम तथा कर्नाटक उत्तर दिशा में स्थित है।
3. खानदेश: यह मध्य भारत में एक भौगोलिक क्षेत्र है, जो महाराष्ट्र राज्य के उत्तर-पश्चिमी हिस्से का निर्माण करता है।
4. मराठवाड़ा: यह विदर्भ के पश्चिम में और खानदेश के पूर्व में स्थित है। औरंगाबाद मराठवाड़ा का सबसे बड़ा शहर है।
5. विदर्भ: यह महाराष्ट्र राज्य के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में है, जिसमें नागपुर और अमरावती संभाग शामिल हैं।
- इस परियोजना का उद्देश्य मौजूदा जल संसाधनों जैसे- नहरों, बाँधों और तालाबों में मानसून के दौरान अधिकतम वर्षावाही-जल ( Run-off Rainwater) को संरक्षित करना था।
- संसाधनों की मज़बूती के लिये प्राकृतिक जल-धाराओं को चौड़ा व गहरा करना, उन्हें निकटवर्ती जल भंडारण स्रोतों से जोड़ना, मिट्टी या कंक्रीट के चेक-डैम निर्माण करना आदि कार्य शामिल था।
- परियोजना के पहले चरण (वर्ष 2015-2019) के दौरान प्रति वर्ष 5,000 गाँवों को सूखा मुक्त बनाने की परिकल्पना की गई थी।
परियोजना का मूल्यांकन:
- सरकार का मानना है कि उसने 16,000 सूखाग्रस्त गाँवों का कायाकल्प कर दिया है, सिंचाई कवर 34 लाख हेक्टेयर तक बढ़ गया है तथा 24 लाख ट्रिलियन क्यूबिक मीटर जल का स्टॉक किया गया।
- यद्यपि सरकार के पास इस संबंध में आँकड़े उपलब्ध नहीं हैं कि जल-दबाव (Water Stress) में कमी लाकर कितने ज़िलों को सूखा मुक्त घोषित किया गया।
जल की कमी (Water Scarcity):
- इसमें केवल जल की उपलब्धता पर ध्यान दिया जाता है।
जल-तनाव (Water Stress):
- जल-तनाव से तात्पर्य जलाभाव की उस स्थिति से है जब ताज़े जल की उपलब्धता मानवीय और पारिस्थितिक मांग को पूरा नहीं कर पाती है।
- जल की कमी की तुलना में ‘जल का तनाव’ एक अधिक समावेशी और व्यापक अवधारणा है। यह जल संसाधनों से संबंधित कई भौतिक पहलुओं पर विचार करता है, जिसमें पानी की उपलब्धता, पानी की गुणवत्ता और पानी की पहुँच शामिल है।
जल-जोखिम (Water Risk):
- यह जलसंबंधी चुनौती का सामना करने वाली इकाई की संभावना को दर्शाता है जो विशिष्ट कारक की सुभेद्यता पर निर्भर करता है।
परियोजना की समाप्ति:
- परियोजना में जल संरक्षण संबंधी 10,094 कार्यों को पूरा करना था परंतु लगभग 1,300 कार्यों में विसंगतियाँ पाई गईं जिससे यह विपक्षी दलों के लिये राजनीतिक हथियार बन गया था, अत: महाराष्ट्र की नवगठित सरकार ने इसे हटाने का फैसला किया।
आगे की राह:
- जलयुक्ता शिवार जैसी नवीन योजना को राज्य में लागू करना होगा तथा जल संकट से निपटने हेतु राज्य सरकार को नवीन ठोस कदम उठाने होंगे।