अंतर्राष्ट्रीय संबंध
इसरो ने किया जीसेट -17 का प्रक्षेपण
- 30 Jun 2017
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संदर्भ
इसरो ने गुरुवार को अपने नाम एक और सफलता दर्ज़ की है। इसके द्वारा संचार उपग्रह जीसेट-17 के सफल प्रक्षेपण किया गया है| इसके साथ ही भारत ने गत दो माह में तीसरे संचार उपग्रह को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया है। जीसेट-17 को फ्रैंच गयाना स्थित कौरू (Kourou) से प्रक्षेपित किया गया है। यह एरियन स्पेस से इसरो द्वारा प्रक्षेपित किया जाने वाला 21वाँ सैटेलाइट है।
जीसेट (GSAT)
- यह उपग्रह भारत के संचार उपग्रहों की स्वदेश निर्मित प्रौद्योगिकी हैं, जिसका उपयोग डिज़िटल ऑडियो, डाटा और वीडियो प्रसारण के लिये किया जाता है।
- यह इसरो द्वारा विकसित की गयी जियोसिंक्रोनस उपग्रहों की जीसेट श्रृंखला है जिसका उद्देश भारत को प्रसारण सेवाओं में आत्मनिर्भर बनाना है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु
- 3,477 किलो के जीसैट-17 दूरसंचार उपग्रह में सी-बैंड, विस्तारित सी-बैंड और एस-बैंड के द्वारा देश को अनेक सुविधाएँ प्रदान की जाएंगी| विभिन्न बैंडों में 40 से ज़्यादा ट्रांसपोंडर लगाए गए हैं।
- इसे 17 संचार उपग्रहों के मौजूदा बेड़े में ही जोड़ा जाएगा।
- इसे जियोसिंक्रोनस स्थानांतरण ऑर्बिट (GTO) कक्षा में स्थापित किया गया है।इसे फ्रांसीसी राकेट एरियन-5 वी.ए.-238 (VA-238 ) द्वारा प्रक्षेपित किया गया है।
- इस उपग्रह में मौसम विज्ञान संबंधी आँकड़ों और उपग्रह आधारित खोज और बचाव संबंधी उपकरण भी लगाए गए हैं।
- कर्नाटक के हासन स्थित इसरो के मुख्य नियंत्रण सुविधा (MCF) से जीसैट-17 का नियंत्रण और संचालन किया जाएगा।
- जीसेट-17 का परिचालन लगभग 15 वर्ष के लिये किया जाएगा।
उपयोग
- प्रसारण
- दूरसंचार
- वी.एस.ए.टी. (VSAT) सेवाएँ
- मौसम संबंधी आँकड़ों का प्रसारण
- खोज और बचाव इत्यादि।