नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


अंतर्राष्ट्रीय संबंध

इज़राइल-यूएई शांति समझौता

  • 14 Aug 2020
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये:

वेस्ट बैंक

मेन्स के लिये:

इज़राइल-यूएई शांति समझौता

चर्चा में क्यों?

इज़राइल और संयुक्त अरब अमीरात ने ऐतिहासिक 'वाशिंगटन-ब्रोकेड समझौते' (Washington-brokered Deal) के तहत पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने के लिये सहमति व्यक्त की है।

प्रमुख बिंदु:

  • ऐसी घोषणा करने वाला यूएई खाड़ी क्षेत्र का प्रथम तथा तीसरा अरब देश है जिसके इज़राइल के साथ सक्रिय राजनयिक संबंध हैं।
    • इससे पहले मिस्र ने वर्ष 1979 में तथा जॉर्डन ने वर्ष 1994 में इज़राइल के साथ ‘शांति समझौते’ किये थे।
  • संयुक्त अरब अमीरात और इज़राइल दोनों पश्चिम एशिया में संयुक्त राज्य अमेरिका के करीबी सहयोगी हैं।

इज़राइल-यूएई शांति समझौता:

  • ‘वाशिंगटन-ब्रोकेड समझौता’ जिसे ‘इज़राइल-यूएई शांति समझौता’ (Israel-UAE Peace Deal) के रूप में भी जाना जाता है, यह इज़राइल द्वारा फिलिस्तीनी क्षेत्रों को अपने हिस्सों में को जोड़ने की योजना को ‘निलंबित’ कर देगा।
  • समझौते के तहत इज़राइल, वेस्ट बैंक के बड़े हिस्से पर कब्जा करने की अपनी योजना को निलंबित कर देगा।
    • वेस्ट बैंक, इज़राइल और जॉर्डन के बीच स्थित है। इसका एक प्रमुख शहर फिलिस्तीन की वास्तविक प्रशासनिक राजधानी ‘रामल्लाह’ (Ramallah) है।
    • इज़राइल ने छह-दिवसीय अरब-इज़राइली युद्ध-1967 में इसे अपने नियंत्रण में ले लिया था और बाद के वर्षों में वहाँ बस्तियाँ स्थापित की हैं।

  • संयुक्त राज्य अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात और इज़राइल द्वारा एक संयुक्त बयान जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि आने वाले हफ्तों में प्रतिनिधिमंडल सीधी उड़ानों, सुरक्षा, दूरसंचार, ऊर्जा, पर्यटन और स्वास्थ्य देखभाल के सौदों पर हस्ताक्षर करेंगे।

समझौते की पृष्ठभूमि:

  • वर्ष 1971 से संयुक्त अरब अमीरात फिलिस्तीनियों की भूमि पर इज़राइल के नियंत्रण को मान्यता नहीं देता था।
  • हाल के वर्षों में ईरान के साथ साझा दुश्मनी और लेबनान के आतंकवादी समूह हिज़्बुल्लाह के कारण खाड़ी अरब देशों और इज़राइल के बीच निकटता आ गई है।
  • आतंकवादी समूह ‘मुस्लिम ब्रदरहुड’ और ‘हमास’ के कारण भी दोनों देशों के बीच निकटता बढ़ी है।

वैश्विक प्रतिक्रिया तथा समझौते का प्रभाव:

  • इज़राइल:

    • प्रस्तावित समझौता, वेस्ट बैंक के अलावा अन्य क्षेत्रों में फिलिस्तीनियों को सीमित स्वायत्तता प्रदान करते हुए इज़राइल के वेस्ट बैंक के बड़े हिस्से पर कब्जा करने की अपनी योजना को निलंबित कर देगा।
    • यह घोषणा इज़राइल के अरब देशों के साथ संबंधों की निकटता को सार्वजनिक रूप से स्वीकार करती है।
    • यह समझौता इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को एक ऐसे समय में राजनीतिक रूप से मदद कर सकता है जब इज़राइल की गठबंधन सरकार को अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
  • फिलिस्तीन:

    • फिलिस्तीनी इस्लामी राजनीतिक संगठन ‘हमास’ ने घोषणा को यह कहते हुए नकार दिया है कि यह सौदा फिलिस्तीनीयों के हित में नहीं है।
    • फिलिस्तीन स्वतंत्रता संघर्ष, अरब राष्ट्रों के विश्वास तथा सहयोग पर आधारित था। प्रस्तावित समझौते को फिलिस्तीन के लिये एक जीत और हार दोनों के रूप में चिह्नित किया जा रहा है।
  • अमेरिका:

    • समझौते को नवंबर में संयुक्त राज्य अमेरिका में होने वाले चुनाव से पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एक राजनयिक जीत के रूप में माना जा रहा है।
    • हालाँकि राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि डोनाल्ड ट्रंप के प्रयास न तो अफगानिस्तान में युद्ध को समाप्त करने में और न ही इज़राइल और फिलिस्तीनियों के बीच शांति लाने में अभी तक सफल रहे हैं।
  • यूएई:

    • वाशिंगटन में यूएई के राजदूत ने कहा कि इज़राइल के साथ ऐतिहासिक शांति समझौता कूटनीतिक जीत है और इसे अरब-इज़राइल संबंधों में एक महत्त्वपूर्ण अग्रिम के रूप में माना जाना चाहिये।
  • मिस्र:

    • मिश्र ने समझौते की प्रशंसा की है तथा इसे महान हितों की दिशा में एक पहल बताया है।

निष्कर्ष:

  • यह समझौता मध्य पूर्व में शांति के लिये एक ऐतिहासिक दिन और महत्त्वपूर्ण कदम है। मध्य-पूर्व को दो सबसे प्रगतिशील और उन्नत अर्थव्यवस्थाओं के बीच प्रत्यक्ष संबंध शुरू होने से आर्थिक विकास के साथ ही लोगों-से-लोगों के संबंधों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow