इज़रायल-हमास संघर्ष और इसका वैश्विक प्रभाव | 31 Oct 2023
प्रिलिम्स के लिये:इज़रायल-हमास संघर्ष, गाज़ा पट्टी, होर्मुज़ जलडमरूमध्य मेन्स के लिये:भारत पर इज़राइल-फिलिस्तीन संघर्ष का प्रभाव और अंतर्राष्ट्रीय भू-राजनीतिक परिदृश्य, वैश्विक व्यापार युद्ध, तेल की कीमतों में हेरफेर। |
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
चर्चा में क्यों?
हमास को समाप्त करने के लिये गाज़ा पट्टी में इज़रायल के ज़मीनी हमले के कारण इज़रायल-हमास के बीच चल रहा संघर्ष और बढ़ गया है। इसने संघर्ष के बाद के चरण और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसके संभावित प्रभाव के बारे में चिंताएँ बढ़ा दी हैं।
- वैश्विक मीडिया कंपनी ब्लूमबर्ग ने संघर्ष के लिये तीन परिदृश्यों की रूपरेखा तैयार की है कि कैसे प्रत्येक परिदृश्य विश्व के देशों को प्रभावित कर सकता है।
संघर्ष के तीन संभावित परिदृश्य और उनके प्रभाव:
- गाज़ा में सीमित संघर्ष:
- इस परिदृश्य में अन्य क्षेत्रों में सीमित विस्तार के साथ संघर्ष मुख्य रूप से गाज़ा पट्टी में स्थानीयकृत है।
- संभावित प्रभाव:
- इसके वैश्विक अर्थव्यवस्था पर सीमित एवं प्रत्यक्ष प्रभाव है, फिर भी विभिन्न असफलताओं से उबर रही वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिये यह खबर चिंताजनक है, क्योंकि केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने और आर्थिक मंदी को नियंत्रित करने के लिये संघर्ष कर रहे हैं।
- इस संघर्ष के परिणामस्वरूप गाज़ा में मानवीय संकट बढ़ सकता है, जिसमें बड़ी संख्या में लोग आहत हो सकते हैं, वर्तमान में मरने वाले व्यक्तियों की संख्या 8,000 से अधिक हो चुकी है।
- ईरान समर्थित उग्रवादियों के साथ क्षेत्रीय संघर्ष:
- इस परिदृश्य में एक व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष शामिल है, जिसमें लेबनान और सीरिया में ईरान समर्थित आतंकी समूहों के साथ-साथ यमन में हूती की संभावित भागीदारी शामिल है।
- संभावित प्रभाव:
- इससे कई क्षेत्रीय स्थानों पर हिंसा बढ़ सकती है, जिससे अस्थिरता और संघर्ष बढ़ सकता है।
- तेल की कीमतें, वर्तमान कीमत 90 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल से भी ऊपर पहुँच सकती हैं।
- विश्व स्तर पर उच्च मुद्रास्फीति दर, संभावित रूप से वैश्विक आर्थिक विकास में 0.3% अंक की कमी ला सकती है।
- इज़राइल, ईरान और प्रमुख शक्तियों से पूर्ण युद्ध:
- इसके सबसे चरम परिदृश्य में क्षेत्रीय शक्तियों इज़राइल और ईरान के बीच पूर्ण पैमाने पर संघर्ष की परिकल्पना की जा रही है, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और रूस जैसी प्रमुख वैश्विक शक्तियाँ शामिल हो सकती हैं
- संभावित प्रभाव:
- यह संघर्ष मध्य पूर्व में व्यापार और वैश्विक कच्चे तेल की आपूर्ति को बाधित कर सकता है, जिससे इस क्षेत्र के कई देश एवं उनके व्यापारिक भागीदार प्रभावित होंगे।
- विश्व की 20% से अधिक कच्चे तेल की आपूर्ति पश्चिमी एशिया से होती है, इस क्षेत्र में संघर्ष से कच्चे तेल की कीमतें 150 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ सकती हैं।
- सऊदी अरब और UAE की संभावित क्षमता के बावज़ूद, अगर वे ईरान के साथ गठबंधन नहीं करते हैं तो इससे तेल शिपमेंट को होर्मुज़ जलडमरूमध्य से परिवहन में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जो 48 किलोमीटर का शिपिंग चोकपॉइंट है, जिसके माध्यम से विश्व के कुल उत्पादन परिवहन तेल का लगभग 5वाँ हिस्सा गुजरता है।
- वर्ष 2024 में वैश्विक मुद्रास्फीति लगभग 6.7% तक बढ़ सकती है, जिससे संभावित रूप से वैश्विक आर्थिक विकास में लगभग 2% की कमी की संभावना है । इसके अलावा भारत और अमेरिका जैसे देशों के लिये गंभीर प्रभाव के परिणामस्वरूप संभावित वैश्विक मंदी की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
- यह संघर्ष मध्य पूर्व में व्यापार और वैश्विक कच्चे तेल की आपूर्ति को बाधित कर सकता है, जिससे इस क्षेत्र के कई देश एवं उनके व्यापारिक भागीदार प्रभावित होंगे।
हमास:
- परिचय:
- हमास एक फिलिस्तीनी राजनीतिक सशस्त्र समूह है जिसकी स्थापना वर्ष 1987 में हुई थी। यह एक उग्रवादी समूह है जो इज़रायली कब्ज़े के खिलाफ एक प्रतिरोध आंदोलन के रूप में उभरा था।
- पृष्ठभूमि:
- हमास की स्थापना वर्ष 1987 में मिस्र के मुस्लिम ब्रदरहुड की एक शाखा के रूप में की गई थी जो हिंसक जिहाद के माध्यम से अपने एजेंडे को पूरा करना चाहता था।
- इसने इज़रायली कब्ज़े और फतह के खिलाफ एक प्रतिरोध आंदोलन के रूप में लोकप्रियता हासिल की।
- संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा वर्ष 1997 में हमास को एक आतंकवादी संगठन घोषित किया गया। इज़रायल और अधिकांश यूरोप सहित कई अन्य देश भी हमास के प्रति यही दृष्टिकोण अपनाते हैं।
- हमास की स्थापना वर्ष 1987 में मिस्र के मुस्लिम ब्रदरहुड की एक शाखा के रूप में की गई थी जो हिंसक जिहाद के माध्यम से अपने एजेंडे को पूरा करना चाहता था।
- विचारधारा:
- हमास का मानना है कि फिलिस्तीन की भूमि के किसी भी भाग का समझौता नहीं किया जाएगा और न ही उसे किसी को दिया जायेगा।
- फिलिस्तीन की पूर्ण मुक्ति के अतिरिक्त, हमास अन्य सभी विकल्पों को अस्वीकार करता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. भूमध्य सागर निम्नलिखित में से किन देशों की सीमा है? (2017)
निम्नलिखित कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1, 2 और 3 उत्तर: (c) प्रश्न. दक्षिण-पश्चिम एशिया का निम्नलिखित में से कौन-सा एक देश भूमध्यसागर तक फैला नहीं है? (2015) (a) सीरिया उत्तर: (b) प्रश्न. कभी-कभी समाचारों में उल्लिखित पद "टू-स्टेट सोल्यूशन" किसकी गतिविधियों के संदर्भ में आता है? (2018) (a) चीन उत्तर: (b) मेन्स:प्रश्न. “भारत के इज़रायल के साथ संबंधों ने हाल ही में एक ऐसी गहराई एवं विविधता प्राप्त कर ली है, जिसकी पुनर्वापसी नहीं की जा सकती है।” विवेचना कीजिये। (2018) |