होरमुज़ जलडमरूमध्य | 30 Apr 2019

चर्चा में क्यों?

ईरान ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा है कि वह होरमुज़ जलडमरूमध्य को समुद्री यातायात के लिये बंद कर सकता है।

प्रमुख बिंदु

  • कुछ समय पूर्व ही अमेरिका ने ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगाए थे और महत्त्वपूर्ण कटौती छूट (Significant Reduction Exemptions- SREs) भी हटा दी थी।
  • जबकि ईरान ने कहा है कि वह प्रतिबंधों के बावजूद तेल निर्यात करता रहेगा और होरमुज़ की खाड़ी का भी प्रयोग करेगा।
  • अगर ईरान को ऐसा करने से रोका गया तो वह जलडमरूमध्य को बंद कर देगा तथा अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा हेतु आवश्यक कदम उठाएगा।

अवस्थिति

  • इसे ओरमुज जलडमरूमध्य के नाम से भी जाना जाता है। यह फ़ारस की खाड़ी को ओमान की खाड़ी और अरब सागर से जोड़ता है |
  • यह जलडमरूमध्य 55 से 95 किमी. तक चौड़ा है और ईरान को अरब प्रायद्वीप से अलग करता है।
  • इसमें प्रमुख रूप से कीश्म, होरमुज़ और हेंजम(हेंग्म) द्वीप स्थित हैं।

होरमुज़ जलडमरूमध्य का महत्व

वाणिज्यिक महत्त्व

  • ऊर्जा स्रोतों पर निर्भर सभी खाड़ी देशों का जलमार्गीय व्यापार इसी मार्ग से होता है जिसमें कच्चा तेल और तरल प्राकृतिक गैस (LNG) का निर्यात ईरान, इराक, कुवैत, बहरीन, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात द्वारा इसी मार्ग से से किया जाता है।
  • विश्व का 30% कच्चे तेल का व्यापार इसी रास्ते से होता है। तरल प्राकृतिक गैस का मुख्य निर्यातक कतर है, जो प्राकृतिक गैस को दूसरे देशों में भेजने के लिये इसी जलडमरूमध्य का ही प्रयोग करता है।

वाणिज्यिक महत्त्व के साथ-साथ अपनी अवस्थिति के कारण यह सामरिक रूप से भी महत्त्वपूर्ण हो जाता है।

बंद का प्रभाव

  • यदि यह मार्ग बाधित होता है तो कच्चे तेल की कीमत में स्वाभाविक रूप से बढ़ोतरी होगी जो भारत जैसे विकासशील देशों के हित में नहीं है।
  • यह मध्य एशिया और विश्व के अन्य देशो के बीच व्यापारिक आदान - प्रदान को भी बाधित करेगा क्योंकि व्यापारिक नौकाएँ विवादित क्षेत्र में जाने का खतरा नहीं लेंगी।
  • यह मार्ग अगर बंद हो जाता है और तनाव बढ़ता है तो अमेरिकी जल सेना का केंद्रीय अड्डा फ़ारस की खाड़ी में स्थित होने के कारण दोनों सेनाएँ आमने-सामने आ जाएंगी| और मध्य एशिया की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है जिसका प्रभाव वैश्विक हो सकता है।

स्रोत: बिजनेस स्टैंडर्ड