ईरान का नया तेल क्षेत्र | 12 Nov 2019
प्रीलिम्स के लिये:
खुज़ेस्तान और अहवाज़ की मानचित्र में स्थिति
मेन्स के लिये:
विश्व में संसाधनों का वितरण, ईरान अमेरिका परमाणु समझौता और भारत पर प्रभाव
चर्चा में क्यों?
हाल ही में ईरान ने अपने दक्षिण-पश्चिमी प्रांत खुज़ेस्तान (Khuzestan) में एक नए तेल क्षेत्र की खोज की है।
प्रमुख बिंदु
- यह क्षेत्र लगभग 2,400 वर्ग किलोमीटर तक विस्तारित है तथा इसमें 50 बिलियन बैरल से अधिक कच्चे तेल (Cruide Oil) के पाए जाने की संभावना है।
- यह खोज ऐसे समय में हुई है जब ईरान वर्ष 2015 के परमाणु समझौते से हटने के बाद से अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना कर रहा है।
- इस समझौते में शामिल अन्य देश जैसे- जर्मनी, फ्राँस, ब्रिटेन, रूस और चीन इस समझौते को फिर से पटरी पर लाने हेतु प्रयासरत हैं।
- हालाँकि ये देश अभी तक ईरान को दूसरे देशों में तेल बेचने का कोई समाधान या विकल्प उपलब्ध नहीं करा पाए हैं।
- समझौते से पीछे हटते हुए ईरान, भंडार एवं संवर्द्धन की सीमा से आगे जा चुका है साथ ही इसने तेहरान के दक्षिण में स्थित भूमिगत फोराड संयंत्र (Fordow Plant) में यूरेनियम का संवर्द्धन फिर से शुरू कर दिया है।
- अमेरिका के प्रतिबंधों के हटाने हेतु ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम को रोक दिया था और लंबे समय तक गुप्त रूप से काम कर रहे संयंत्र में यूरेनियम का संवर्द्धन बंद कर दिया था।
ईरान के तेल भंडार:
- ईरान के पास लगभग 150 बिलियन बैरल तेल का भंडार है।
- खुज़ेस्तान ईरान के महत्त्वपूर्ण तेल उद्योगों का केंद्र है।
- अहवाज़ (65 बिलियन बैरल) के बाद खुज़ेस्तान तेल क्षेत्र ईरान का दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है।
- ईरान अरब की खाड़ी में क़तर के साथ विशाल अपतटीय क्षेत्र साझा करता है।
- वर्तमान में ईरान कच्चे तेल के भंडार का चौथा तथा प्राकृतिक गैस का दूसरा सबसे बड़ा देश है।