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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट 2022

  • 26 Apr 2022
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

USCIRF, अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट 2022 

मेन्स के लिये:

भारत के हितों पर देशों की नीतियों और राजनीति का प्रभाव, भारत में धार्मिक स्वतंत्रता और संबंधित मुद्दे।

चर्चा में क्यों? 

अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) की वार्षिक रिपोर्ट में भारत को दूसरे वर्ष अर्थात् 2021 में भी धार्मिक स्वतंत्रता का सर्वाधिक उल्लंघन करने के लिये ‘कंट्रीज़ ऑफ पर्टिकुलर कंसर्न’ (प्रमुख चिंता वाले देशों) की श्रेणी में सूचीबद्ध करने की सिफारिश की गई है।

  • इससे पहले अमेरिकी विदेश विभाग ने वर्ष 2021 में भारत में मानवाधिकारों पर एक सशक्त और आलोचनात्मक रिपोर्ट जारी की थी।

USCIRF के बारे में: 

  • USCIRF एक स्वतंत्र, द्विदलीय अमेरिकी संघीय सरकारी आयोग है, जो विदेशों में धर्म या विश्वास की स्वतंत्रता के सार्वभौमिक अधिकार की रक्षा के लिये समर्पित है। 
  • यह अमेरिकी प्रशासन के लिये एक सलाहकार निकाय है। 
  • USCIRF’s की 2022 की वार्षिक रिपोर्ट विदेशों में धर्म या विश्वास की स्वतंत्रता के अमेरिकी सरकार के प्रचार को बढ़ाने के लिये सिफारिशें प्रदान करती है।   
  • इसका मुख्यालय वाशिंगटन डीसी में है।
  • अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम की निष्क्रियता के बाद 1998 में अमेरिकी सरकार द्वारा स्थापित USCIRF की सिफारिशें राज्य विभाग पर गैर-बाध्यकारी हैं।
    • परंपरागत रूप से भारत USCIRF के दृष्टिकोण को मान्यता नहीं देता है।  

रिपोर्ट की विशेषताएँ:

  • रिपोर्ट का प्राथमिक फोकस देशों के दो समूहों पर है:
    • विशेष चिंता वाले देश (CPC): यह अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम, 1998 (IFRA) के अंतर्गत धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के आधार पर देशों को विशेष चिंता वाले देश (Countries of Particular Concern- CPC)  में नामित करने के लिये अमेरिकी विदेश विभाग के सचिव को सिफारिश करता है। 
    • विशेष निगरानी सूची (SWL): SWL में उन देशों को शामिल किया जाता है, जिन देशों की सरकारों द्वारा गंभीर रूप से धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन किया जाता है या जिन पर ऐसा करने का आरोप है।
  • रिपोर्ट में वित्तीय विश्लेषण की अंतर्राष्ट्रीय समीक्षा (IRFA) के तहत यूएस स्टेट डिपार्टमेंट द्वारा हिंसक गैर-राज्य अभिकर्त्ताओं के लिये ‘एंटिटीज़ ऑफ पर्टिकुलर कंसर्न’ (EPC) के रूप में USCIRF की सिफारिशें भी शामिल हैं।
  • इस रिपोर्ट में वर्ष 2021 के दौरान धार्मिक स्वतंत्रता से संबंधित महत्त्वपूर्ण वैश्विक विकास और प्रवृत्तियों पर भी प्रकाश डाला गया है, जिसमें वे देश भी शामिल हैं जो CPC या SWL सिफारिशों के मानदंडों को पूरा नहीं करते हैं।
    • इनमें कोविड-19 महामारी और धार्मिक स्वतंत्रता, ईश निंदा तथा हेट स्पीच कानून प्रवर्तन, अंतर्राष्ट्रीय दमन, यूरोप में धार्मिक असहिष्णुता, दक्षिण एशिया में धार्मिक स्वतंत्रता की बिगड़ती स्थिति एवं धार्मिक स्वतंत्रता की चिंताओं को बढ़ाने वाली राजनीतिक उथल-पुथल शामिल हैं।

USCIRF की नवीनतम सिफारिशें:

CPC सूची के लिये:

भारत के अलावा CPC के लिये अनुशंसित देश अफगानिस्तान, नाइजीरिया, सीरिया और वियतनाम हैं।

 CPC के रूप में म्याँमार, चीन, इरिट्रिया, ईरान, उत्तर कोरिया, पाकिस्तान, रूस, सऊदी अरब, ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान को पुन: नामित करने की अनुशंसा की गई है।

  • विशेष निगरानी सूची के लिये:
    • अल्जीरिया, क्यूबा और निकारागुआ को वर्ष 2021 में इस सूची रखा गया।
    • अन्य दशों में अज़रबैजान, सीएआर, मिस्र, इंडोनेशिया, इराक, कज़ाखस्तान, मलेशिया, तुर्की और उज़्बेकिस्तान शामिल हैं।
  • EPCs के लिये: 
    • अल-शबाब, बोको हराम, हौथिस, हयात तहरीर अल-शाम (HTS), इस्लामिक स्टेट इन द ग्रेटर सहारा (ISGS), इस्लामिक स्टेट इन वेस्ट अफ्रीका प्रोविंस (ISWAP या ISIS-वेस्ट अफ्रीका) और जमात नस्र अल-इस्लाम वाल मुस्लिमिन (जेएनआईएम)। 

भारत के बारे में चिंताएंँ:

  • रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि सरकार ने "महत्त्वपूर्ण आवाज़ों का दमन किया", विशेष रूप से अल्पसंख्यक समुदायों और उन पर रिपोर्टिंग करने वाले व्यक्तियों की।  
    • इसमें कश्मीर में मानवाधिकार कार्यकर्त्ता खुरान परवेज की गिरफ्तारी और जुलाई 2021 में ऑक्टोजेरियन फादर स्टेन स्वामी की मौत का उल्लेख है, जिसे गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम 1967 (यूएपीए) के तहत अक्तूबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था।
  • रिपोर्ट में गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के सामने आने वाली चुनौतियों, विशेष रूप से विदेशी फंडिंग के बारे में भी बात की गई है।  
  • यह धर्मांतरण विरोधी कानूनों पर भी प्रकाश डालता है। अक्तूबर 2021 में कर्नाटक सरकार ने राज्य में चर्चों और पुजारियों के सर्वेक्षण का आदेश दिया तथा पुलिस को ईसाई धर्म में परिवर्तित हिंदुओं को खोजने के लिये घर-घर निरीक्षण करने हेतु अधिकृत किया। 

भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति:

  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25-28 तक धार्मिक स्वतंत्रता का एक मौलिक अधिकार के रूप में उल्लेख किया गया है।
    • अनुच्छेद 25 (अंतःकरण की स्वतंत्रता एवं धर्म को अबाध रूप से मानने, आचरण करने और प्रचार करने की स्वतंत्रता)।
    • अनुच्छेद 26 (धार्मिक कार्यों के प्रबंधन की स्वतंत्रता)।
    • अनुच्छेद 27 (किसी विशिष्ट धर्म की अभिवृद्धि हेतु करों के संदाय को लेकर स्वतंत्रता)।
    • अनुच्छेद 28 (कुछ विशिष्ट शैक्षिक संस्थाओं में धार्मिक शिक्षा या धार्मिक उपासना में उपस्थित होने को लेकर स्वतंत्रता)।
  • इसके अलावा संविधान के अनुच्छेद 29-30 में अल्पसंख्यकों के हितों की सुरक्षा से संबंधित प्रावधान हैं।

स्रोत: द हिंदू 

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