भारतीय समाज
अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस
- 26 Nov 2019
- 6 min read
प्रीलिम्स के लिये:
अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस
मेन्स के लिये:
महिला सशक्तीकरण से जुड़े मुद्दे
चर्चा में क्यों?
महिलाओं पर होने वाली हिंसा को रोकने के लिये प्रतिवर्ष 25 नवंबर को विश्व भर में अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस (International Day for the Elimination of Violence against Women) मनाया जाता है।
प्रमुख बिंदु:
- इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस का आयोजन संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2030 तक महिला हिंसा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत चलाए गए यूनाइट अभियान (UNiTE campaign) के अंतर्गत किया गया।
- वर्ष 2008 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा महिलाओं के खिलाफ हिंसा के उन्मूलन के लिये यूनाइट अभियान चलाया गया।
- इस वर्ष की थीम ऑरेंज द वर्ल्ड: जनरेशन इक्वलिटी स्टैंड अगेंस्ट रेप (Orange the world: Generation Equality Stand Against Rape) है।
- इसी क्रम में संयुक्त राष्ट्र द्वारा लोगों को जागरूक करने के लिये 16 डेज एक्टिविज्म अगेंस्ट जेंडर बेस्ड वाॅइलेंस कैम्पेन (16 Days Activism Against Gender Based Violence Campaign) का आयोजन 25 नवंबर से 10 दिसंबर तक किया जाएगा।
- संयुक्त राष्ट्र महिला ( United Nation’s Women) द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, विश्व भर में लगभग 15 मिलियन किशोर लडकियाँ (15-19 आयु वर्ग) अपने जीवन में कभी-न-कभी यौन उत्पीड़न का शिकार होती हैं।
- इसके अलावा 3 बिलियन महिलाएँ वैवाहिक बलात्कार (Marital Rape) की शिकार होती हैं।
- आँकड़ों के अनुसार, करीब 33% महिलाओं व लड़कियों को शारीरिक और यौन हिंसा का सामना करना पड़ता है।
- हिंसा की शिकार 50% से अधिक महिलाओं की हत्या उनके परिजनों द्वारा ही की जाती है।
- वैश्विक स्तर पर मानव तस्करी के शिकार लोगों में 50% वयस्क महिलाएं हैं।
- रिपोर्ट के अनुसार, विश्व भर में लगभग 650 मिलियन महिलाओं का विवाह 18 वर्ष से पहले हुआ है।
- WHO की रिपोर्ट के अनुसार प्रतिदिन 3 में से 1 महिला किसी न किसी प्रकार की शारीरिक हिंसा का शिकार होती है।
भारत के संदर्भ में:
- हाल ही में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Record Bureau) द्वारा राष्ट्रीय अपराध 2017 रिपोर्ट जारी की गई।
- रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के कुल 3,59,849 मामले दर्ज़ किये गए।
- इस सूची में सबसे अधिक मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज किये गए, इसके बाद क्रमशः महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं।
- महिलाओं के खिलाफ हिंसा के कुल मामलों में 27.9% मामले पति या परिजनों द्वारा किये गए उत्पीड़न के अंतर्गत दर्ज़ किये गए।
- इसके अलावा अपमान के उद्देश्य से किये हमले (21.7%), अपहरण (20.5%) और बलात्कार (7%) के मामले सामने आए।
भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदम :
- भारतीय संविधान के मौलिक अधिकारों से संबंधित अनुच्छेद 15(1) में राज्यों को आदेश दिया गया है कि केवल धर्म, मूलवंश, लिंग, जाति, जन्मस्थान के आधार पर कोई विभेद नहीं किया जाएगा।
- महिलाओं की सुरक्षा के लिये घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 पारित किया गया।
- महिलाओं के अधिकार और सुरक्षा के लिये कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 लाया गया।
संयुक्त राष्ट्र महिला (United Nations Women):
- वर्ष 2010 में संयुक्त राष्ट्र के महासभा द्वारा संयुक्त राष्ट्र महिला का गठन किया गया।
- यह संस्था महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तीकरण के क्षेत्र में कार्य करती है।
- इसके तहत संयुक्त राष्ट्र तंत्र के 4 अलग-अलग प्रभागों के कार्यों को संयुक्त रूप से संचालित किया जाता है:
- महिलाओं की उन्नति के लिये प्रभाग (Division for the Advancement of Women -DAW)
- महिलाओं की उन्नति के लिये अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थान (International Research and Training Institute for the Advancement of Women -INSTRAW)
- लैंगिक मुद्दों और महिलाओं की उन्नति पर विशेष सलाहकार कार्यालय (Office of the Special Adviser on Gender Issues and Advancement of Women-OSAGI)
- महिलाओं के लिये संयुक्त राष्ट्र विकास कोष (United Nations Development Fund for Women-UNIFEM)