नदियों को परस्पर जोड़ना | 27 Dec 2017

चर्चा में क्यों?
‘नदियों को जोड़ने’ संबंधी वर्ष 2002 की रिट याचिका (सिविल) संख्या 512 के साथ-साथ 2002 की रिट याचिका संख्या 668 के संबंध में हाल ही में अपने एक फैसले में उच्चतम न्यायालय ने भारत सरकार और विशेषकर जल संसाधन मंत्रालय को जल संसाधन मंत्री की अध्यक्षता में नदियों को जोड़ने के कार्यक्रम (Interlinking of Rivers Programme - ILR) के कार्यान्वयन हेतु एक समिति बनाने का निर्देश दिया।

पृष्ठभूमि

  • उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार, वर्ष 2014 में  केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री की अध्यक्षता में नदी जोड़ो कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिये “नदियों को जोड़ने की विशेष समिति” (Special Committee on Interlinking of Rivers) नामक एक समिति बनाई गई थी। 
  • इस समिति की अभी तक 13 बैठकें (पिछली बैठक 27.07.2017 को नई दिल्ली में हुई) हो चुकी हैं, जिनमें विभिन्न राज्यों के सचिवों सहित राज्य सिंचाई/जल संसाधन मंत्रियों द्वारा भाग लिया गया। 
  • आपको बता दें कि आई.एल.आर. की विशेष समिति द्वारा आई.एल.आर. परियोजनाओं की योजना बनाते समय स्टेक होल्डरों के सभी सुझावों/टिप्पणियों पर विचार किया जाता है।

इस विशेष समिति की पहली बैठक में निम्नलिखित 4 विशिष्‍ट उप-समितियों के गठन का निर्णय लिया गया थाः-

  • विभिन्‍न अध्‍ययनों/रिपोर्टों के व्‍यापक मूल्‍यांकन संबंधी उप-समिति (उप-‍समिति-।) ।
  • सबसे उपयुक्‍त वैकल्पिक योजना की पहचान हेतु प्रणाली अध्‍ययन संबंधी उप-समिति (उप-समिति-।।) ।
  • राष्‍ट्रीय जल विकास अभिकरण के पुनर्गठन संबंधी उप-समिति (उप-समिति-।।।) ।
  • बातचीत के माध्‍यम से सहमति बनाने और संबंधित राज्‍यों के बीच सहमति बनाने संबंधी उप-समिति (उप-समिति-IV) ।

नदियों को आपस में जोड़ने संबं‍धी कार्यबल का गठन (2015)
Constitution of Task Force for Interlinking of Rivers 

  • केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 24 जुलाई, 2014 को आयोजित बैठक में नदियों को आपस में जोड़ने संबंधी विशेष समिति के गठन का अनुमोदन करते समय निर्देश दिये थे कि नदियों को आपस में जोड़ने से संबंधित मामलों की देख-रेख के लिये विशेषज्ञों को शामिल करते हुए एक समिति का गठन किया जाए। 
  • मंत्रिमंडल के निर्देशों का अनुपालन करते हुए जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय द्वारा श्री बी.एन. नवलावाला (मुख्‍य सलाहकार, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय) की अध्‍यक्षता में नदियों को आपस में जोड़ने संबंधी कार्यबल (टीएफ-आईएलआर) का गठन किया गया।
  • यह कार्यबल नदियों को आपस में जोड़ने संबंधी कार्यक्रमों के कार्यान्‍वयन के संबंध में आई.एल.आर. संबंधी विशेष समिति और जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय को सहायता प्रदान करता है।

नदी जोड़ो कार्यक्रम की वर्तमान स्थिति

  • इस मंत्रालय द्वारा अगस्त, 1980 में तैयार अंतर-बेसिन जल अंतरण के माध्‍यम से जल संसाधन विकास के लिये राष्‍ट्रीय परिप्रेक्ष्‍य योजना (National Perspective Plan - NPP) के तहत एन.डब्‍ल्‍यू.डी.ए. (National Water Development Agency – NWDA) ने साध्‍यता रिपोर्ट (Feasibility Reports - FRs) तैयार करने हेतु 30 संपर्कों (प्रायद्वीपीय घटक के तहत 16 और हिमालयी घटक के तहत 14) की पहचान की है। 
  • सर्वेक्षण और जाँच के पश्‍चात् प्रायद्वीपीय घटक के तहत 14 संपर्कों और हिमालयी घटक में दो संपर्कों की एफआर (Feasibility Reports - FRs) तैयार कर ली गई है। 
  • अंतर-बेसिन जल अंतरण संपर्कों की वर्तमान स्थिति, संबंधित राज्‍य और लाभान्वित राज्‍य का विवरण अनुलग्‍नक (Annexure) पर दिया गया है।
  • संबंधित राज्‍यों की सहमति के आधार पर विस्‍तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने हेतु चार प्राथमिक संपर्कों जैसे केन-बेतवा संपर्क परियोजना (केबीएलपी) चरण-। और ।।, दमनगंगा-पिंजाल संपर्क, पार-तापी-नर्मदा संपर्क और महानदी-गोदावरी संपर्क की पहचान की गई है। 
  • केन-बेतवा चरण-। और ।।, दमन-गंगा-पिंजाल संपर्क, पार-तापी-नर्मदा की डीपीआर तैयार कर ली गई है और इसे संबंधित राज्‍यों के साथ साझा किया गया है। 
  • इसके अतिरिक्‍त, केबीएलपी चरण-। के लिये विभिन्‍न सांविधिक स्‍वीकृतियाँ प्राप्‍त की गई हैं। इस परियोजना से उत्‍तर प्रदेश और मध्‍य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के सूखा प्रवण क्षेत्रों को लाभ पहुँचेगा।
  • इसके अतिरिक्‍त, सांविधिक स्‍वीकृतियों के शर्ताधीन दमन-गंगा-पिंजाल संपर्क परियोजना के लिये तकनीकी-आर्थिक स्‍वीकृति भी प्रदान की गई है। 
  • पार-तापी-नर्मदा की डीपीआर केन्‍द्रीय जल आयोग में तकनीकी मूल्‍यांकन हेतु प्रस्‍तुत कर दी गई है। 
  • महानदी-गोदावरी संपर्क की डीपीआर का कार्य शुरू नहीं किया जा सका है, चूँकि ओडिशा सरकार मणिभद्रा बांध से होने वाले बृहद् आप्‍लावन के कारण महानदी-गोदावरी संपर्क, जो कि 9 संपर्क प्रणाली अर्थात् महानदी-गोदावरी-कृष्‍णा-पैन्‍नार-पलार-कावेरी-वैगई-गुंडार की जननी है, के लिये सहमति नहीं दी थी। 
  • डब्‍ल्‍यू.आर.डी. ओडिशा सरकार के सुझावों के आधार पर एन.डब्‍ल्‍यू.डी.ए. ने आप्‍लावन क्षेत्र में कमी सहित महानदी-गोदावरी संपर्क परियोजना का एक प्राथमिक संशोधित प्रस्‍ताव तैयार किया है और ओडिशा सरकार को प्रस्‍तुत किया है।

अंतर-बेसिन जल अंतरण जोड़ो की वर्तमान स्थिति, शामिल राज्य, नदियों के नाम और साध्यता रिपोर्टों/विस्तृत परियोजना रिपोर्ट की स्थिति

 क्र.सं.  नाम  नदियाँ  संबंधित राज्य  स्थिति
प्रायद्वीपीय घटक
 1. महानदी (मणिभद्रा) - गोदावरी (दोलेश्‍वरम) संपर्क महानदी और गोदावरी  ओडिशा, महाराष्‍ट्र, आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक और छत्‍तीसगढ़ साध्यता रिपोर्ट (एफआर) पूरी की गई है।
 2. गोदावरी (इंचमपल्‍ली) - कृष्‍णा (पुलीचिंताला) संपर्क गोदावरी और कृष्णा -वही- साध्‍यता रिपोर्ट पूरी की गई है।
 3.  गोदावरी (इंचमपल्‍ली) - कृष्‍णा (नागार्जुन सागर) संपर्क गोदावरी और कृष्णा ओडिशा, महाराष्‍ट्र, मध्य प्रदेश, आन्‍ध्र प्रदेश, कर्नाटक और छत्‍तीसगढ़ साध्‍यता रिपोर्ट पूरी की गई है।
 4. गोदावरी (पोलावरम) - कृष्‍णा (विजयवाड़ा) संपर्क गोदावरी और कृष्णा ओडिशा, महाराष्‍ट्र, आन्‍ध्र प्रदेश, कर्नाटक और छत्‍तीसगढ़ साध्‍यता रिपोर्ट पूरी की गई है।
 5. कृष्‍णा (अलमत्‍ती) - पेन्‍नार संपर्क कृष्णा और पेन्नार -वही- साध्‍यता रिपोर्ट पूरी की गई है।
 6. कृष्णा (श्रीसैलम) -पेन्‍नार संपर्क कृष्णा और पेन्नार -वही- साध्‍यता रिपोर्ट पूरी की गई है।
 7. कृष्णा (नागार्जुन सागर) - पेन्‍नार (सोमसिला) संपर्क कृष्णा और पेन्नार महाराष्ट्र, आन्‍ध्र प्रदेश और कर्नाटक साध्‍यता रिपोर्ट पूरी की गई है।
 8. पेन्नार (सोमसिला) -कावेरी (ग्रैण्‍ड एनीकट) संपर्क पेन्नार और कावेरी आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक,  तमिलनाडु, केरल और पुदुच्‍चेरी साध्‍यता रिपोर्ट पूरी की गई।
 9. कावेरी (कट्टालाई) -वैगई-गुन्‍डार संपर्क कावेरी, वैगाई और गुंडार कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल  और पुदुच्‍चेरी साध्यता रिपोर्ट पूरी की गई है।
 10. केन - बेतवा संपर्क केन और बेतवा उत्‍तर प्रदेश और मध्‍य प्रदेश साध्यता रिपोर्ट और विस्तृत साध्‍यता रिपोर्ट (चरण-। एवं ।।) पूरी की गई है।
 11. पार्वती – कालीसिंध - चंबल संपर्क पार्वती, कालीसिंध व चंबल मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्‍तर प्रदेश (उत्‍तर प्रदेश ने सहमति बनाने के समय विचार-विमर्श करने का अनुरोध किया) साध्यता रिपोर्ट पूरी की गई है।
 12. पार – तापी - नर्मदा संपर्क  पार, तापी और नर्मदा महाराष्ट्र और गुजरात साध्‍यता रिपोर्ट और विस्तृत साध्‍यता रिपोर्ट पूरी की गई है।
 13. दमनगंगा - पिंजाल संपर्क दमनगंगा और पिंजाल -वही- साध्‍यता रिपोर्ट और विस्तृत साध्‍यता रिपोर्ट पूरी की गई है।
 14. बेदती - वर्दा संपर्क बेदती और वर्दा महाराष्ट्र, आन्‍ध्र प्रदेश और कर्नाटक साध्यता पूर्व रिपोर्ट पूरी  की गई है।
 15. नेत्रावती - हेमावती संपर्क नेत्रवती और हेमवती कर्नाटक , तमिलनाडु और केरल साध्यता पूर्व रिपोर्ट पूरी की गई है।
 16. पंबा – अच्चनकोविल - वैप्‍पार संपर्क पंबा, अच्चनकोविल और वैप्‍पार केरल और तमिलनाडु साध्‍यता रिपोर्ट पूरी की गई है। 
हिमालयी घटक
 1. मानस-संकोश-तीस्‍ता–गंगा (एम-एस-टी-जी) संपर्क मानस-संकोश-तीस्‍ता-गंगा असम, पश्चिम बंगाल, बिहार और भूटान साध्यता पूर्व रिपोर्ट पूरी  की गई है।
 2. कोसी-घाघरा संपर्क कोसी और घाघरा बिहार, उत्‍तर प्रदेश  और नेपाल साध्यता पूर्व रिपोर्ट पूरी  की गई है।
 3. गंडक-गंगा संपर्क गंडक और गंगा -वही- प्रारूप साध्‍यता रिपोर्ट पूरी की गई (भारतीय भाग) है।
 4. घाघरा-यमुना संपर्क घाघरा और यमुना -वही- साध्यता रिपोर्ट  पूरी की गई (भारतीय भाग) है।
 5. शारदा-यमुना संपर्क शारदा और यमुना बिहार, उत्‍तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्‍थान, उत्‍तराखंड और नेपाल साध्यता रिपोर्ट  पूरी की गई (भारतीय भाग) है।
 6. यमुना-राजस्थान संपर्क यमुना और सुकरी उत्‍तर प्रदेश, गुजरात,  हरियाणा और राजस्‍थान प्रारूप साध्यता रिपोर्ट पूरी की गई है।
 7. राजस्थान-साबरमती संपर्क साबरमती -वही- प्रारूप साध्यता रिपोर्ट पूरी की गई है।
 8. चुनार-सोन बैराज संपर्क गंगा और सोन बिहार और उत्‍तर प्रदेश प्रारूप साध्यता रिपोर्ट पूरी की गई है।
 9. सोन बांध-गंगा संपर्क की दक्षिणी उपनदियाँ सोन और बदुआ बिहार और झारखंड साध्यता पूर्व रिपोर्ट पूरी की गई है। 
 10. गंगा (फरक्का)-दामोदर-सुबर्णरेखा संपर्क गंगा, दामोदर और सुबर्णरेखा पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड प्रारूप साध्यता रिपोर्ट पूरी की गई है।
 11. सुबर्णरेखा-महानदी संपर्क सुबर्णरेखा और महानदी पश्चिम बंगाल और ओडिशा प्रारूप साध्यता रिपोर्ट पूरी की गई है।
 12. कोसी-मेची संपर्क कोसी और मेची बिहार, पश्चिम बंगाल और नेपाल साध्यता पूर्व रिपोर्ट पूरी की गई, पूरी तरह नेपाल में पड़ता है।
 13. गंगा (फरक्‍का)-सुंदरबन संपर्क गंगा और इच्‍छामती पश्चिम बंगाल  प्रारूप साध्यता रिपोर्ट पूरी की गई है।
 14. जोगीघोपा-तीस्ता-फरक्का संपर्क (एम-एस-टी-जी का विकल्‍प) मानस, तीस्ता व गंगा -वही- (एम-एस-टी-जी संपर्क का विकल्प) छोड़ दिया गया ।