अंतर्राष्ट्रीय संबंध
एकीकृत सीमा सुरक्षा संरचना
- 11 Dec 2017
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चर्चा में क्यों ?
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा देश में सीमा सुरक्षा ग्रिड (Border Protection Grid - BPG) की मौजूदगी के संदर्भ में प्रकाश डाला गया। यह मुद्दा इस कारण प्रकाश में आया क्योंकि हाल ही में कोलकाता में भारत-बांग्लादेश सीमाई (Indo-Bangladesh Border - IBB) राज्यों के मुख्य मंत्रियों की एक बैठक का आयोजन किया गया था।
बी.पी.जी. क्या है?
- बी.पी.जी. देश की सीमा रेखा को सुरक्षित रखने का एक बहुआयामी एवं आसान तरीका है।
- ग्रिड के अंतर्गत विभिन्न तत्त्वों को शामिल किया जाता है जैसे -
► शारीरिक बाधाएँ
► गैर-भौतिक बाधाएँ
► निगरानी प्रणाली
► खुफिया एजेंसियों
► राज्य पुलिस
► बी.एस.एफ.
► अन्य राज्य एवं केंद्रीय एजेंसिया। - मुख्य सचिवों की अध्यक्षता वाली एक राज्य-स्तरीय स्थायी समिति द्वारा बी.पी.जी. की निगरानी आदि कार्य को संपन्न किया जाता है।
बी.पी.जी. की आवश्यकता क्यों है?
- देश के भीतर वैध व्यापार और वाणिज्य की सुविधा सुनिश्चित करने के लिये सीमाओं की सुरक्षा व्यवस्था एक बेहद महत्त्वपूर्ण पक्ष होता है। भारत और बांग्लादेश के मध्य मैत्रीपूर्ण संबंध स्थापित हैं।
- अत: इन दोनों देशों के मध्य कट्टरपंथ, अवैध प्रवास और पशुओं एवं मानव तस्करी, जाली भारतीय मुद्रा तथा ड्रग्स आदि को लाने-ले जाने जैसे मामलों के संबंध में सख्त कार्यवाही किये जाने की आवश्यकता है, ताकि इस क्षेत्र के साथ-साथ समस्त देश की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके।
भारत-बांग्लादेश सीमा
- भारत-बांग्लादेश सीमा की लम्बाई 4,096 किलोमीटर (पश्चिम बंगाल से 2,216 किमी. और त्रिपुरा से 856 किमी.) है। वे अन्य राज्य जो बांग्लादेश के साथ अपनी सीमा साझा करते हैं, उनमें मेघालय (443 किमी.), मिज़ोरम (318 किमी.) और असम.(263 किमी.) शामिल हैं।
- अभी तक मात्र 3006 किलोमीटर सीमा को बाड़बंदी, सड़कों, फ्लडलाइट्स और सीमावर्ती पोस्टों (बीओपी) जैसी बुनियादी ढाँचागत व्यवस्थाओं से व्यवस्थित किया गया है और शेष 1090 किमी. में अभी कार्य होना बाकी है।
‘दक्षिण बंगाल सीमांत ’क्षेत्र
- सीमा सुरक्षा बल के ‘दक्षिण बंगाल सीमांत ’ क्षेत्र का विस्तार पश्चिम बंगाल के सुंदरबन से लेकर मालदा तक है। इसे सीमा पर होने वाली तस्करी के लिये सबसे अधिक कमज़ोर और संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है।
- इस 918 किलोमीटर की सीमा में केवल एक तिहाई हिस्से पर ही सुरक्षा घेरा बनाया गया है, जबकि इसका 360 किमी. का बड़ा भाग तटवर्ती है, जहाँ दो देशों के मध्य प्रवाहित होने वाली नदियाँ एक अंतर्राष्ट्रीय सीमा का कार्य करती हैं।