आंतरिक सुरक्षा
‘एकीकृत युद्ध समूह' का शीघ्र परिचालन संभव
- 14 May 2020
- 4 min read
प्रीलिम्स के लिये:एकीकृत युद्ध समूह मेन्स के लिये:कोल्ड स्टार्ट डॉक्ट्रिन |
चर्चा में क्यों?
भारत के सेना प्रमुख ने सेना की दक्षिण पश्चिमी कमान को संबोधित करते हुए बताया कि भारतीय सेना ‘समग्र बदलाव’ (Overall Transformation) की दिशा में शीघ्र ही 'एकीकृत युद्ध समूह' (Integrated Battle Groups- IBG) का परिचालन किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु:
- भारतीय सेना ने युद्ध में बेहतर प्रदर्शन और दुश्मन पर त्वरित आक्रमण करने की अपनी क्षमता में वृद्धि करने के लिये ‘एकीकृत युद्ध समूह’ (Integrated Battle Groups-IBG) को अपनाने का निर्णय लिया है।
- IBG का गठन सेना की ‘कोल्ड स्टार्ट डॉक्ट्रिन’ (Cold Start Doctrine) के एक भाग के रूप में किया जा रहा है।
ब्रिगेड (Brigade):
- कमांड एक परिभाषित भौगोलिक क्षेत्र में फैली सेना की सबसे बड़ी स्थैतिक इकाई (Static Formation) होती है, जबकि वाहिनी (Corps) सबसे बड़ी गतिशील इकाई (Mobile Formation) होती है।
- सामान्यत: प्रत्येक वाहिनी (Corps) में तीन डिवीज़न होते हैं और प्रत्येक डिवीज़न में तीन ब्रिगेड होते हैं।
एकीकृत युद्ध समूह (IBG):
- IBG का आकार ब्रिगेड के आकार के समान होता है जो एक दक्ष और आत्मनिर्भर युद्ध व्यवस्था है जो युद्ध की स्थिति में शत्रु के विरुद्ध त्वरित आक्रमण करने में सक्षम है।
IBG का गठन:
- प्रत्येक IBG का गठन संभावित खतरों (Threat), भू-भाग (Terrain) एवं कार्यो (Task) के निर्धारण के आधार पर किया जाएगा और इन्हीं तीन आधारों (3Ts) पर IBG को संसाधनों का आवंटन भी किया जाएगा।
- IBG कार्यवाही करने हेतु अपनी अवस्थति के आधार पर 12 से 48 घंटों के भीतर संगठित होने में सक्षम होंगे।
IBG की कार्यप्रणाली:
- IBG आक्रामक और रक्षात्मक दोनों प्रकार की होंगे। जहाँ एक ओर आक्रामक IBG तीव्रता से कार्यवाही करते हुए दुश्मन के क्षेत्र में हमला करने में सक्षम होंगे, वहीं दूसरी ओर रक्षात्मक IBG दुश्मन के संभावित हमले के प्रति सुभेद्य क्षेत्रों की सुरक्षा करेंगे।
‘कोल्ड स्टार्ट डॉक्ट्रिन’ (Cold Start Doctrine):
- भारतीय संसद पर आतंकवादी हमले (वर्ष 2001) के बाद भारतीय सेना को आक्रामक प्रतिक्रिया करने में बहुत अधिक समय लगा। संसद पर हमले के बाद सैनिकों की 'तीव्र आक्रामक गतिशीलता' (Swift Offensive Mobilisation) बढ़ाने की दिशा में भारतीय सेना द्वारा 2004 में 'कोल्ड स्टार्ट' के सिद्धांत को तैयार किया।
- तात्कालिक जनरल विपिन रावत द्वारा वर्ष 2017 में पहली बार 'कोल्ड स्टार्ट' के अस्तित्त्व को स्वीकार किया गया, लेकिन अतीत में इसके अस्तित्त्व को लगातार नकार दिया गया था।
- यह डॉक्ट्रिन भारतीय सेना को दुश्मन के क्षेत्र में प्रवेश कर तीव्रता से कार्यवाही करने का लक्ष्य प्रदान करती है।