शासन व्यवस्था
विमान-वाहक पोत ‘विराट
- 26 Aug 2020
- 6 min read
प्रिलिम्स के लियेआईएनएस ‘विराट’, आईएनएस ‘विक्रांत’ मेन्स के लियेजहाज़ों को संग्रहालयों में परिवर्तित करने का उद्देश्य और महत्त्व |
चर्चा में क्यों?
3 वर्ष पूर्व सेवामुक्त हुए विमान-वाहक पोत ‘विराट’ (INS Viraat) को अगले माह मुंबई से गुजरात के अलंग (Alang) कस्बे में स्थित शिप यार्ड में लाकर कबाड़ (Scrapped) में परिवर्तित किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- भारतीय नौसेना के अनुसार, धातु स्क्रैप व्यापार निगम लिमिटेड (MSTC) द्वारा विमान-वाहक पोत ‘विराट’ को ई-नीलामी के माध्यम से गुजरात के ‘श्री राम ग्रीन शिप रीसाइक्लिंग इंडस्ट्रीज़’ को बेच दिया गया है।
- श्री राम ग्रीन शिप रीसाइक्लिंग इंडस्ट्रीज़ ने INS विराट को कुल 38 करोड़ रुपए में खरीदा है, हालाँकि श्री राम ग्रुप ने अभी तक सुपुर्दगी आदेश (Delivery Order) नहीं दिया है।
कारण
- विमान-वाहक पोत ‘विराट’ (INS Viraat) को मार्च 2017 से डिकमीशन या सेवामुक्त किया गया था और तभी से नौसेना अपने खर्च बजट पर बिजली, पानी की व्यवस्था और मरम्मत आदि पर खर्च कर रही थी।
- इसके अलावा यह भीड़-भाड़ वाले मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड (Dockyard) में भी काफी स्थान घेर रहा था।
संग्रहालय में परिवर्तन के प्रयास
- डिकमीशन या सेवामुक्त होने के बाद से ही आईएनएस विराट (INS Viraat) को आईएनएस विक्रांत (INS VIKRANT) की तरह कबाड़ (Scrapped) में परिवर्तित न करने की मांग की जा रही थी।
- कई राज्य की सरकारों ने इसे संग्रहालय के रूप में परिवर्तन करने को लेकर प्रस्ताव दिये थे, किंतु इनमें से किसी को भी स्वीकार नहीं किया गया।
- पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्त्व वाली आंध्रप्रदेश सरकार ने इस संबंध में कई प्रयास किये थे, इन प्रयासों के तहत अक्तूबर 2016 में आंध्रप्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार के साथ एक संयुक्त उद्यम के माध्यम से आईएनएस विराट को एक विमान संग्रहालय में परिवर्तित करने का प्रस्ताव दिया था। हालाँकि 2 माह के बाद रक्षा मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को खारिज़ कर दिया।
- महाराष्ट्र सरकार ने भी इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया था, किंतु उसमें कुछ प्रगति संभव नहीं हो सकी थी।
जहाज़ों का संग्रहालयों में परिवर्तन
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विमान-वाहक पोत ‘विराट’ के बारे में
- सेंतौर श्रेणी (Centaur Class) का विमान वाहक पोत आईएनएस विराट को एच.एम.एस. हर्मस (HMS Hermes) नाम से वर्ष 1959 में ब्रिटिश नौसेना में तैनात किया गया था।
- यह लगभग 25 वर्षों तक ब्रिटिश नौसेना में कार्यरत रहा और फिर वर्ष 1984 में इसे सेवा से मुक्त कर दिया गया, जिसके पश्चात् मई 1987 में इसका आधुनिकीकरण किया गया और इसे भारतीय नौसेना में शामिल कर लिया गया।
- विमान-वाहक पोत ‘विराट’ को मार्च 2017 में नौसेना से मुंबई के नेवल डॉकयार्ड में डिकमीशन किया गया था।
- आईएनएस विराट विश्व में सबसे अधिक समय तक सेवारत रहने वाला युद्धपोत है।