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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

इज़राइल से सीखा जा सकता है नवाचार

  • 02 Aug 2019
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में जारी वैश्विक नवाचार सूचकांक में भारत को 130 देशों में 52वाँ स्थान प्राप्त हुआ।

प्रमुख बिंदु:

  • भारत ने लगातार 9वें वर्ष मध्य और दक्षिण एशियाई क्षेत्र में शीर्ष स्थान हासिल किया।
  • भारत का इस सूचकांक में वर्ष 2015 में 81वाँ रैंक था। इसके बाद सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की अपेक्षा तेज़ी से वृद्धि करते हुए उसने वर्ष 2018 में 52वाँँ स्थान प्राप्त किया।

इज़राइल में नवाचार की स्थिति

  • इस वर्ष रैंकिंग में स्विट्जरलैंड प्रथम स्थान पर रहा, वही इज़राइल ने ड्रिप सिंचाई, USB ड्राइव, साइबर सुरक्षा और अनुकूलित कृषि (Precision Farming) इत्यादि क्षेत्रों में बढ़िया काम करते हुए उत्तरी अफ्रीका और पश्चिम एशिया क्षेत्र के किसी भी देश में से पहली बार शीर्ष 10 की सूची में स्थान प्राप्त किया।
  • अलग देश के रूप में इज़राइल का जन्म वर्ष 1948 में भारत की स्वतंत्रता के आस-पास ही हुआ। ऐसे में कम जनसंख्या के कारण छोटा घरेलू बाज़ार, पड़ोसी देशों से शत्रुता और प्राकृतिक संसाधनों का अभाव जैसी चुनौतियों के बीच यह उपलब्धि हासिल करना बेहद प्रशंसनीय है।
  • इज़राइल के नीति-निर्माताओं ने मानव बौद्धिक पूँँजी में निवेश और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के लिये प्रौद्योगिकी आधारित उद्योगों पर ध्यान दिया और प्राकृतिक संसाधनों पर अपनी निर्भरता कम कर दी। ऐसे उत्पाद तैयार किये गए जिसे विश्व में कहीं भी निर्यात किया जा सकता है।
  • आज इज़राइल अपने सकल घरेलू उत्पाद का 7% शिक्षा और 4.2% अनुसंधान और विकास पर खर्च करता है। इज़राइल में 45% से अधिक वयस्क तृतीयक शिक्षा पूरी करते हैं।
  • इज़राइल विश्वविद्यालय, आज अमेरिका में पेटेंट आवेदनों में शीर्ष पर हैं। इज़राइल के कॉलेजों में फेसबुक, गूगल, ऐप्पल, HP और माइक्रोसॉफ्ट जैसे 250 से अधिक वैश्विक कंपनियों ने अनुसंधान और विकास लैब खोल रखी हैं।
  • इज़राइल के पास विश्व के किसी भी देश की तुलना में प्रति व्यक्ति उच्च प्रौद्योगिकी स्टार्टअप्स की संख्या सबसे अधिक है तथा इसके कुल निर्यात में 45% उच्च प्रौद्योगिकी उत्पाद शामिल होते हैं। सिलिकॉन वैली के बाद तेल अवीव दूसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इको-सिस्टम है।
  • इज़राइल का योज़मा वेंचर फंडिंग प्लान (Yozma Venture Funding Plan) और तकनीकी इनक्यूबेटर प्रोग्राम (Technological Incubator Programme) जैसे कार्यक्रम विश्व के अन्य देशों के लिये एक प्रकार के केस स्टडी का कार्य करते हैं।
  • इज़राइल ने लवणीय जल का विलवणीकरण कर स्वयं को सबसे शुष्क देश से अधिशेष जल वाले देश के रूप में बदला तथा साथ ही ड्रिप सिंचाई और अनुकूलित कृषि के माध्यम से रेगिस्तान को भी जैतून और खजूर की कृषि के अनुकूल कर लिया।
  • इज़राइल ने दुश्मनों से घिरे होने और लगातार आतंकवाद से लड़ने के लिये रक्षा के क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीकों में भारी निवेश किया है।
  • विश्व की सबसे बड़ी साइबर सुरक्षा कंपनी चेक पॉइंट (Check Point) इज़राइल में स्थित है। वास्तव में वैश्विक साइबर सुरक्षा बाज़ार का 10% हिस्सा इज़राइल के नियंत्रण में है।

नवाचारों में भारत की स्थिति

  • भारत में खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा, जल और राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियाँ मौजूद हैं, साथ ही देश में स्थिरता को मज़बूत करना और स्वास्थ्य सेवा में भी काफी सुधार की ज़रूरत है। इन सब के लिये भारत के पास पर्याप्त धन का अभाव है।
  • भारत में अनुसंधान और विकास में GDP का मात्र 0.7% खर्च किया जा रहा है तथा इस निवेश का बहुत कम हिस्सा विश्वविद्यालयों में जाता है, क्योंकि सार्वजनिक अनुसंधान और विकास का एक बड़ा हिस्सा अंतरिक्ष, ऊर्जा और रक्षा क्षेत्रों में चला जाता है। भारत के विपरीत चीन ने अनुसंधान और विकास पर खर्च वर्ष 2006 में GDP के 1.3% से बढ़ाकर वर्ष 2018 में 2.18% कर दिया है।

भारत को अपने स्वदेशी नवाचार में कम लागत/कीमत पर लोगों को उत्पाद और सेवाएँ उपलब्ध कराने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिये। भारत की चुनौतियों का समाधान होने के बाद स्वदेशी उद्यमियों के लिये वैश्विक अवसर उपलब्ध हो जाएंगे। इज़राइल ने ठीक ऐसा ही किया है।

स्रोत: द हिंदू (बिज़नेस लाइन)

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