अफ्रीकी देशों के साथ व्यापार बढ़ाने के लिये पहल | 08 May 2019
चर्चा में क्यों?
3 एवं 6 मई, 2019 को भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय और 11 अफ्रीकी देशों के भारतीय कारोबारी समुदाय के बीच डिजिटल वीडियो कॉन्फ्रेंस (Digital Video Conference-DVC) के ज़रिये संवाद स्थापित किया गया। भारतीय समुदाय के साथ संवाद का आयोजन तंज़ानिया, युगांडा, केन्या, जाम्बिया, मॉरीशस, नाइजीरिया, मोज़ाम्बिक, घाना, दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना और मेडागास्कर में किया गया।
उद्देश्य
- इस पहल का उद्देश्य अफ्रीका में रह रहे भारतीय समुदाय के साथ प्रभावशाली सहभागिता सुनिश्चित करना है, ताकि भारत एवं अफ्रीका के बीच व्यापार संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ तथा सुदृढ़ किया जा सके।
भारत और अफ्रीकी क्षेत्र के मध्य व्यापार
- वर्ष 2017-18 के दौरान अफ्रीकी क्षेत्र के साथ भारत का कुल व्यापार 62.69 अरब अमेरिकी डॉलर का हुआ, जो पूरे विश्व के साथ भारत के कुल व्यापार का 8.15 प्रतिशत है।
- वर्ष 2017-18 में भारत से पूरे विश्व को किये गए कुल निर्यात में से 8.21 प्रतिशत हिस्सेदारी भारत से अफ्रीकी देशों को किये गए निर्यात की रही। वर्ष 2017-18 में पूरे विश्व से भारत में हुए कुल आयात में अफ्रीकी क्षेत्र की हिस्सेदारी 8.12 प्रतिशत आँकी गई।
भारत के लिये अफ्रीका का महत्त्व
- दुनिया का सबसे बड़ा भू-क्षेत्र, 54 देश, भारत के लगभग समतुल्य आबादी, विशाल खनिज संसाधन, तेल संपदा, युवा आबादी, घटती गरीबी और वस्तुओं की बढ़ती खपत वाले अफ्रीकी क्षेत्र में भारत के लिये मौजूदा समय में व्यापक अवसर हैं।
- अत: अफ्रीका में बाज़ार प्रवेश, स्थिर बाजार पहुँच, उद्यमिता और परिवहन, दूरसंचार, पर्यटन, वित्तीय सेवाओं, अचल संपत्ति (रियल एस्टेट) एवं निर्माण क्षेत्रों में निवेश से जुड़े नए बिज़नेस मॉडलों की भारी मांग है।
- अफ्रीका हमारे ऊर्जा स्रोतों में विविधता लाने में मदद कर सकता है, जो हमारी एकीकृत ऊर्जा नीति के घोषित उद्देश्यों में से एक है।
- अफ्रीका में सोने और हीरे सहित मूल्यवान खनिजों, धातुओं का समृद्ध भंडार भी है। अफ्रीका भारतीय निवेश के लिये बेहतर स्थान है।
- अफ्रीका भारत की सॉफ्ट और हार्ड पावर क्षमता दोनों को प्रदर्शित करने हेतु इसे स्थान प्रदान करता है।
- यूनाइटेड नेशन पीस कीपिंग ऑपरेशन के माध्यम से अफ्रीकी देशों की शांति और स्थिरता में भारत सक्रिय रूप से शामिल रहा है।
- अफ्रीकी देशों के साथ भारत की भागीदारी हमेशा द्विपक्षीय रही है। उदाहरण के तौर पर भारत-दक्षिण अफ्रीका द्विपक्षीय संबंध को देखा जा सकता है। साथ ही जिन विभिन्न व्यापारिक गुटों के साथ साझेदारी के लिये प्रयास किया जाना चाहिये उनमें COMESA, ECOWAS, ECCAS, अफ्रीका के प्रमुख मुक्त व्यापार क्षेत्र हैं।
इन 11 देशों में भारतीय कारोबारी समुदाय ने जिन प्रमुख मुद्दों पर प्रकाश डाला वे निम्नलिखित हैं –
- ऋण प्रणाली को बेहतर बनाने के साथ-साथ किफायती एवं प्रतिस्पर्द्धी वित्तपोषण के लिये एक उपयुक्त सुविधा विकसित करना।
- अफ्रीका में भारतीय बैंकों/वित्तीय संस्थानों की स्थापना करना।
- दोनों क्षेत्रों के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिये क्रेता ऋण सुविधा बढ़ाना।
- दोनों ही पक्ष वीज़ा नीतियों की समीक्षा करें एवं इन्हें उदार बनाएँ।
- भारत और अफ्रीकी देशों के बीच सीधी उड़ानों की ज़रूरत।
- क्षेत्र में डॉलर की किल्लत की समस्या सुलझाने के लिये रुपए में व्यापार की संभावनाएँ तलाशना।
- द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने के लिये आवश्यक मिलान सुनिश्चित करने हेतु दोनों क्षेत्रों में क्रेता-आपूर्तिकर्त्ताओं का साझा डेटाबेस तैयार किया जाना।
- सुदृ़ढ व्यापार विवाद निपटान प्रणाली विकसित करना।
- अफ्रीका में और ज़्यादा एवं सुव्यवस्थित देश/सेक्टर विशिष्ट व्यापार प्रदर्शनियाँ आयोजित किया जाना।
- अफ्रीका में फिक्की अथवा सीआईआई के कंट्री चैप्टर की स्थापना करना।
- स्थानीय कारोबारी एवं निवेश माहौल से परिचित होने के लिये नीति निर्माताओं, वाणिज्य मंडलों और निवेशकों के दौरे बार-बार आयोजित करना, ताकि अच्छी तरह से सोच-समझकर सही निर्णय लिये जा सकें।
अफ्रीका में भारतीय समुदाय की भूमिका
- अफ्रीका में रह रहा भारतीय समुदाय सभी क्षेत्रों जैसे कि राजनीति, व्यवसाय और शिक्षा में अहम भूमिका निभा रहा है। नवीनतम उपलब्ध अनुमानों के अनुसार, अफ्रीकी देशों में भारतीय समुदाय की मौजूदा संख्या 2.8 मिलियन है, जिनमें से 2.5 मिलियन पी.आई.ओ. (भारतीय मूल के व्यक्ति) हैं, जबकि शेष 220967 अनिवासी भारतीय (एन.आर.आई.) हैं (प्रवासी भारतीय मामलों का मंत्रालय, 2016)। दुनिया भर में रह रहे अनिवासी भारतीयों में से 9.11 प्रतिशत अफ्रीका में रहते हैं।
- अफ्रीका में रह रहा संपन्न एवं विशाल भारतीय समुदाय ही इस महाद्वीप में भारत की अंतर्निहित ताकत है। भारतीय समुदाय ने अफ्रीकी महाद्वीप की राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक हस्तियों के साथ मज़बूत संबंध स्थापित कर रखे हैं।
- भारत एवं अफ्रीका के बीच व्यापार व निवेश को बढ़ावा देने हेतु एक उपयुक्त रणनीति तैयार करने के लिये अफ्रीका के भारतीय समुदाय से और ज्यादा लाभ उठाना होगा, ताकि इस रणनीति को कारगर बनाना सुनिश्चित किया जा सके। भारतीय कारोबारी समुदाय से सुझाव भी मांगे गए थे।