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भारतीय अर्थव्यवस्था

कन्वेंशन सेंटर्स को बुनियादी ढांँचे का दर्जा

  • 21 May 2021
  • 4 min read

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में वित्त मंत्रालय द्वारा  एक्जीबिशन/प्रदर्शनी स्थलों और कन्वेंशन/सम्मेलन केंद्रों (Convention Centres) को 'बुनियादी ढांँचे' का दर्जा दिया गया है।

  • वर्ष 2020 में सरकार ने बुनियादी ढांँचे के रूप में मान्यता प्राप्त क्षेत्रों की सूची में किफायती किराया आवास योजनाओं (Affordable Rental Housing Project) को शामिल किया था।

प्रमुख बिंदु: 

एक्जीबिशन-कम-कन्वेंशन सेंटर के बुनियादी ढांँचे की स्थिति: 

  • एक्जीबिशन-कम-कन्वेंशन सेंटर/प्रदर्शनी-सह-सम्मेलन केंद्र को एक नई वस्तु के रूप में सामाजिक और वाणिज्यिक अवसंरचना (Social and Commercial Infrastructure) की श्रेणी में इन्फ्रास्ट्रक्चर उप-क्षेत्रों (Infrastructure Sub-Sectors) की सामंजस्यपूर्ण मूल सूची में शामिल किया गया है।
  • हालांँकि ‘बुनियादी ढांँचा’ परियोजनाओं का लाभ केवल  उन्ही परियोजनाओं को मिलेगा,  जिनका न्यूनतम निर्मित फर्श क्षेत्र (Minimum Built-Up Floor Area)  1,00,000 वर्ग मीटर का प्रदर्शनी स्थान (Exhibition Space) या कन्वेंशन स्पेस (Convention Space) या दोनों संयुक्त रूप से शामिल हों।
    • इसमें प्राथमिक सुविधाएंँ जैसे- प्रदर्शनी केंद्र/एक्जीबिशन सेंटर, कन्वेंशन हॉल, ऑडिटोरियम, प्लेनरी हॉल, बिज़नेस सेंटर, मीटिंग हॉल आदि शामिल हैं।
  • यह कदम भारत के पर्यटन क्षेत्र में इस प्रकार की और परियोजनाओं को शुरू करने में मदद करेगा।

बुनियादी ढांँचे की आवश्यकता:

  • थाईलैंड जैसे देशों जो कि एक प्रमुख वैश्विक एमआईसीई गंतव्य (MICE destination) हैं, के विपरीत भारत में 7,000 से 10,000 लोगों की क्षमता वाले बड़े कन्वेंशन सेंटर या सिंगल हॉल नहीं हैं।
  • भारत के MICE गंतव्य जिसमें मीटिंग (Meetings), इंसेंटिव (Incentive), कॉन्फ्रेंस (Conference) और एक्जीबिशन (Exhibition)  शामिल हैं, बनने से देश में सक्रिय कई वैश्विक कंपनियों से महत्त्वपूर्ण राजस्व की प्राप्ति की जा सकती है।

अवसंरचना उप-क्षेत्रों की सुसंगत मूल सूची:

  • इस सूची को वित्त मंत्रालय द्वारा अधिसूचित किया गया है। इसमें निम्नलिखित श्रेणियांँ शामिल हैं:
    • परिवहन और संचालन: सड़कें और पुल, अंतर्देशीय जलमार्ग, हवाई अड्डा, आदि।
    • ऊर्जा: विद्युत उत्पादन, विद्युत संचरण, आदि।
    • जल और स्वच्छता: ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, जल उपचार संयंत्र, आदि।
    • संचार: दूरसंचार आदि।
    • सामाजिक और वाणिज्यिक अवसंरचना: शिक्षा संस्थान (शेयर पूंजी), खेल अवसंरचना, अस्पताल (शेयर पूंजी), पर्यटन अवसंरचना, आदि।
  • सूची में शामिल करने का तात्पर्य है रियायती निधि तक पहुंँच, परियोजनाओं को बढ़ावा देना और निर्दिष्ट उप-क्षेत्रों हेतु निर्माण की निरंतरता  का बने  रहना।
  • हालांँकि इंफ्रास्ट्रक्चर टैग में अब महत्त्वपूर्ण  टैक्स ब्रेक (Vital Tax Breaks) शामिल नहीं हैं।

स्रोत: द हिंदू

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