भारत-यूके कैंसर शोध पहल (Indo-UK Cancer Research Initiative) | 16 Nov 2018
संदर्भ
हाल ही में भारत-यूके कैंसर शोध पहल के लिये जैव प्रौद्योगिकी विभाग और कैंसर शोध, यूके के बीच सहमति-पत्र पर हस्ताक्षर किये गए। हम सभी जानते हैं कि कैंसर एक वैश्विक महामारी है और इससे निपटने के लिये बहुराष्ट्रीय प्रयासों की आवश्यकता है। दोनों देशों द्वारा शुरू किये गए इस पहल के माध्यम से भारत और यूके के वैज्ञानिक और शोधकर्त्ता कैंसर के सस्ते इलाज का समाधान ढूंढेंगे।
पहल के बारे में
- 14-16 नवंबर, 2018 तक नई दिल्ली में आयोजित पहले शोधार्थी सम्मेलन के दौरान भारत-यूके कैंसर शोध पहल को लॉन्च किया गया। यह सम्मेलन वैज्ञानिकों, शोधार्थियों, चिकित्साकर्मियों, जनस्वास्थ्य विशेषज्ञों आदि को ज्ञान साझा करने तथा परस्पर संवाद का अवसर प्रदान करने के लिये आयोजित किया गया।
- भारत-यूके कैंसर शोध पहल विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) तथा कैंसर रिसर्च, यूके (CRUK) के बीच पाँच वर्षों के लिये एक द्विपक्षीय शोध पहल है।
- इस पहल के अंतर्गत कैंसर के सस्ते इलाज पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- DBT और CRUK में से प्रत्येक इन पाँच वर्षों के दौरान 5 मिलियन पाउंड का निवेश करेंगे और अन्य सहयोगियों से अतिरिक्त निवेश प्राप्त करने का प्रयास करेंगे।
- भारत-यूके कैंसर शोध पहल, शोध की ऐसी चुनौतियों की पहचान करेगा जो कैंसर के सस्ते ईलाज, रोकथाम और देखभाल पर आधारित होगी।
पृष्ठभूमि
- भारतीय प्रधानमंत्री की यूके यात्रा के दौरान भारत तथा यूके द्वारा दिये गए संयुक्त वक्तव्य के आलोक में यह निर्णय लिया गया है।
- यूके और भारत वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिये अपने अनुभव और ज्ञान को साझा कर रहे हैं।
- भारत का जैव-प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) और कैंसर रिसर्च, यूके ने द्विपक्षीय शोध पहल के लिये 10 मिलियन पाउंड के निवेश का प्रस्ताव दिया है।
निष्कर्ष
वर्तमान में कोई भी देश कैंसर से अछूता नहीं है। पूरी दुनिया में हर साल लाखों लोग इस बीमारी की चपेट में आते हैं। कैंसर की चुनौती से निपटने के लिये विश्व के वैज्ञानिकों को साथ मिलकर शोध करने कीआवश्यकता को देखते हुए भारत तथा यूके द्वारा शुरू की गई यह पहल निश्चित रूप से सराहनीय है।