कैलाश मानसरोवर यूनेस्को की अस्थायी सूची में शामिल | 02 Jul 2019
चर्चा में क्यों?
हाल ही में संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री ने ‘सेक्रेड माउंटेन लैंडस्केप एंड हेरिटेज रूट’ (कैलाश मानसरोवर का भारतीय भाग) को भारत के विश्व धरोहर स्थलों की अस्थायी सूची में शामिल किये जाने की घोषणा की है।
मुख्य बिंदु :
- इसे अप्रैल 2019 में मिश्रित स्थल के रूप में प्रस्तावित किया गया था।
- यूनेस्को द्वारा दिये गए निर्देशों के अनुसार, अंतिम नामांकन करने से पूर्व किसी भी स्थल को कम-से-कम एक वर्ष के लिये यूनेस्को की अस्थायी सूची में रहना पड़ता है।
- एक बार नामांकन होने के पश्चात् उस स्थल को विश्व धरोहर केंद्र (World Heritage Centre - WHC) में भेज दिया जाता है।
- जिसके पश्चात् विश्व धरोहर समिति द्वारा किसी भी स्थल को विश्व धरोहर सूची में स्थायी रूप से शामिल करने के लिये जाता है।
क्या होता है विश्व धरोहर स्थल?
- सांस्कृतिक और प्राकृतिक महत्त्व के स्थलों को हम विश्व धरोहर या विरासत कहते हैं।
- ये स्थल ऐतिहासिक और पर्यावरण के लिहाज़ से भी महत्त्वपूर्ण होते हैं।
- इनका अंतरराष्ट्रीय महत्त्व होता है तथा इनके सरंक्षण हेतु विशेष प्रयास किये जाते हैं।
- ऐसे स्थलों को आधिकारिक तौर पर संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनेस्को, विश्व धरोहर की मान्यता प्रदान करती है।
- कोई भी स्थल जो मानवता के लिये ज़रूरी है, जिसका कि सांस्कृतिक और भौतिक महत्त्व है, उसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर के तौर पर मान्यता दी जाती है।
भारत के विश्व धरोहर स्थल
- भारत में कुल 37 मूर्त विरासत धरोहर स्थल (29 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक और 1 मिश्रित) हैं और 13 अमूर्त सांस्कृतिक विरासतें हैं।
भारत में विश्व धरोहर स्थल |
|||
मूर्त विरासतें | अमूर्त सांस्कृतिक विरासतें | ||
सांस्कृतिक | प्राकृतिक | मिश्रित | |
|
|
|
|