एस्टोनिया, पराग्वे और डोमिनिकन गणराज्य में भारतीय मिशन | 31 Dec 2020

चर्चा में क्यों?

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वर्ष 2021 में एस्टोनिया, पराग्वे और डोमिनिकन गणराज्य में 3 भारतीय मिशन स्थापित करने की मंज़ूरी प्रदान की है।

प्रमुख बिंदु 

उद्देश्य: 

  • इन देशों के साथ मैत्रीपूर्ण साझेदारी द्वारा भारत के विकास के लिये अनुकूल वातावरण का निर्माण करना।

संभावित लाभ:

  • इन देशों में भारतीय मिशन की स्थापना से भारत के कूटनीतिक संबंधों के विस्तार के साथ ही, राजनीतिक संबंधों में मज़बूती आएगी तथाद्विपक्षीय व्यापार, निवेश और आर्थिक जुड़ाव विकास के चलते, लोगों के मध्य संपर्क को मज़बूत करने, विभिन्न मंचों के माध्यम से बहुपक्षीय राजनीतिक संपर्क को बढ़ावा देने तथा भारतीय विदेश नीति के उद्देश्य के लिये समर्थन प्राप्त करने में मदद मिलेगी। 
  • भारतीय मिशन इन देशों में भारतीय समुदाय की बेहतर ढंग से सहायता करने में सक्षम होंगे तथा उनके हितों की रक्षा कर पाएंगे ।
  • इससे वैश्विक स्तर पर भारत की राजनयिक उपस्थिति में वृद्धि होगी, साथ ही भारतीय कंँपनियों की वैश्विक बाज़ार तक पहुंँच, भारतीय वस्तुओं और सेवाओं के परिणामस्वरूप निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।
    • इसका सीधा असर ‘आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य के अनुरूप घरेलू उत्पादन और रोज़गार को बढ़ाने में होगा।

तीनों देशों के साथ संबंध:

  • एस्टोनिया:Estonia
    • यह तीन बाल्टिक देशों में सबसे उत्तरी देश है।
      • बाल्टिक देशों में एस्टोनिया, लातविया और लिथुआनिया शामिल हैं जो यूरोप के उत्तर पूर्वी क्षेत्र में बाल्टिक सागर के पूर्वी किनारे पर स्थित हैं।
      • बाल्टिक क्षेत्र प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध नहीं है। हालांँकि एस्टोनिया महत्त्वपूर्ण तेल उत्पादक क्षेत्र है, बावजूद इसके यह खनिज और ऊर्जा संसाधनों का एक बड़ा हिस्सा आयात करता है।
    • एस्टोनिया ने भारतीय निर्णय का स्वागत किया है तथा कहा कि यह दोनों देशों के मध्य विशेष रूप से व्यापार और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में संबंधों को मज़बूत करेगा।
      • भारत के इस फैसले का वर्ष 2013 से इंतजार किया जा रहा था जब एस्टोनिया ने दिल्ली में अपना दूतावास स्थापित किया। वहीँ भारत द्वारा पड़ोसी देश फिनलैंड में अपने दूतावास के माध्यम से एस्टोनिया से संबंधो को मज़बूती प्रदान करने के साथ ही अपने कार्यों का संचालन किया जाता है।
    • भारत और एस्टोनिया अगले वर्ष ‘सुरक्षा परिषदके सदस्यों में भी शामिल होगें।
    • दोनों देशों के मध्य सूचना प्रौद्योगिकी, साइबर सुरक्षा, ई-गवर्नेंस और ब्लॉक चेन के क्षेत्र में आर्थिक भागीदारी बढ़ाने की अपार संभावनाएँ हैं।
      • दोनों देशों के मध्य वर्ष 2018-19 में कुल द्विपक्षीय व्यापार 172.53 मिलियन अमेरिकी डाॅलर का था जो वर्ष 2017-18 की तुलना में 22.5% अधिक रहा।
  • पराग्वे:
    • Paraguayयह दक्षिण अमेरिका के दक्षिण-मध्य में स्थित एक स्थल अवरुद्ध/लैंडलॉक देश है।
    • यहाँ बहने वाली नदियाँ अटलांटिक महासागर में गिरती हैं, जो पनबिजली संयंत्रों के प्रमुख केंद्रों के रूप में कार्य करती हैं इसी कारण पराग्वे को जलविद्युत के मामले में विश्व के सबसे बड़े निर्यातक देशों में शामिल किया जाता है।
    • पराग्वे मर्कोसुर (MERCOSUR) का सदस्य है।
      • दक्षिणी साझा बाज़ार जिसे स्पेनिश में मर्कोसुर कहाँ जाता है क्षेत्रीय एकीकरण की एक प्रक्रिया है। इसे अर्जेंटीना, ब्राज़ील, पराग्वे और उरुग्वे देशों द्वारा शुरू किया गया था तथा बाद में वेनेजुएला और बोलिविया भी इस प्रक्रिया में शामिल हो गए।
      • भारत द्वारा मर्कोसुर से सुविधा प्राप्त करने के लिये व्यापार समझौता किया गया है।
    • पराग्वे ने वर्ष 2006 में दिल्ली में अपना मिशन स्थापित किया।
    • वित्त वर्ष 2018-19 में भारत द्वारा पराग्वे को कुल 161 मिलियन अमेरीकी डॉलर का निर्यात किया गया था, जबकि पराग्वे का कुल निर्यात मूल्य 21 मिलियन अमेंरीकी डॉलर का था। भारत द्वारा पराग्वे को किए गये निर्यात में 90% सोयाबीन तेल शामिल है।
  • डोमिनिकन गणराज्य:Dominican-Republic
    • यह वेस्टइंडीज़ (विभिन्न द्वीपीय देशों का समूह) का एक देश है जो कैरिबियन सागर में ग्रेटर एंटीलिज शृंखला के दूसरे सबसे बड़े द्वीप हिसपनिओला के पूर्व में दो-तिहाई हिस्से में फैला हुआ है।
    • इसने वर्ष 2006 में दिल्ली में अपना मिशन स्थापित किया था।
    • डोमिनिकन गणराज्य में भारत का निर्यात कम है परंतु यह बढ़ रहा है। वर्तमान में द्विपक्षीय व्यापार लगभग 120 मिलियन अमेंरीकी डाॅलर का है।
    • भारत से निर्यात की जाने वाली प्रमुख वस्तुओं में सूती और रेडीमेड वस्त्र, ड्रग्स और फार्मास्यूटिकल्स, फर्नीचर, परिवहन उपकरण, धातु, रसायन, प्लास्टिक और लिनोलियम उत्पाद, चाय, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ तथा समुद्री उत्पाद शामिल हैं।

स्रोत: द हिंदू