अंतर्राष्ट्रीय संबंध
भारत में कुओं का गिरता जलस्तर
- 23 Aug 2017
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चर्चा में क्यों?
पिछले वर्षों की तुलना में वर्तमान में भारत में भूमिगत जल के स्तर में निरंतर गिरावट दर्ज़ की जा रही है। जल के अन्य स्रोतों की तुलना में देश में कुओं की स्थिति अधिक गंभीर है । वर्ष 2006-16 की तुलना में वर्ष 2017 में औसतन 61% कुओं के भूमिगत जलस्तर में गिरावट देखी गई। जल स्तर में परिवर्तन के संबंध में विभिन्न राज्यों का आँकड़ावार विवरण यहाँ प्रस्तुत किया गया है।
वृद्धि और गिरावट
- अधिकांश कुओं के भूमिगत जल में 0-2 मीटर की वृद्धि अथवा गिरावट दर्ज़ की गई है।
- तकरीबन 14,465 कुओं के संबंध में किये गए सर्वेक्षण से यह ज्ञात हुआ है कि करीबन 60.7% के जल स्तर में गिरावट आई है, जबकि मात्र 38.8% कुओं के जल स्तर में वृद्धि हुई है।
- जल स्तर में गिरावट वाले कुओं के 7.1% में 4 मीटर से कम की गिरावट, 10.4% में 2-4 मीटर की गिरावट, जबकि 43.2% में 0-2 मीटर तक की गिरावट दर्ज़ की गई है।
- वहीं दूसरी ओर जल स्तर में वृद्धि वाले कुओं में 3.2 फीसदी कुएँ ऐसे हैं, जिनमें 4 मीटर से कम की वृद्धि, 5.9% में 2-4 मीटर की वृद्धि तथा 29.7 % में 0-2 मीटर की वृद्धि दर्ज़ की गई है।
संकट ग्रस्त क्षेत्र
- भूमिगत जल के विषय में जानकारी प्राप्त करने के लिये 27 राज्यों में सर्वेक्षण किया गया।
- इस सर्वेक्षण में पाया गया कि 19 राज्यों के 50% से अधिक कुओं के भूमिगत जल-स्तर में गिरावट आई है जबकि शेष राज्यों के 50% से अधिक कुओं के भूमिगत जल-स्तर में वृद्धि दर्ज़ की गई।
जल-स्तर में वृद्धि वाले राज्य हैं – गोवा, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, बिहार तथा तेलंगाना।
जल-स्तर में कमी वाले राज्य हैं – तमिलनाडु, पंजाब, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश तथा केरल।
संकट का प्रभाव
- भूमिगत जल-स्तर में वृद्धि अथवा गिरावट कई स्तरों (जैसे-0-2 मीटर, 2-4 मीटर और 4 मीटर से कम) पर हुई है ।
- वर्ष 2006-16 की तुलना में वर्ष 2017 में भूमिगत जल-स्तर में आई गिरावट व वृद्धि से संबंधित आँकड़े इस प्रकार हैं –
- तमिलनाडु के 87% कुओं के भूमिगत जल-स्तर में गिरावट आई है । यहाँ के 28.2% कुओं के जल स्तर में 4 मीटर से कम की गिरावट दर्ज़ की गई है। स्पष्ट रूप से देश के अन्य राज्यों की अपेक्षा तमिलनाडु की स्थिति अधिक गंभीर है।
- तमिलनाडु, पंजाब और आंध्र प्रदेश में कुओं के जल स्तर में अन्य राज्यों की तुलना में अधिक गिरावट दर्ज़ की गई है।
- गोवा, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा में भूमिगत जल की स्थिति अपेक्षाकृत अच्छी है।
- राजस्थान से प्राप्त आँकड़े मिश्रित स्थिति को प्रदर्शित करते हैं। यहाँ के 15% कुओं के जल-स्तर में 4 मीटर से अधिक की गिरावट आई है जबकि 11% कुओं के जल स्तर में 4 मीटर से अधिक की वृद्धि दर्ज़ की गई है।