भारत-विश्व
भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच मुद्रा विनिमय समझौता
- 05 Dec 2018
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में आर्थिक और तकनीकी सहयोग के लिये भारत-संयुक्त अरब अमीरात की बैठक (India-UAE Joint Commission Meeting for Economic and Technical Cooperation) के दौरान भारत ने UAE के साथ दो समझौतों पर हस्ताक्षर किये जिसमें मुद्रा विनिमय समझौता (Currency Swap Deal) भी शामिल है।
प्रमुख बिंदु
- आर्थिक और तकनीकी सहयोग के लिये भारत-संयुक्त अरब अमीरात संयुक्त आयोग की बैठक का यह 12वाँ सत्र है।
- इस बैठक के दौरान भारत और UAE के बीच व्यापार, सुरक्षा और रक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की गई।
- इस बैठक के दौरान भारत और UAE के बीच हुए दूसरे समझौते से ये दोनों देश अफ्रीका में विकास परियोजनाओं को आगे बढ़ाने में सक्षम होंगे।
- महात्मा गांधी की 150वीं जयंती समारोह और आधुनिक UAE के संस्थापक शेख जायेद की जयंती के शताब्दी समारोह के अवसर पर अबू धाबी में गांधी-ज़ायेद डिजिटल संग्रहालय का भी निर्माण किया गया है।
मुद्रा विनिमय समझौता क्या है?
- मुद्रा विनिमय समझौता दो देशों के बीच ऐसा समझौता है जो संबंधित देशों को अपनी मुद्रा में व्यापार करने और आयात-निर्यात के लिये अमेरिकी डॉलर जैसी किसी तीसरी मुद्रा को बीच में लाए बिना पूर्व निर्धारित विनिमय दर पर भुगतान करने की अनुमति देता है।
भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच व्यापार
- लगभग 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार के साथ, दोनों देश एक-दूसरे के लिये सबसे बड़े व्यापार भागीदार हैं।
- संयुक्त अरब अमीरात भारत में होने वाले तेल आयात का छठा सबसे बड़ा स्रोत है।
- वर्ष 2017 के दौरान संयुक्त अरब अमीरात में भारत का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 6.6 बिलियन डॉलर का था जबकि भारत में UAE का प्रत्यक्ष निवेश 5.8 बिलियन डॉलर का था।
- भारत और संयुक्त अरब अमीरात ऊर्जा के क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर सहयोग कर रहे हैं। वर्ष 2018 की शुरुआत में अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी (Abu Dhabi National Oil Company- ADNOC) तथा भारत के तेल और प्राकृतिक गैस निगम (Oil and Natural Gas Corporation- ONGC) ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किये थे। इस समझौते से भारतीय कंपनियों को अबू धाबी के अपतटीय तेल क्षेत्र जो कि प्रतिदिन लगभग 1.4 मिलियन बैरल तेल का उत्पादन करता है, को विकसित करने का अवसर मिला।
- इसके अलावा ADNOC सऊदी अरामको (Saudi Aramco) के सहयोग से भारत के 44 बिलियन डॉलर की लागत वाली रत्नागिरी पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स में भी निवेश कर रहा है और कर्नाटक के पदुर (Padur) में भारतीय सामरिक पेट्रोलियम रिज़र्व लिमिटेड (Indian Strategic Petroleum Reserves Ltd-ISPRL) की भूमिगत तेल भंडारण सुविधा के विकास में सहयोग कर रहा है।