अंतर्राष्ट्रीय संबंध
भारत-UAE स्थानीय मुद्रा निपटान प्रणाली
- 18 Jul 2023
- 10 min read
प्रिलिम्स के लिये:स्थानीय मुद्रा प्रतिभूति संस्थान, भारत-UAE, भारतीय रुपया, एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI), UAE का त्वरित भुगतान प्लेटफाॅर्म, भारत-UAE व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता मेन्स के लिये:भारत-UAE के बीच स्थानीय मुद्रा निपटान प्रणाली |
चर्चा में क्यों?
भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने सीमा पार लेन-देन के लिये भारतीय रुपए (INR) और संयुक्त अरब अमीरात दिरहम (AED) के उपयोग को बढ़ावा देने के लिये स्थानीय मुद्रा निपटान प्रणाली (LCSS) स्थापित करने हेतु एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं।
- हाल ही में इस समझौते पर प्रधानमंत्री की अबू धाबी, UAE की यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किये गए थे।
नोट: RBI (भारतीय रिज़र्व बैंक) ने वर्ष 2022 में वैश्विक व्यापार के रुपए में निपटान के लिये एक रूपरेखा की घोषणा की, जिसका लक्ष्य मुख्य रूप से रूस के साथ व्यापार है लेकिन इसे ठोस तरीके से आगे बढ़ाया जाना अभी बाकी है।
प्रमुख समझौते
- LCSS:
- इसमें सभी चालू खाता लेन-देन और अनुमत पूंजी खाता लेन-देन शामिल हैं।
- LCSS निर्यातकों और आयातकों को उनकी संबंधित घरेलू मुद्राओं में भुगतान करने में सक्षम बनाएगा और INR-AED विदेशी मुद्रा बाज़ार के विकास को सक्षम करेगा।
- इससे संयुक्त अरब अमीरात में भारतीयों द्वारा प्रेषण सहित लेन-देन लागत और निपटान समय कम हो जाएगा।
- भारत अपने चौथे सबसे बड़े ऊर्जा आपूर्तिकर्त्ता (वित्त वर्ष 22-23 में) UAE से तेल और अन्य वस्तुओं के आयात के भुगतान के लिये इस तंत्र का उपयोग कर सकता है।
- UPI-IPP:
- दोनों देशों के केंद्रीय बैंकों ने भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) को UAE के इंस्टेंट पेमेंट प्लेटफॉर्म (IPP) और RuPay स्विच एवं UAESWITCH के साथ जोड़ने पर सहयोग करने हेतु हस्ताक्षर किये हैं।
- UPI-IPP लिंक दोनों देशों के उपयोगकर्त्ताओं को तेज़, सुरक्षित और लागत प्रभावी सीमा पार स्थानांतरण करने में सक्षम बनाएगा।
- कार्ड स्विचों को जोड़ने से घरेलू कार्डों की पारस्परिक स्वीकृति और कार्ड लेन-देन की प्रक्रिया में आसानी होगी।
- समझौता ज्ञापनों पर RBI और सेंट्रल बैंक ऑफ यूएई के संबंधित गवर्नरों द्वारा हस्ताक्षर किये गए।
- वे भारत के स्ट्रक्चर्ड फाइनेंशियल मैसेजिंग सिस्टम (SFMS) को UAE के भुगतान मैसेजिंग सिस्टम के साथ जोड़ने के बारे में भी पता लगाएंगे।
- दोनों देशों के केंद्रीय बैंकों ने भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) को UAE के इंस्टेंट पेमेंट प्लेटफॉर्म (IPP) और RuPay स्विच एवं UAESWITCH के साथ जोड़ने पर सहयोग करने हेतु हस्ताक्षर किये हैं।
- अबू धाबी में स्थापित किया जाएगा IIT दिल्ली परिसर:
- अबू धाबी में IIT दिल्ली परिसर की स्थापना के लिये एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए।
- नया समझौता ज्ञापन ‘IIT गो ग्लोबल’ अभियान में शामिल है।
- यह IIT मद्रास ज़ांज़ीबार, तंज़ानिया के बाद दूसरा अंतर्राष्ट्रीय IIT परिसर होगा।
- इस डिग्री की शुरुआत वर्ष 2024 से होगी, जिसमें ऊर्जा एवं स्थिरता, AI, कंप्यूटर विज्ञान एवं इंजीनियरिंग, स्वास्थ्य सेवा, गणित, कंप्यूटिंग और इंजीनियरिंग, विज्ञान तथा मानविकी के अन्य विषय जैसे पाठ्यक्रम शामिल हैं।
- अबू धाबी में IIT दिल्ली परिसर की स्थापना के लिये एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए।
रुपए आधारित सीमा पार लेन-देन का महत्त्व:
- भारत द्वारा भारतीय निर्यातकों के घाटे को सीमित करने के लिये रुपए आधारित व्यापार में विनिमय दर के जोखिमों को कम करने का मार्ग खोजा जा रहा है।
- रुपया-आधारित लेन-देन डॉलर की मांग को कम करने के लिये रुपए का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने में भारत की एक ठोस नीतिगत प्रयास का हिस्सा है।
- रूस के अतिरिक्त अफ्रीका, खाड़ी क्षेत्र, श्रीलंका और बांग्लादेश जैसे देशों ने भी रुपए में व्यापार के संदर्भ में रुचि व्यक्त की थी।
- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को स्थानीय मुद्रा में निपटाने की RBI की योजना आयातकों को रुपए में भुगतान करने की अनुमति देगी, जिसे भागीदार देश के संपर्की बैंक (Correspondent Bank) के विशेष खाते में जमा किया जाएगा, साथ ही निर्यातकों को निर्दिष्ट विशेष खाते में शेष राशि से भुगतान प्राप्त करने की अनुमति होगी।
भारत-संयुक्त अरब अमीरात द्विपक्षीय संबंध:
- राजनयिक गठबंधन:
- भारत और संयुक्त अरब अमीरात ने वर्ष 1972 में राजनयिक संबंध स्थापित किये।
- द्विपक्षीय संबंधों में तब और अधिक वृद्धि हुई जब अगस्त 2015 में भारत के प्रधानमंत्री की संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा ने दोनों देशों के बीच एक नई रणनीतिक साझेदारी की शुरुआत की।
- इसके अतिरिक्त जनवरी 2017 में भारत के गणतंत्र दिवस समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में अबू धाबी के क्राउन प्रिंस की भारत यात्रा के दौरान यह सहमति बनी कि द्विपक्षीय संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी के रूप में उन्नत किया जाएगा।
- इससे भारत-संयुक्त अरब अमीरात के बीच व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते के लिये बातचीत शुरू करने में सफलता मिली।
- द्विपक्षीय व्यापार:
- वर्ष 2022-23 में भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 85 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था। साथ ही वर्ष 2022-23 में संयुक्त अरब अमीरात भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार और दूसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य बन गया है।
- भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है तथा वर्ष 2022 में संयुक्त अरब अमीरात कच्चे तेल का चौथा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्त्ता था।
- भारत वर्ष 2022 में संयुक्त अरब अमीरात के साथ व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर करने वाला पहला देश बन गया था।
- संयुक्त अरब अमीरात ने भारत में फूड पार्कों की एक शृंखला विकसित करने के लिये 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर देने का वादा किया है जो अपनी अधिकांश खाद्य आवश्यकताओं का आयात करता है।
- अनेक भारतीय कंपनियों ने संयुक्त अरब अमीरात में सीमेंट, निर्माण सामग्री, कपड़ा, इंजीनियरिंग उत्पाद, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं आदि के लिये संयुक्त उद्यम के रूप में या विशेष आर्थिक क्षेत्रों में विनिर्माण इकाइयाँ स्थापित की हैं।
- इसके अतिरिक्त अनेक भारतीय कंपनियों ने पर्यटन, आतिथ्य, खानपान, स्वास्थ्य, खुदरा और शिक्षा क्षेत्रों में भी निवेश किया है।
- वर्ष 2022-23 में भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 85 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था। साथ ही वर्ष 2022-23 में संयुक्त अरब अमीरात भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार और दूसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य बन गया है।
- रक्षा अभ्यास:
- द्विपक्षीय:
- भारत-UAE BILAT (द्विपक्षीय नौसेना अभ्यास)
- डेज़र्ट ईगल-II (द्विपक्षीय वायु सेना अभ्यास)
- डेज़र्ट फ्लैग अभ्यास-VI: UAE
- बहुपक्षीय:
- पिच ब्लैक: ऑस्ट्रेलिया का द्विवार्षिक, बहुपक्षीय हवाई युद्ध प्रशिक्षण अभ्यास।
- रेड फ्लैग: संयुक्त राज्य अमेरिका का बहुपक्षीय हवाई अभ्यास।
- द्विपक्षीय:
आगे की राह
- भारत-UAE की LCSS संभावित रूप से अन्य द्विपक्षीय मुद्रा समझौतों के लिये आधार के रूप में काम कर सकती है, यह रुपए के अंतर्राष्ट्रीयकरण की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण पहला कदम है।
- हालाँकि यह विचार प्रशंसनीय है, परंतु इसकी वास्तविक सफलता दोनों देशों के व्यवसायों द्वारा इसे अपनाने की सीमा पर निर्भर करेगी।
- प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा, बुनियादी ढाँचे का विकास, पर्यटन और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में निरंतर सहयोग भारत तथा UAE के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मज़बूत करेगा।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. भारत की ऊर्जा सुरक्षा का प्रश्न भारत की आर्थिक प्रगति का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण भाग है। पश्चिम एशियाई देशों के साथ भारत के ऊर्जा नीति सहयोग का विश्लेषण कीजिये। (2017) |