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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी

  • 26 Feb 2020
  • 9 min read

प्रीलिम्स के लिये:

ब्लू डॉट नेटवर्क, भारत-अमेरिका प्रमुख समझौते

मेन्स के लिये:

भारत-अमेरिका के संबंध

चर्चा में क्यों?

हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान भारत-अमेरिका ने व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी के लिये विज़न और सिद्धांतों (Vision and Principles) पर संयुक्त वक्तव्य (Joint Statement) जारी किया।

भारत-अमेरिका द्वारा हस्ताक्षरित सहमति पत्र (Agreement Letter):

  • मानसिक स्वास्थ्य पर सहमति पत्र
  • चिकित्सा उत्पादों की सुरक्षा पर सहमति पत्र
  • सहयोग पत्र

व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी:

  • भारत-अमेरिका ने व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी के लिये आपसी विश्वास, साझा हित, साख तथा नागरिक भागीदारी बढ़ाने पर बल दिया।
  • रक्षा क्षेत्र:
    • रक्षा और सुरक्षा सहयोग की मज़बूती जिसमें विशेष रूप से समुद्री और अंतरिक्ष में जागरूकता एवं सूचना साझा करने के माध्यम से सहयोग पर दोनों राष्ट्रों द्वारा सहमति व्यक्त की गई।
    • सैन्य संपर्क, उन्नत प्रशिक्षण, सैन्य अभ्यास, उन्नत रक्षा घटकों का सह-उत्पादन तथा रक्षा उद्योगों के बीच साझेदारी बढ़ाने पर बल देने के साथ ही दोनों देशों ने ‘बुनियादी विनिमय और सहयोग समझौते’ ( Basic Exchange and Cooperation Agreement- BECA) सहित अन्य रक्षा समझौतों को शीघ्र पूरा करने के लिये तत्परता ज़ाहिर की है।
    • दोनों देशों ने मानव तस्करी, आतंकवाद और हिंसक अतिवाद, नशीले पदार्थों की तस्करी तथा साइबर अपराध से लड़ने के लिये सहयोग हेतु सहमति दी तथा द्विपक्षीय वाणिज्यिक संबंधों, समृद्धि, निवेश और रोज़गार सृजन को पूरी क्षमता से आगे बढ़ाने पर बल दिया।
  • ऊर्जा सुरक्षा:
    • अपनी सामरिक ऊर्जा भागीदारी के माध्यम से भारत और अमेरिका ने ऊर्जा सुरक्षा बढ़ाने, संबंधित ऊर्जा क्षेत्रों में नवाचार में सहयोग बढ़ाने पर सहमति दी। यहाँ ध्यान देने योग्य तथ्य यह है कि भारत भी अपने कोकिंग/धातुकर्म कोयला और प्राकृतिक गैस के आयात में विविधता लाना चाहता है।
    • भारत में छह परमाणु रिएक्टरों के निर्माण के लिये जल्द-से-जल्द तकनीकी प्रस्ताव को अंतिम रूप देने हेतु दोनों देशों ने कार्य करने पर सहमति व्यक्त की है।
  • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
    • विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार में सहयोग पर दोनों देशों ने संतोष व्यक्त किया है। दुनिया के पहले दोहरे-आवृत्ति वाले ‘नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार उपग्रह’ (NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar-NISAR) उपग्रह को वर्ष 2022 तक विकसित कर उसे लॉन्च किया जाएगा।
    • इसके अलावा पृथ्वी अवलोकन उपग्रह, मंगल और अन्य ग्रहों के लिये मिशन, हेलियोफिज़िक्स (Heliophysics), मानव स्पेसफ्लाइट तथा वाणिज्यिक अंतरिक्ष सहयोग में अग्रिम मदद पर सहमति दी गई।
    • ‘यंग इनोवेटर्स’ इंटर्नशिप के माध्यम से उच्च शिक्षा में सहयोग को बढ़ाने, उच्च गुणवत्ता, सुरक्षित, प्रभावी और सस्ती दवाओं तक उपभोक्ताओं की पहुँच सुनिश्चित करने के लिये एक द्विपक्षीय समझौता ज्ञापन (Memorandum of Understanding- MoU) पर हस्ताक्षर करना।
    • भारत और अमेरिका ने एक ऐसे नवीन डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकता पर बल दिया जो सुरक्षित तथा विश्वसनीय हो।

इंडो-पैसिफिक में सामरिक अभिसरण:

  • आसियान और हिंद महासागर:
    • दोनों देश एक स्वतंत्र, खुला, समावेशी, शांतिपूर्ण और समृद्ध भारत-प्रशांत क्षेत्र का निर्माण करना चाहते हैं तथा इस सहयोग को आसियान को केंद्र में रखकर आगे बढ़ाना चाहते हैं।
    • अमेरिका, भारत की हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा के शुद्ध प्रदाता (Net Provider of Security) के साथ-साथ विकासात्मक और मानवीय सहायता के रूप में सराहना करता है।
  • दक्षिण चीन सागर:
    • भारत और अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर के संदर्भ में एक सार्थक आचार संहिता (Meaningful Code of Conduct) के निर्माण की दिशा में कार्य करने पर बल दिया है।
  • मंचों का निर्माण:
    दोनों देश विभिन्न मंचों के माध्यम से समुद्री सहयोग को आगे बढ़ाने पर सहमत हुए हैं-
    • भारत-अमेरिकी-जापान त्रिपक्षीय शिखर सम्मेलन।
    • 2+2 भारत तथा अमेरिका के विदेश और रक्षा मंत्रियों की मंत्रिस्तरीय बैठक।
    • अमेरिकी-भारत-ऑस्ट्रेलिया-जापान विमर्श के लिये चतुर्भुज।

ग्लोबल लीडरशिप के लिये साझेदारी:

  • संगठनात्मक सुधार:
    • संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की मज़बूती, संरचनात्मक सुधार तथा उनकी सत्यनिष्ठा को सुनिश्चित करने के लिये मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जाहिर की।
    • अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता, परमाणु आपूर्तिकर्त्ता समूह (Nuclear Suppliers Group- NSG) में भारत के प्रवेश का समर्थन करने का आश्वासन दिया है।
  • विभिन्न क्षेत्रों में पहल:
    • ब्लू डॉट नेटवर्क (Blue Dot Network) की अवधारणा में दोनों देशों ने रुचि दिखाई है।

ब्लू डॉट नेटवर्क:

  • यह एक बहु-हितधारक पहल है जो वैश्विक बुनियादी ढाँचे के विकास के लिये उच्च गुणवत्ता वाले विश्वसनीय मानकों को बढ़ावा देने के लिये सरकारों, निजी क्षेत्र और नागरिक समाज को एक साथ लाएगी।

महिला सशक्तीकरण की दिशा में अमेरिका की 'वुमेन्स ग्लोबल डेवलपमेंट एंड प्राॅस्पेरिटी’ (Women’s Global Development and Prosperity- W-GDP) पहल और भारत सरकार के ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ कार्यक्रम के माध्यम से सहयोग करना।

W-GDP पहल:

  • इस पहल को व्हाइट हाउस अमेरिका ने फरवरी 2019 में वैश्विक महिला आर्थिक सशक्तिकरण को आगे बढ़ाने के लिये प्रयास के रूप में शुरू किया था। इसके तीन स्तंभ है-
    • कार्यबल में समृद्ध महिलाएँ
    • उद्यमी के रूप में सफल होने वाली महिलाएँ
    • महिलाएँ और सक्षम अर्थव्यवस्था
  • इसमें वर्ष 2025 तक विकासशील देशों की 50 मिलियन महिलाओं तक पहुँच स्थापित करना है।

अफगान नीति:

  • भारत और अमेरिका संप्रभु, लोकतांत्रिक, समावेशी, स्थिर तथा समृद्ध अफगानिस्तान चाहते हैं। वे अफगानिस्तान के नेतृत्व व अफगानिस्तान के स्वामित्व वाली ऐसी सरकार चाहते हैं जो शांति और सुलह प्रक्रिया का समर्थन करती हो ताकि वहाँ स्थायी शांति स्थापित की जा सके।

आतंकवाद रोधी पहल:

  • दोनों देशों ने किसी भी प्रकार के आतंवाद तथा सीमा पार आतंकवाद की कड़ी निंदा की और अल-कायदा, आईएसआईएस, जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल-मुज़ाहिदीन, हक्कानी-नेटवर्क, डी-कंपनी, एवं उनके सहयोगियों सहित सभी आतंकवादी समूहों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने का आह्वान किया।

आगे की राह:

  • वर्तमान अमेरिकी प्रशासन अपने व्यापार को सामरिक नज़रिये से देखने का प्रयास कर रहा है, ऐसे में भारत को अपने पड़ोसियों के साथ भी संबंधों को प्रगाढ़ बनाए रखने की आवश्यकता है।

स्रोत: PIB

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