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भारतीय अर्थव्यवस्था

एशिया की सबसे अधिक निवेशप्रिय अर्थव्यवस्था

  • 30 Oct 2018
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में स्टैंडर्ड चार्टर्ड द्वारा किये गए एक अध्ययन के अनुसार, भारत एशिया की सबसे निवेशप्रिय अर्थव्यवस्था है और देश के समृद्ध वर्ग के दो-तिहाई से अधिक लोग अपने वित्तीय लक्ष्यों और सामाजिक गतिशीलता की प्राप्ति के लिये विभिन्न निवेश उत्पादों का उपयोग करना पसंद करते हैं।

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • स्टैंडर्ड चार्टर्ड द्वारा एशिया, अफ्रीका और मध्य पूर्व के 11,000 उभरते समृद्ध उपभोक्ताओं पर किये गए अध्ययन में पाया गया कि इस वर्ग में आने वाले 68 प्रतिशत भारतीय अपने वित्तीय लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु निवेश उत्पादों का उपयोग करते हैं।
  • स्टैंडर्ड चार्टर्ड द्वारा किये गए अध्ययन के अनुसार, अध्ययन में शामिल लोगों का औसतन 57 प्रतिशत वित्तीय लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु निवेश उत्पादों का प्रयोग करता है।
  • इस अध्ययन के प्रयोजनों के लिये 'निवेश उत्पादों' का तात्पर्य निश्चित आय निवेश, स्टॉक, इक्विटी, म्यूचुअल फंड, यूनिट ट्रस्ट, निवेश से जुड़े बीमा, स्व-निवेशित पेंशन फंड, रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (REITS) और रियल एस्टेट संपत्ति निधि से है।
  • अध्ययन के अनुसार, भारत के उभरते समृद्ध लोगों का पहला वित्तीय लक्ष्य अपने बच्चों की शिक्षा लिये बचत करना है।
  • अध्ययन में कहा गया है कि भारत के 31 प्रतिशत उभरते समृद्ध वर्ग निवेश के लिये म्यूचुअल फंड का चयन कर रहे हैं, जबकि एक चौथाई (25 प्रतिशत) निश्चित आय निवेश और 22 प्रतिशत इक्विटी निवेश का चयन कर रहे हैं। सभी आँकड़े अध्ययन के औसत से अधिक हैं, जोकि क्रमशः 16 प्रतिशत (म्यूचुअल फंड), 19 प्रतिशत (निश्चित आय) और 18 प्रतिशत (इक्विटी निवेश) है।
  • ‘इमर्जिंग एफ्लुएंट स्टडी-2018- क्लाइम्बिंग द प्रोस्पेरिटी लैडर’ नाम से प्रकाशित रिपोर्ट में उभरते समृद्ध उपभोक्ता ऐसे व्यक्ति को माना गया है जिसकी आमदनी इतनी अधिक है कि वह आराम से बचत और निवेश कर सकता है। इस अध्ययन एशिया, अफ्रीका और मध्यपूर्व के 11 बाज़ारों को शामिल किया गया है।

स्रोत : इकोनॉमिक टाइम्स

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