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भारतीय अर्थव्यवस्था

द्वीपों के विकास हेतु भारत वैश्विक निवेशकों को आमंत्रित करेगा

  • 07 Aug 2018
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

भारत अंडमान और निकोबार तथा लक्षद्वीप के रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण द्वीपों में व्यापक सामाजिक और आधारभूत विकास कार्यक्रम हेतु वैश्विक निवेशकों को आमंत्रित करने के लिये तैयार है।

प्रमुख बिंदु

  • भारत सरकार का यह निर्णय इसलिये भी महत्त्वपूर्ण है क्योंकि अंडमान और निकोबार द्वीप अपनी व्यापार और निगरानी की क्षमता के साथ भारत के समुद्री महत्त्व के लिये उपयुक्त है। यह देश के एकमात्र त्रिकोणीय सेवा कमांड के लिये एक महत्त्वपूर्ण सैन्य आधार आवास भी है।
  • इस द्वीप पर प्रस्तावित प्रमुख परियोजनाओं में से एक ग्रेट निकोबार (निकोबार द्वीपों में से सबसे बड़ा) के कैंपबेल खाड़ी में एक ट्रांसपोर्टमेंट टर्मिनल है। कैंपबेल की खाड़ी दक्षिण चीन सागर और हिंद महासागर के बीच प्रमुख समुद्री मार्ग मलक्का जलसंधि से 90 किलोमीटर दूर स्थित है।
  • चीन जो पश्चिम एशिया से तेल की आवाजाही के लिये मलक्का जलसंधि पर निर्भर है, अपने विवादास्पद चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा परियोजना के तहत वैकल्पिक मार्ग तलाश रहा है जिसका विरोध भारत द्वारा किया जाता है क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्ज़े वाले कश्मीर के हिस्सों से गुज़रता है।
  • ट्रांसपोर्टमेंट टर्मिनल नीति आयोग द्वारा तैयार द्वीप विकास योजना के हिस्से के रूप में सरकार द्वारा चिह्नित 10 परियोजनाओं में से एक है।
  • ये परियोजनाएँ सड़क, समुद्र और वायु कनेक्टिविटी, स्वच्छ ऊर्जा, रिसॉर्ट्स के विकास, डिजिटल कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य देखभाल तथा शिक्षा के क्षेत्रों से संबंधित हैं, इन क्षेत्रों में रूचि रखने वालों को कार्य हेतु आमंत्रित किया जाएगा।
  • यह योजना इस वर्ष अप्रैल में अधिसूचित एक योजना के तहत उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के व्यवसायों के लिये उपलब्ध लाभों को विस्तारित करने का भी प्रस्ताव करती है। 
  • इनमें पूंजीगत निवेश पर सब्सिडी और कार्यशील पूंजी ऋण पर ब्याज, संयंत्र और मशीनरी के लिये बीमा प्रीमियम की प्रतिपूर्ति तथा जीएसटी में केंद्र सरकार के हिस्से की प्रतिपूर्ति शामिल है। हालाँकि वित्तीय लाभ योजना को सरकार द्वारा अनुमोदित किये जाने की आवश्यकता है।
  • अंडमान निकोबार द्वीप समूह में कुल 576 द्वीप शामिल हैं, जिनमें से केवल कुछ ही द्वीपों पर मानव रहते हैं। द्वीपों का विकास सरकार की एक प्रमुख प्राथमिकता है क्योंकि बुनियादी ढाँचे के निर्माण से कनेक्टिविटी में सुधार होगा और पर्यटन सहित आर्थिक गतिविधि में वृद्धि होगी। 
  • द्वीपों में हवाई परिवहन को बढ़ावा देने और हेलीकॉप्टर पर्यटन के संवर्द्धन हेतु पहले से ही योजनाएँ चल रही हैं। समुद्री अर्थव्यवस्था को विकसित करने के लिये पिछले वर्ष जून में स्थापित की गई द्वीप विकास एजेंसी, इस योजना पर नीति आयोग के साथ मिलकर काम कर रही है।
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