भारतीय अर्थव्यवस्था
2 साल तक रहेगी भारत की अर्थव्यवस्था में तेज़ी: IMF
- 22 Jan 2019
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund-IMF) ने भारत के लिये राहत देने वाली खबर दी। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का कहना है कि एक तरफ जहाँ दुनिया की तमाम अर्थव्यवस्थाओं पर काले बादल मंडरा रहे हैं, वहीं भारत की अर्थव्यवस्था में अगले दो सालों तक तेज़ी बरकरार रहेगी।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने यह संभावना ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक अपडेट 2019 में व्यक्त की है।
- बहुपक्षीय एजेंसी, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुमानों के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान भारत की आर्थिक संवृद्धि 7.5 प्रतिशत पर बरकरार रहेगी, जबकि वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान इसके 7.7 प्रतिशत पर रहने की संभावना है।
- IMF की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की अर्थव्यवस्था 2019 में संवृद्धि की ओर अग्रसर है। इस संवृद्धि के पीछे तेल की कीमतों के कम होने के साथ-साथ मुद्रास्फीति का दबाव कम होना भी है।
क्या है अन्य देशों की स्थिति
- IMF के वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (WEO) के नवीनतम अपडेट के अनुसार, 2019 में वैश्विक विकास दर 3.5% और 2020 में 3.6 प्रतिशत रहेगी जो कि पिछले वर्ष अक्तूबर के अनुमानों की तुलना में 0.2 और 0.1 प्रतिशत कम है।
- इस इकोनॉमिक आउटलुक के मुताबिक, 2018 के 6.6 प्रतिशत की तुलना में चीन की आर्थिक संवृद्धि 2019 और 2020 के दौरान कम होकर 6.2 प्रतिशत रहने की संभावना है।
वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं पर मंडराते खतरे
- वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं की संवृद्धि में मामूली गिरावट होने के बावजूद यह चिंता का विषय है। संवृद्धि में आने वाली यह गिरावट आर्थिक संकट के जोखिम को बढ़ावा दे रही है।
- नीति निर्माताओं को वैश्विक स्तर में आर्थिक संकटों से निपटने हेतु नीतिगत प्राथमिकताएँ तय करनी होंगी।
- दुनिया की उन्नत अर्थव्यवस्थाओं को अपने व्यापार मतभेदों को दूर करने का प्रयास करते हुए पहले से ही धीमी रफ्तार वाली अर्थव्यवस्था में थोड़ी तेज़ी लाने के प्रयास करने होंगे।
- हालाँकि 2018 में ज़्यादातर उन्नत अर्थव्यवस्थाओं के वित्तीय बाज़ारों ने व्यापार संबंधी तनावों से खुद को अलग रखा जो पहले एक-दूसरे से उलझी हुई थीं।