शासन व्यवस्था
सड़क सुरक्षा के लिये भारत राज्य सहायता कार्यक्रम
- 28 Jun 2022
- 7 min read
प्रिलिम्स के लिये:सड़क सुरक्षा के लिये भारत राज्य सहायता कार्यक्रम, ब्रासीलिया घोषणा, मोटर वाहन (एमवी) (संशोधन) अधिनियम, 2019, विश्व बैंक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष मेन्स के लिये:सड़क सुरक्षा - भारत से संबंधित पहल, चुनौतियाँ, उठाए जा सकने वाले कदम |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में विश्व बैंक ने सात राज्यों की सड़क सुरक्षा हेतु भारत राज्य सहायता कार्यक्रम के लिये 250 मिलियन अमेरीकी डाॅलर के ऋण को मज़ूूरी दी है, जिसके तहत दुर्घटना के बाद की घटनाओं को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने के लिये एक सिंगल एक्सीडेंट रिपोर्ट नंबर (Single Accident Reporting Number) स्थापित किया जाएगा।
विश्व बैंक:
- परिचय:
- अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (IBRD) तथा अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की स्थापना एक साथ वर्ष 1944 में अमेरिका के न्यू हैम्पशायर में ब्रेटन वुड्स सम्मेलन के दौरान हुई थी।
- विश्व बैंक समूह विकासशील देशों में गरीबी को कम करने और साझा समृद्धि का निर्माण करने वाले स्थायी समाधानों के लिये काम कर रहे पाँच संस्थानों की एक अनूठी वैश्विक साझेदारी है।
- सदस्य:
- 189 देश इसके सदस्य हैं।
- भारत भी इसका सदस्य है।
- प्रमुख रिपोर्ट:
- इसके पाँंच विकास संस्थान:
- पुनर्निर्माण और विकास के लिये अंतर्राष्ट्रीय बैंक (IBRD)
- अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ (IDA)
- अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (IFC)
- बहुपक्षीय गारंटी एजेंसी (MIGA)
- निवेश विवादों के निपटान के लिये अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (ICSID)
- भारत इसका सदस्य नहीं है।
कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएंँ:
- परिचय:
- दुर्घटनाओं का विश्लेषण करने और बेहतर तथा सुरक्षित सड़कों के निर्माण के लिये इसका उपयोग करने हेतु परियोजना एक राष्ट्रीय सामंजस्यपूर्ण क्रैश डेटाबेस सिस्टम स्थापित करेगी।
- पुनर्निर्माण और विकास के लिये अंतर्राष्ट्रीय बैंक (IBRD) से 250 मिलियन अमेरिकी डाॅलर के परिवर्तनीय स्प्रेड ऋण की परिपक्वता अवधि 18 वर्ष है जिसमें 5.5 वर्ष की छूट अवधि शामिल है।
- इसे आंध्र प्रदेश, गुजरात, ओडिशा, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में लागू किया जाएगा।
- लक्ष्य:
- इसका उद्देश्य बुनियादी और उन्नत लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस के नेटवर्क विस्तार और मौके पर ही सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिये फर्स्ट रेस्पॉन्डर केयरगिवर्स के प्रशिक्षण हेतु फंड देना है।
- यह परियोजना राज्यों को सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) रियायतों और पायलट पहलों के माध्यम से निजी वित्तपोषण का लाभ उठाने के लिये प्रोत्साहन भी प्रदान करेगी।
- सड़क हादसों का खामियाजा महिलाओं को अप्रत्यक्ष रूप से भुगतना पड़ता है। इस चुनौती को स्वीकार करते हुए परियोजना में लिंग पर विशेष ध्यान दिया गया है और सड़क सुरक्षा क्षेत्र में प्रबंधन भूमिकाओं में महिलाओं के प्रतिनिधित्व को बढ़ावा देगा।
- यह परियोजना विशेष रूप से पोस्ट-क्रैश केयर कमांड और नियंत्रण केंद्रों में महिलाओं के लिये रोज़गार के अवसर भी प्रदान करेगी।
भारत में सड़क दुर्घटना परिदृश्य:
- आधिकारिक सरकारी आँकड़े बताते हैं कि भारत में हर साल सड़क दुर्घटनाओं में लगभग 1,50,000 लोग मारे जाते हैं और अन्य 4,50,000 लोग घायल होते हैं।
- पीड़ितों में से आधे से अधिक पैदल चलने वाले, साइकिल चालक या मोटर साइकिल चालक होते हैं और सभी मौतों में से लगभग 84% 18-60 वर्ष की कामकाजी उम्र के बीच वाले व्यक्तियों की है।
- गरीब परिवार जो दुर्घटना के शिकार लोगों का 70% से अधिक हिस्सा है, आय की कमी, उच्च चिकित्सा व्यय और सामाजिक सुरक्षा जाल तक सीमित पहुंँच के कारण सड़क दुर्घटनाओं के सामाजिक-आर्थिक बोझ का एक उच्च अनुपात वहन करते हैं।
सड़क सुरक्षा हेतु पहल:
- वैश्विक लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु सड़क सुरक्षा पर तीसरा उच्च स्तरीय वैश्विक सम्मेलन 2030':
- सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने वर्ष 2020 में स्वीडन में एक सम्मेलन (वैश्विक लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु सड़क सुरक्षा पर तीसरा उच्च स्तरीय वैश्विक सम्मेलन 2030 ) में भाग लिया, जहांँ वर्ष 2030 तक भारत में शून्य सड़क दुर्घटना का लक्ष्य रखा है।
- ब्रासीलिया घोषणा पत्र (Brasilia Declaration):
- भारत ने ब्रासीलिया घोषणा पर हस्ताक्षर किये और मृत्यु दर में कमी लाने के लिये प्रतिबद्ध है।
- ब्राज़ील में आयोजित सड़क सुरक्षा पर दूसरे वैश्विक उच्च स्तरीय सम्मेलन में घोषणा पर हस्ताक्षर किये गए।
- मोटर वाहन (MV) (संशोधन) अधिनियम, 2019:
- इसने यातायात उल्लंघन, दोषपूर्ण वाहन, किशोर ड्राइविंग आदि के लिये दंड में वृद्धि की है।
- यह मोटर वाहन दुर्घटना कोष प्रदान करता है, जो भारत में सभी सड़क उपयोगकर्त्ताओं को कुछ प्रकार की दुर्घटनाओं के लिये अनिवार्य बीमा कवर प्रदान करेगा।