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भारतीय अर्थव्यवस्था

FDI कॉन्फिडेंस इंडेक्स में भारत तीन पायदान नीचे पहुँचा

  • 24 Jul 2018
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में जारी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश विश्वास सूचकांक या एफडीआई कॉन्फिडेंस इंडेक्स (Foreign Direct Investment Confidence Index – 2018) में भारत तीन पायदान नीचे गिरकर 11वें पायदान पर पहुँच गया है। उल्लेखनीय है कि यह इंडेक्स वैश्विक सलाहकार कंपनी ए. टी. कीर्ने (AT Kearney) ने तैयार किया है। 

प्रमुख बिंदु

  • यह एक वार्षिक सर्वेक्षण है जो मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और मुख्य वित्तीय अधिकारियों की एफडीआई वरीयताओं पर संभावित राजनीतिक, आर्थिक और नियामक परिवर्तनों के प्रभाव को ट्रैक करता है।
  • 2015 के बाद यह पहली बार है जब भारत इस इंडेक्स में शीर्ष दस की सूची से बाहर हुआ है। वर्ष 2017 में भारत इस सूची में आठवें तथा वर्ष 2016 में नौवें स्थान पर था।
  • इस सूचकांक में 25 देशों/अर्थव्यवस्थाओं को शामिल किया गया है।
  • यह सूचकांक किसी देश विशेष के संदर्भ में आगामी तीन वर्षों में होने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की संभाव्यता पर उच्च, मध्य एवं निम्न प्रतिक्रिया के भारात्मक माध्य द्वारा आकलित किया गया है।
  • अमेरिका ने इस सूची में 6ठी बार सर्वोच्च स्थान हासिल किया है, जबकि कनाडा दूसरे, जर्मनी तीसरे, ब्रिटेन चौथे तथा चीन पाँचवें स्थान पर हैं।
  • जापान, फ्राँस, ऑस्ट्रेलिया, स्विट्ज़रलैंड, इटली क्रमशः छठवें, सातवें, आठवें, नौवें तथा दसवें स्थान पर रहे।
  • भारत के स्थान में गिरावट के लिये GST तथा विमुद्रीकरण को ज़िम्मेदार माना गया है।
  • 2017 में लागू किये गए वस्तु एवं सेवा कर के कारण राष्ट्रव्यापी चुनौतियों का सामना करना पड़ा और 2016 के विमुद्रीकरण की पहल ने व्यावसायिक गतिविधियों को बाधित कर दिया जिसके कारण आर्थिक विकास प्रभावित हुआ।
  • रिपोर्ट के अनुसार, एशिया प्रशांत क्षेत्र के प्रति निवेशकों का विश्वास घटा है लेकिन अपने विशाल बाज़ार और अर्थव्यवस्था के मज़बूत प्रदर्शन की वज़ह से भारत के प्रति निवेशकों का विश्वास बना रहेगा।
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