भारत-सिंगापुर रक्षा संबंध (India-Singapore relations) | 10 Nov 2018
चर्चा में क्यों?
भारत की ‘ऐक्ट ईस्ट नीति’ पर अमल करते हुए हाल के दिनों में भारत और सिंगापुर के बीच कई उच्च स्तरीय वार्ताएँ और समझौते किये गए हैं जिससे दोनों देशों के बीच परस्पर संबंध और प्रगाढ़ हो रहे हैं।
प्रमुख बिंदु
- भारत और सिंगापुर के बीच द्विपक्षीय वार्ताओं के साथ ही संयुक्त अभ्यासों और अन्य द्विपक्षीय सहयोग के लिए 20 से ज्यादा व्यवस्थाएँ की गई हैं जिन पर हर साल अमल किया जाता है। नवंबर 2015 में दोनों देशों के बीच इन संबंधों को रणनीतिक साझेदारी का रूप दिया गया।
- जून 2018 में शांगरी ला डॉयलॉग से इतर भारत और सिंगापुर ने रक्षा और रणनीतिक साझेदारी के अलावा कई और क्षेत्रों में भी परस्पर सहयोग के कई समझौतों पर हस्ताक्षर किये।
- इसमें सबसे महत्त्वपूर्ण समझौता भारतीय नौसेना और सिंगापुर की नौसेना के बीच किया गया कार्यान्वयन समझौता था जो आपसी समन्वयन, नौसेना के जहाजों, पनडुब्बियों और नौसेना के विमानों के रखरखाव और लाजिस्टिक्स से संबंधित है।
- इस समझौते के लागू होने के साथ ही दोनों देश अपने नौसैनिक संसाधनों को लॉजिस्टिक्स और सेवाओं के ज़रिये एक-दूसरे के साथ साझा कर रहे हैं।
- समझौते के माध्यम से भारत और सिंगापुर अपने साझा समुद्री क्षेत्र में अपने सहयोगी देशों के साथ नियमित रूप से संयुक्त अभ्यास करने पर सहमत हुए हैं।