विदेशों से धन प्राप्ति के मामले में भारत फिर टॉप पर | 11 Dec 2018
चर्चा में क्यों?
- विश्व बैंक की ‘माइग्रेशन एंड रेमिटेंस’ (Migration & Remittance) रिपोर्ट
- इस हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, धन प्रेषण (Remittance) के मामले में भारतीय सबसे आगे
क्या है इस रिपोर्ट में? (What is in the Report?)
विश्व बैंक ने इस रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि विकासशील देशों को आधिकारिक रूप से भेजा गया धन 2018 में 10.8 प्रतिशत बढ़कर 528 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। पिछले साल इसमें 7.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी।दुनियाभर के देशों में भेजा जाने वाला धन इस दौरान 10.3 प्रतिशत बढ़कर 689 अरब डॉलर होने की उम्मीद है।
भारत रहा फिर सबसे आगे
- इस रिपोर्ट में बताया गया है कि विदेश से पैसा भेजने के मामले में भारतीयों ने एक बार फिर बाज़ी मारी है…यानी इस क्रम को उन्होंने 2018 में भी बरकरार रखा है।
- पिछले तीन वर्षों में विदेश से भारत को भेजे गए धन में खासी बढ़ोतरी हुई है।
- 2016 में यह 62.7 अरब डॉलर था और 2017 में बढ़कर 65.3 अरब डॉलर हो गया।
- ‘माइग्रेशन एंड रेमिटेंस’ रिपोर्ट के अनुसार, प्रवासी भारतीयों ने 2018 में 80 अरब डॉलर देश में भेजे।
- 2017 में भारत की कुल GDP में रेमिटेंस का हिस्सा 2.7 प्रतिशत था
- इसके बाद चीन का नंबर है, जिसके नागरिकों ने 67 अरब डॉलर भेजे।
- इसके बाद 34 अरब डॉलर के साथ फिलिपींस तथा मेक्सिको और 26 अरब डॉलर के साथ मिस्र का स्थान रहा।
क्या है धन-प्रेषण? ( What is Remittance?)
जब कोई प्रवासी अपने मूल देश में बैंक, डाकघर या ऑनलाइन ट्रांसफर के ज़रिये पैसा भेजता है तो उसे Remittance (रेमिटेंस) कहते हैं भारत में रेमिटेंस के मामले में खाड़ी देशों में बसे भारतीयों का योगदान अधिक रहता है। इसके अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे विकसित देशों में काम करने वाले NRIs द्वारा भारत में अपने परिवारों को भेजा गया पैसा भी रेमिटेंस की श्रेणी में आता है।
भारत के पड़ोसी देशों- बांग्लादेश और पाकिस्तान में उनके प्रवासी नागरिकों द्वारा भेजे जाने वाले धन में क्रमश: 17.9 और 6.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
- विकसित देशों; खासकर अमेरिका में आर्थिक परिस्थितियों में मजबूती और तेल की कीमतों में वृद्धि का संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों से निकासी पर सकारात्मक प्रभाव से धन प्रेषण में वृद्धि हुई। संयुक्त अरब अमीरात से निकासी में 2018 की पहली छमाही में 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
अर्थव्यवस्था के लिये लाभकारी (Good for Economy)
विभिन्न देशों के लिये विदेशी मुद्रा अर्जित करने का बेहद अहम ज़रिया होता है रेमिटेंस, खासकर भारत जैसे विकासोन्मुख देशों की अर्थव्यवस्था में इसका महत्त्वपूर्ण योगदान माना जाता है इसके अलावा छोटे और विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने में रेमिटेंस की भूमिका किसी से छिपी नहीं है। वहीं, कई ऐसे देश हैं जिनकी GDP में रेमिटेंस का हिस्सा अन्य क्षेत्रों से होने वाली आय से अधिक होता है
प्रवासी भारतीय भेजते हैं धन (Remittances by Indians Settled Abroad)
देश की अर्थव्यवस्था में बहुमूल्य विदेशी मुद्रा का योगदान प्रवासी भारतीय (NRIs) बरसों से करते रहे हैं। आज भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है और यही कारण है कि अनुकूल आर्थिक परिस्थितियों की वज़ह से प्रवासी भारतीय अपने देश को रेमिटेंस भेजने के मामले में अन्य देशों के प्रवासियों से कहीं आगे हैं।
इन प्रवासी भारतीयों के महत्त्व को देखते हुए भारत सरकार ने 2004 में प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्रालय का गठन किया। इसके अलावा भारत सरकार प्रत्येक वर्ष प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन भी करती है। पहला प्रवासी भारतीय दिवस 2003 में आयोजित किया गया था इसके अलावा प्रतिवर्ष प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार भी दिये जाते हैं। इसी तरह इस वर्ष के प्रारंभ में नई दिल्ली में प्रथम प्रवासी भारतीय संसद का आयोजन भी किया गया था।