भारत करेगा मताला राजपक्षे अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का संचालन | 07 Jul 2018

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत सरकार ने घाटे में चल रहे श्रीलंका के मताला राजपक्षे अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (Mattala Rajapaksa International Airport) के संचालन का निर्णय लिया है ।

प्रमुख बिंदु

  • इसका संचालन भारत और श्रीलंका के संयुक्त उद्यम के तहत किया जाएगा और एयरपोर्ट के मालिकाना हक में भी भारत की बड़ी हिस्सेदारी भी रहेगी।
  • हालाँकि,श्रीलंका के नागरिक उड्डयन मंत्री निमल सिरिपला डी सिल्वा ने संसद को बताया कि समझौते का विवरण अभी तक तैयार नहीं किया गया है।

मताला हवाई अड्डा

  • यह हवाई अड्डा श्रीलंका की राजधानी कोलंबो से 241 किलोमीटर दूर हंबनटोटा शहर में स्थित है।
  • इस हवाई अड्डे का नामकरण पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के नाम पर किया गया था, जो चीन समर्थित बुनियादी ढाँचा परियोजना है।
  • उल्लेखनीय है कि हंबनटोटा बंदरगाह पर वर्तमान में चीन का नियंत्रण है।
  • मताला हवाई अड्डे से बहुत कम उड़ानें संचालित होती हैं, अतः यही कारण है कि इस हवाई अड्डे को ‘दुनिया का सबसे खाली एयरपोर्ट’ कहा जाता है ।
  • इसका परिचालन मार्च 2013 में शुरू हुआ था लेकिन लगातार घाटे तथा सुरक्षा कारणों से यहाँ की एकमात्र अंतर्राष्ट्रीय उड़ान को भी इसी साल मई में बंद कर दिया गया था।

महत्त्व 

  • तटीय शहर हंबनटोटा रणनीतिक दृष्टि से श्रीलंका के साथ-साथ भारत के लिये बेहद महत्त्वपूर्ण है।
  • साथ ही इस हवाई अड्डे की सालाना दस लाख यात्रियों को सुविधा प्रदान करने की क्षमता है और वर्ष 2028 तक प्रतिवर्ष 5 लाख यात्रियों, 50,000 टन कार्गो और 6,250 हवाई यातायात संचालन करने की भी उम्मीद है।
  • उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 में सरकार ने इस हवाई अड्डे को लाभ-साझाकरण संयुक्त उद्यम में बदलने के लिये निवेशकों को आमंत्रित भी किया था।