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भारतीय अर्थव्यवस्था

वैश्विक प्रतिस्पर्द्धा सूचकांक- 2018

  • 22 Oct 2018
  • 2 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम द्वारा जारी वैश्विक प्रतिस्पर्द्धा सूचकांक- 2018 (Global Competitiveness Index 2018) में भारत ने 58वीं रैंकिंग हासिल की है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल की तुलना में इस बार भारत की रैंकिंग में 5 स्थान का सुधार हुआ है।

प्रमुख बिंदु

  • भारत ने जी 20 में शामिल अन्य देशों कि रैंकिंग की तुलना में सबसे अधिक सुधार किया है।
  • भारत का वैश्विक प्रतिस्पर्द्धा स्कोर 62 है।
  • इस सूचकांक में विश्व के 140 देशों को शामिल किया गया है।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका ने 85.6 वैश्विक प्रतिस्पर्द्धा स्कोर के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया है, जबकि सिंगापुर तथा जर्मनी क्रमशः दूसरे तथा तीसरे स्थान पर रहे।
  • चीन ने इस सूचकांक में 28वाँ स्थान हासिल किया है।
  • रिपोर्ट के अनुसार, भारत एक ऐसे देश का उल्लेखनीय उदाहरण है जो अपने शोध संस्थानों की गुणवत्ता के कारण नवाचार के तरीकों में तेज़ी लाने में सक्षम रहा है।

वैश्विक प्रतिस्पर्द्धा सूचकांक के बारे में

  • वैश्विक प्रतिस्पर्द्धा सूचकांक वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम द्वारा जारी की जाने वाली वार्षिक रिपोर्ट है।
  • वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम वर्ष 2004 से यह रिपोर्ट जारी करता है।
  • वैश्विक प्रतिस्पर्द्धा सूचकांक 12 संकेतकों पर आधारित है ये संकेतक हैं-
  1. संस्थान
  2. उपयुक्त आधारभूत संरचना
  3. स्थिर समष्टि आर्थिक ढाँचा
  4. अच्छा स्वास्थ्य और प्राथमिक शिक्षा
  5. उच्च शिक्षा और प्रशिक्षण
  6. कुशल माल बाज़ार
  7. कुशल श्रम बाज़ार
  8. वित्तीय बाज़ारों का विकास
  9. मौजूदा प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की क्षमता
  10. बाज़ार आकार - घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों
  11. सबसे परिष्कृत उत्पादन प्रक्रियाओं का उपयोग करके विभिन्न घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय वस्तुओं का उत्पादन
  12. नवाचार
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