शासन व्यवस्था
मानव विकास सूचकांक में भारत 130 वें स्थान पर
- 15 Sep 2018
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा जारी नवीनतम मानव विकास सूचकांक (HDI) रिपोर्ट में भारत को कुल 189 देशों में से 130वाँ स्थान प्राप्त हुआ है, जबकि पिछले वर्ष भारत को इस सूचकांक में 131वाँ स्थान प्राप्त हुआ था।
HDI रिपोर्ट 2018 के आँकड़े
- इस सूचकांक की वरीयता सूची में नॉर्वे, स्विट्ज़रलैंड, ऑस्ट्रेलिया, आयरलैंड और ज़र्मनी शीर्ष स्थानों पर हैं, जबकि सबसे निचले पायदान पर अफ्रीकी देश नाइज़र है।
- दक्षिण एशिया में भारत का HDI का मान क्षेत्र के औसत 0.638 से अधिक है और भारत के पड़ोसी देश - बांग्लादेश और पाकिस्तान क्रमश: 136 और 150वें स्थान पर हैं।
- वर्ष 1990 और 2017 के बीच भारत का HDI मान 427 से बढ़कर 0.640 हो गया, जिसमें लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
- उल्लेखनीय है कि यह वृद्धि लाखों लोगों को गरीबी से मुक्ति दिलाने में देश की महत्त्वपूर्ण उपलब्धियों का संकेतक है।
- वर्ष 2017 के लिये भारत का HDI मान 640 है, जिसके कारण देश को मध्यम विकास की श्रेणी में रखा गया है।
- वर्ष 1990 से 2017 की अवधि में भारत में जीवन प्रत्याशा लगभग 11 साल बढ़ी है।
- रिपोर्ट के मुताबिक स्कूली शिक्षा के मामले में भी स्थिति सुधरी है, जबकि 1990 और 2017 के बीच भारत की सकल राष्ट्रीय आय (GNI) प्रति व्यक्ति 6 प्रतिशत बढ़ी है।
- इसके अलावा 189 देशों में से 59 देशों को उच्च मानव विकास की श्रेणी में, जबकि 38 देशों को न्यूनतम मानव विकास की श्रेणी में शामिल किया गया है।
- हालाँकि, असमानताओं के कारण भारत के HDI मान में 8 प्रतिशत की कमी हुई है, जो दक्षिण एशियाई पड़ोसियों (क्षेत्र के लिये औसत नुकसान 26.1 प्रतिशत) के मुकाबले ज्यादा है।
- इस रिपोर्ट में जेंडर इनइक्वेलिटी इंडेक्स के मामले में भारत 160 देशों की सूची में 127वें स्थान पर है और अपने पड़ोसी देश- बांग्लादेश और पाकिस्तान के मुकाबले उसने बेहतर प्रदर्शन किया है।
- रिपोर्ट में असमानता को भारत के लिये प्रमुख चुनौती माना गया है। हालाँकि, भारत सरकार और विभिन्न राज्य सरकारों ने विभिन्न सामाजिक सुरक्षा उपायों के माध्यम से यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि आर्थिक विकास के लाभ को व्यापक रूप से साझा किया जाए।
HDI के बारे में
- HDI मानव विकास के तीन बुनियादी आयामों (लंबा एवं स्वस्थ जीवन, ज्ञान तक पहुँच तथा जीवन जीने का एक सभ्य स्तर) द्वारा प्रगति का आकलन करने का एक वैश्विक मानक है।
- इसे प्रसिद्ध अर्थशास्त्री महबूब-उल-हक द्वारा बनाया गया था, जिसका 1990 में अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन द्वारा समर्थन किया गया और बाद में इसे संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा प्रकाशित किया गया।