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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

सीमा शुल्क डेटा का इलेक्ट्रॉनिक विनिमय

  • 28 Oct 2020
  • 5 min read

प्रिलिम्स के लिये

भारतीय डाक

मेन्स के लिये

भारत और अमेरिका द्वारा किया गया हालिया समझौता, उद्देश्य और महत्त्व

चर्चा में क्यों?

भारत सरकार के डाक विभाग और यूनाइटेड स्टेट्स पोस्टल सर्विस (USPS) ने भारत और अमेरिका के बीच आदान-प्रदान किये जाने वाले डाक नौवहन (Postal Shipments) से संबंधित सीमा शुल्क डेटा (Customs Data) के इलेक्ट्रॉनिक विनिमय हेतु समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं।

प्रमुख बिंदु

  • उद्देश्य: इस समझौता ज्ञापन का प्राथमिक उद्देश्य देश भर के अलग-अलग हिस्सों में डाक माध्यमों (Postal Channels) के ज़रिये छोटे और बड़े निर्यातकों के लिये ‘ईज़ ऑफ एक्सपोर्ट’ यानी निर्यात करने की आसान सुविधा उपलब्ध कराना है।
    • इस तरह यह समझौता भारत को विश्व में ‘निर्यात हब’ बनाने में योगदान देगा। 
  • विशेषता: इस समझौते के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय डाक सामानों के गंतव्य पर पहुँचने से पहले उनका इलेक्ट्रॉनिक डेटा संचारित और हासिल करना संभव हो जाएगा, जिसके कारण बदलते वैश्विक डाक ढाँचे के अनुरूप डाक सामग्री को सीमा शुल्क संबंधी अग्रिम मंज़ूरी की प्राप्ति हेतु व्यवस्था स्थापित करने में मदद मिलेगी।
    • समझौते के अनुसार, डाक नौवहन के इलेक्ट्रॉनिक एडवांस डेटा (EAD) का आदान-प्रदान, डाक माध्यम के ज़रिये भारत के अलग-अलग हिस्सों से अमेरिका को किये जाने वाले निर्यातों पर ज़ोर देते हुए आपसी व्यापार को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम होगा।
    • गौरतलब है कि अमेरिका भारत के MSME उत्पादों, रत्न एवं आभूषणों, दवाओं और दूसरे स्थानीय उत्पादों के लिये एक प्रमुख निर्यात स्थल है।
  • महत्त्व: डाक सामग्री को सीमा शुल्क संबंधी अग्रिम मंज़ूरी मिलने से विश्वसनीयता, दृश्यता और सुरक्षा के लिहाज से डाक सेवाओं के प्रदर्शन में भी सुधार होगा।
    • भारत के लिये अमेरिका शीर्ष निर्यात गंतव्य स्थल है और भारत के निर्यात में अमेरिका का योगदान तकरीबन 17 प्रतिशत है।
    • निर्यात संबंधी इन आँकड़ों को भारत और अमेरिका के बीच डाक के ज़रिये वस्तुओं के आदान-प्रदान में भी देखा जा सकता है। आँकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2019 में विदेशों में भेजे गए कुल एक्सप्रेस मेल सर्विस (EMS) का 20 प्रतिशत और भारतीय डाक द्वारा संचारित पत्र और छोटे पैकेट के कुल हिस्से का केवल 30 प्रतिशत ही अमेरिका भेजा गया था। वहीं भारत के डाक विभाग को विदेशों से प्राप्त 60 प्रतिशत पार्सल अमेरिका से भेजे गए थे।
    • साथ ही इस समझौते से निर्यात वस्तुओं की सीमा शुल्क संबंधी अग्रिम मंज़ूरी की प्रक्रिया में तेज़ी लाने से जुड़ी निर्यात उद्योग की एक प्रमुख मांग भी पूरी होगी।

भारतीय डाक

  • भारतीय डाक के रूप में पहचाने जाने वाला भारत सरकार का डाक विभाग (DoP) बीते 150 वर्षों से देश में सुव्यवस्थित संचार प्रणाली के तौर पर कार्य कर रहा है और इसने देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  • 1,55,531 डाकघरों के साथ भारत के डाक विभाग (DoP) के पास विश्व का व्यापक डाक नेटवर्क मौजूद है।
  • कार्य
    • भारतीय डाक का मूल कार्य डाक वितरित करना है, इसके अलावा यह लघु बचत योजनाओं के तहत जमा स्वीकार करने, पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस (PLI) और ग्रामीण डाक जीवन बीमा (RPLI) के तहत जीवन बीमा कवर प्रदान करने तथा बिल संग्रह, प्रपत्रों की बिक्री  सेवाएँ प्रदान करने का कार्य भी करता है।
    • डाक विभाग (DoP), महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना के तहत मज़दूरी और वृद्धावस्था पेंशन भुगतान जैसे नागरिक सेवाओं को आम नागरिकों तक पहुँचाकर भारत सरकार के लिये एक एजेंट के तौर पर कार्य करता है।

स्रोत: पी.आई.बी

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