बैटरी स्टोरेज़ संयंत्र के लिये भारत की योजनाएँ | 30 Jul 2019
चर्चा में क्यों?
भारत सरकार बैटरी उत्पादन के लिये टेस्ला शैली की कम-से-कम चार गीगाफैक्टरीज़ (Tesla-style Gigafactories) स्थापित करने के लिये लगभग 4 बिलियन डॉलर का निवेश करेगी।
प्रमुख बिंदु
- यह पहल इलेक्ट्रिक वाहनों में संक्रमण, प्रदूषण में कटौती और विदेशी तेल आयात पर निर्भरता को कम करने की सरकार की योजना का हिस्सा है।
पृष्ठभूमि
- केंद्रीय बजट 2019 में सरकार ने सौर फोटोवोल्टिक सेलों (solar Photovoltaic Cells), लिथियम भंडारण बैटरियों (Lithium Storage Batteries) और सौर इलेक्ट्रिक चार्जिंग बुनियादी ढाँचे (solar electric charging infrastructure) के लिये मेगा-विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने हेतु कर में छूट की घोषणा की है।
- नीति आयोग के अनुसार, भारत की घरेलू मांग को पूरा करने के लिये वर्ष 2025 तक 10 गीगावॉट और वर्ष 2030 तक 12 गीगावॉट की क्षमता वाली (प्रत्येक फैक्ट्री की क्षमता क्रमशः 10 गीगावॉट और 12 गीगावॉट होगी) 6 गीगाफैक्टरीज़ की आवश्यकता होगी।
इस कदम से भारत को क्या लाभ होगा?
- यह भारत की ऊर्जा आवश्कताओं को पूरा करने में मदद करेगा।
- यह भारत को एक इलेक्ट्रिक वाहन परिवेश विकसित करने में सक्षम बनाएगा।
- यह बैटरी के साथ-साथ ईंधन के आयात पर भारत की निर्भरता को कम करेगा।
- यह स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देकर प्रदूषण से निपटने में मददगार होगा और भारत को अपने अभिप्रेत राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (Intended Nationally Determined Contributions-INDC) लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा।
भारत के लिये चुनौतियाँ
- परियोजना की वित्तीय व्यवहार्यता।
- तकनीकी बाधाएँ।
- इलेक्ट्रिक वाहन के लिये स्थिर नीति का अभाव।
- भूमि अधिग्रहण जैसे बुनियादी ढाँचे के मुद्दों का समाधान करना।
‘परिवर्तनकारी गतिशीलता और बैटरी स्टोरेज पर राष्ट्रीय मिशन’
(National Mission on Transformative Mobility and Battery Storage)
- हाल ही में सरकार ने स्वच्छ, आपस में जुड़ी, साझा, सतत् एवं समग्र गतिशीलता पहलों को बढ़ावा देने के लिये ‘परिवर्तनकारी गतिशीलता और बैटरी स्टोरेज पर राष्ट्रीय मिशन’ (National Mission on Transformative Mobility and Battery Storage) भी शुरू किया है।
- इस मिशन के तहत परिवर्तनकारी गतिशीलता के साथ-साथ इलेक्ट्रिक वाहनों, इन वाहनों के कलपुर्जों और बैटरियों से जुड़े चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रमों के लिये विभिन्न रणनीतियों की सिफारिशें पेश की जाएंगी एवं इन्हें अपेक्षित गति प्रदान की जाएगी।
- भारत में गतिशीलता या आवागमन में व्यापक बदलाव लाने के लिये विभिन्न पहलों को एकीकृत करने हेतु इस मिशन के तहत मंत्रालयों/विभागों और राज्यों के महत्त्वपूर्ण हितधारकों के साथ समन्वय स्थापित किया जाएगा।