भारत-नीदरलैंड संबंध | 16 Oct 2019
प्रीलिम्स के लिये:
मैप पर नीदरलैंड की भौगोलिक स्थिति, LOTUS क्या है,
मेन्स के लिये:
भारत-नीदरलैंड संबंध
चर्चा में क्यों?
हाल ही में नीदरलैंड्स के राजा विलियम अलेक्जेंडर (Willem-Alexander) अपनी पत्नी मैक्सिमा (Maxima) के साथ भारत दौरे पर रहे।
मुख्य बिंदु
- भारत और नीदरलैंड्स के बीच आर्थिक साझेदारी द्विपक्षीय संबंधों का एक प्रमुख स्तंभ है।
- यूरोपीय संघ में नीदरलैंड्स भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है और भारत में अग्रणी निवेशकों में से एक है।
- भारत और नीदरलैंड समकालीन चुनौतियों, विशेष रूप से जलवायु संबंधी, साइबर सुरक्षा और आतंकवाद की चिंताओं को साझा करते हैं।
- भारत और नीदरलैंड प्रौद्योगिकी के मामले में भी एक-दूसरे के पूरक हैं।
- भारत-डच संबंध 400 वर्ष से अधिक पुराने हैं, लगभग 17वीं शताब्दी ईस्वी में भारत में पहली डच कंपनी (ईस्ट इंडिया कंपनी) स्थापित हुई थी।
- दोनों देशों के बीच आधिकारिक संबंध वर्ष 1947 में स्थापित हुए थे, जो हमेशा से सौहार्द्रपूर्ण और मैत्रीपूर्ण रहे हैं।
- दोनों देश लोकतंत्र, बहुलवाद और कानून के शासन के सामान्य आदर्शों को भी साझा करते हैं।
सांस्कृतिक संबंध:
- वर्तमान में यूरोपीय संघ के देशों में से नीदरलैंड्स में भारतीय प्रवासियों की बड़ी संख्या मौजूद है। नीदरलैंड्स में भारतीय छात्रों और पेशेवर समुदायों की बढ़ती संख्या के चलते दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधो में मज़बूती देखी जा रही है, साथ ही इससे तकनीकी साझेदारी को भी बढ़ावा मिल रहा है। वर्तमान में नीदरलैंड्स यूरोप में सबसे अधिक भारतीय लोगों की आबादी वाला देश है।
भारत में नीदरलैंड्स का महत्त्व:
- नीदरलैंड्स ने निर्यात नियंत्रण नियमों (Export Control Regimes) और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक स्थायी सीट के लिये भारत के दावे का समर्थन किया है।
- भारत और नीदरलैंड्स समकालीन चुनौतियों के संबंध में आम चिंताओं को साझा करते हैं जिनमें जलवायु कार्रवाई, साइबर सुरक्षा और आतंकवाद शामिल हैं।
- स्मार्ट सिटीज़, ग्रीन एनर्जी, स्टार्ट-अप्स, स्मार्ट सॉल्यूशंस आदि नवाचारों के माध्यम से दोनों देशों के बीच संबंधों में सुदृढ़ता देखी जा रही है।
लोटस (LOTUS):
- इस दौरान केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने स्वस्थ्य पुन: उपयोग सयंत्र के लिये शहरी सीवेज स्ट्रीम के लिये स्थानीय उपचार (Local Treatment of Urban Sewage Streams for the Healthy Reuse: LOTUS-HR) कार्यक्रम के दूसरे चरण का शुभारंभ किया।
- इसमें प्रतिदिन दस हज़ार लीटर सीवेज जल का उपचार किया जाएगा।
- इस परियोजना को जुलाई 2017 में शुरू किया गया था। इस परियोजना का उद्देश्य एक अच्छी समग्र अपशिष्ट जल प्रबंधन पहुँच का प्रदर्शन करना है, जिसमें स्वच्छ जल का उत्पादन होगा और उसे विभिन्न कार्यों में दोबारा प्रयोग किया जा सकेगा।
- LOTUS-HR परियोजना विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग तथा वैज्ञानिक अनुसंधान के लिये नीदरलैंड संगंठन (Netherlands Organization for Scientific Research/STW) द्वारा संयुक्त रूप से प्रायोजित है।
WETLAB:
- यह डिज़ाइन से संबंधित एक चुनौती है जिसे जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद के जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT-BIRAC) और नीदरलैंड्स एंटरप्राइज़ एजेंसी द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किया गया है।
- यह प्रतियोगिता का एक नया तरीका है जो भारतीय और डच दोनों के युवा पेशेवरों एवं छात्रों को भारत की शहरी जल चुनौतियों के समाधान के लिये नवाचारी विचारों तथा भारत की नदियों को साफ करने के लिये योगदान हेतु अलग तरह से सोचने हेतु विशिष्ट शिक्षण और नेटवर्किंग मंच उपलब्ध कराता है।
- भारत-डच सहयोग का उद्देश्य तकनीकी उद्यमशीलता का सृजन करने तथा स्वस्थ्य पुन: उपयोग के लिये सीवेज जल को स्वच्छ जल में परिवर्तित करने तथा स्थायी व्यापार मॉडल को प्रोत्साहन देने के लिये नया मार्ग प्रशस्त करना है।