भारत में संरचनात्मक सुधारों की आवश्यकता | 18 Jan 2020
प्रीलिम्स के लिये:रिपोर्ट से संबंधित आँकड़े मेन्स के लिये:संरचनात्मक सुधारों की दिशा में उठाए गए कदम |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रकाशित वर्ल्ड इकोनॉमिक सिचुएशन एंड प्रॉस्पेक्ट्स (WESP) रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्तमान में आर्थिक मंदी का सामना कर रही भारतीय अर्थव्यवस्था की संवृद्धि दर में बढ़ोत्तरी के लिये निरंतर संरचनात्मक सुधारों की आवश्यकता है।
प्रमुख बिंदु:
- वर्ल्ड इकोनॉमिक सिचुएशन एंड प्रॉस्पेक्ट्स (WESP) रिपोर्ट- 2020 ने भारत के लिये जीडीपी संवृद्धि का अनुमान कम कर दिया है, परंतु यह उम्मीद भी जताई है कि राजकोषीय प्रोत्साहन और वित्तीय क्षेत्र में सुधार के संयोजन से उपभोग को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
- वर्ष 2018 के 6.8 प्रतिशत के सापेक्ष वर्ष 2019 में 5.7 प्रतिशत की दर से अर्थव्यवस्था में तीव्र गिरावट ने भारत की मौद्रिक नीति के पूरक के रूप में राजकोषीय विस्तार की आवश्यकता को इंगित किया है।
- राजकोषीय प्रोत्साहन और वित्तीय क्षेत्र में सुधार के संयोजन, निवेश एवं उपभोग को बढ़ावा देकर जीडीपी में 6.6 प्रतिशत की संवृद्धि दर हासिल की जा सकती है।
- रिपोर्ट में बताया गया है कि WESP द्वारा जीडीपी का पूर्वानुमान करते समय भारत के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (National Statistical Office-NSO) द्वारा जारी नवीनतम आँकड़ों को शामिल नहीं किया गया है।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का वृहद आर्थिक बुनियादी ढाँचा पूर्व की भांँति मजबूत है और इसमें अगले वित्त वर्ष तक सुधार की उम्मीद है।
- संयुक्त राष्ट्र के अध्ययन के अनुसार, प्रत्येक पाँच देशों में से एक देश में इस वर्ष प्रति व्यक्ति आय में कमी या गिरावट होगी, लेकिन भारत को ऐसे देशों में सूचीबद्ध किया गया है जहाँ वर्ष 2020 में प्रति व्यक्ति जीडीपी संवृद्धि दर 4 प्रतिशत के स्तर से अधिक होने की संभावना है।
- वैश्विक आर्थिक गतिविधियों में लंबे समय तक जारी गिरावट सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में बाधक बन सकती है, जिसमें गरीबी उन्मूलन और सभी के लिये रोज़गार के अवसरों का सृज़न करने जैसे लक्ष्य भी शामिल हैं।
- रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वी एशिया दुनिया का सबसे तेज़ी से बढ़ता क्षेत्र है और वैश्विक विकास में सबसे बड़ा योगदानकर्त्ता है।
- संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2020 में ब्राज़ील, भारत, मैक्सिको, रूसी संघ और तुर्की सहित अन्य बड़ी उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों की संवृद्धि दर में बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है।
- संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, गरीबी उन्मूलन का लक्ष्य असमानता की समाप्ति की दिशा में उठाए गए उपायों पर निर्भर करेगा।
- वर्ल्ड इकोनॉमिक सिचुएशन एंड प्रॉस्पेक्ट्स रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक एवं सामाजिक कार्य विभाग द्वारा ज़ारी की जाती है ।