अंतर्राष्ट्रीय संबंध
भारत-मोनाको संबंध
- 06 Feb 2019
- 2 min read
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मोनाको के राजकुमार अल्बर्ट द्वितीय (Albert II) अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर भारत आए। इस यात्रा के दौरान कई समझौतों पर हस्ताक्षर किये गए।
प्रमुख बिंदु
- मोनाको के राजकुमार अल्बर्ट द्वितीय की यात्रा से द्विपक्षीय सहयोग के क्षेत्र में प्रगति की समीक्षा करने और पारस्परिक हित के क्षेत्रों में साझेदारी को आगे बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा करने का अवसर प्राप्त हुआ।
- यात्रा के दौरान निम्नलिखित समझौतों पर हस्ताक्षर किये गए-
♦ पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा पर सहयोग।
♦ विकास के क्षेत्र में संबंध स्थापित करना, विशेषकर अवसंरचना के क्षेत्र में।
♦ मोनाको के राजनयिक पासपोर्ट धारकों के लिये वीज़ा छूट।
♦ व्यावसायिक सहयोग के लिये गुंज़ाइश।
♦ दोनों पक्षों ने समुद्रीय संसाधनों और शहरी मामलों (स्मार्ट सिटी) के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने का भी फैसला किया है।
भारत-मोनाको संबंध
- भारत और मोनाको की रियासत ने आधिकारिक रूप से 21 सितंबर, 2007 को राजनयिक संबंध स्थापित किये थे। हालाँकि भारत और मोनाको की रियासत के बीच वाणिज्यिदूतावास स्तर का संबंध (Consular Relations) 30 सितंबर, 1954 से मौजूद है।
मोनाको
- मोनाको भूमध्यसागरीय तट पर दक्षिणी यूरोप में स्थित एक शहर-राज्य है।
- मोनाको 2 किमी. वर्ग में फैला हुआ है और वेटिकन सिटी के बाद दुनिया का दूसरा सबसे छोटा देश है।
- मोनाको की शासनिक संरचना एक वंशानुगत संवैधानिक राजतंत्र की है, जो 17 दिसंबर, 1962 को स्थापित संविधान द्वारा शासित है।
- कार्यकारी शक्ति राजकुमार अल्बर्ट द्वितीय के उच्च अधिकार के तहत है।
स्रोत- पीआईबी