भारत – विश्व का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादनकर्ता | 29 May 2017

संदर्भ
भारत सरकार द्वारा पशु-पालन के क्षेत्र में गुजरात में अनेक नई पहलें की गई हैं। सरकार ने राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अंतर्गत गोकुल ग्राम की तर्ज पर ‘गिर गाय अभयारण्य’ स्थापित करने को मंज़ूरी दे दी है। यह अभ्यारण्य धर्मपुर, पोरबंदर में स्थापित किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • पशुधन बीमा कवरेज में जहाँ पहले दो दुधारू पशुओं को शामिल किया गया था, वहीं अब इसमें 5 दुधारू पशुओं और 50 छोटे जानवरों को शामिल किया गया है। यह योजना गुजरात राज्य के सभी जिलों में लागू कर दी गई है, जबकि इससे पहले यह राज्य के मात्र 15 ज़िलों में ही चलाई जा रही थी।
  • ध्यातव्य है कि वर्ष 2014-16 के दौरान राज्य में लगभग 26,000 पशुओं का बीमा किया गया था। पशु-चिकित्सा शिक्षा में चिकित्सकों की कमी को पूरा करने के लिये जूनागढ़ में एक कॉलेज स्थापित किया गया है।
  • शहरी एवं ग्रामीण परिवारों के जीवन-स्तर के बढ़ने के साथ-साथ ही पशुजन्य प्रोटीन की मांग में भी बढ़ोतरी हो रही है। अतः आवश्यक है कि भारत में पशुधन, मुर्गीपालन एवं मछली उत्पादन को बढ़ावा दिया जाए जिससे देश का प्रत्येक नागरिक सुपोषित और स्वस्थ रहे। पशु चिकित्सकों का यह कर्तव्य है कि वे पशुजन्य प्रोटीन की उपलब्धता में वृद्धि कर देश को स्वस्थ बनाने में अपना योगदान करें।

भारत की स्थिति

  • विदित हो कि भारत में वर्ष 2015-16 में दुग्ध उत्पादन की वृद्धि दर 6.28% रही जिससे कुल उत्पादन 156 मिलियन टन तक पहुँच गया है। इससे भारत में प्रति व्यक्ति दुग्ध उपलब्धता औसतन 337 ग्राम प्रतिदिन हो गई है, जबकि विश्व स्तर पर यह औसतन 229 ग्राम ही है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2011 से14 की तुलना में वर्ष 2014 से 17 के दौरान देश में दुग्ध उत्पादन वृद्धि दर में 16.9% की बढ़ोतरी हो चुकी है।
  • भारत सरकार वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लिये प्रतिबद्ध है। अतः किसानों की आय को दोगुना करने के भारत सरकार के संकल्प में पशु-चिकित्सा क्षेत्र की महती भूमिका है। पशुधन के स्वस्थ रहने पर ही उसकी उत्पादकता में वृद्धि होगी। परिणामस्वरूप स्वतः ही किसान की आय भी बढ़ेगी और राष्ट्र में आर्थिक खुशहाली आएगी।
  • भारत में पशुधन की संख्या विश्व में सबसे अधिक (512.05 मिलियन) है जिसमें 199.1 मिलियन गोपशु, 105.3 मिलियन भैंसें, 716.6 मिलियन भेड़ें और 140.5 मिलियन बकरियाँ हैं।
  • बकरियों की संख्या के मामले में भारत का विश्व में दूसरा स्थान है और भारत की पशु संख्या में इनकी हिस्सेदारी लगभग 25% है। भारतीय पोल्ट्री इंडस्ट्री भी विश्व के दूसरे सबसे बड़े बाज़ार के रूप में उभर रही है जिसमें 63 बिलियन अंडा और 649 मिलियन मीट का उत्पादन शामिल है।
  • भारत के समुद्री एवं मछली उद्योग की वार्षिक वृद्धि दर लगभग 7% की है। भारतीय पशुपालन क्षेत्र तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है और वैश्विक बाज़ार में एक प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में उभर रहा है।

निष्कर्ष
राष्ट्र की समृद्धि के लिये देश की कृषि को बढ़ावा देने और किसानों को खुशहाल बनाने की आवश्यकता है। ध्यातव्य है कि कृषि का विकास होने से ही किसानों में खुशहाली आएगी फलस्वरूप राष्ट्र का भी विकास होगा।