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भारत नवाचार सूचकांक 2019

  • 18 Oct 2019
  • 6 min read

प्रीलिम्स के लिये:

भारत नवाचार सूचकांक 2019 से संबंधित तथ्य और मानक

मेन्स के लिये:

भारत में नवाचार का महत्त्व, संबंधित समस्याएँ, सरकार के प्रयास, नवाचार के लाभ

चर्चा में क्यों?

नीति आयोग (Niti Aayog) द्वारा भारत नवाचार सूचकांक 2019 (India Innovation Index 2019) जारी किया गया।

भारत नवाचार सूचकांक:

  • नी‍ति आयोग ने यह सूचकांक प्रतिस्‍पर्द्धी क्षमता के लिये संस्‍थान (Institute for Competitiveness) के साथ मिलकर तैयार किया है।
  • सूचकांक में राज्यों को तीन श्रेणियों- प्रमुख राज्य (Major States), उत्तर-पूर्व एवं पहाड़ी राज्य (North-East and Hill States) और केंद्रशासित प्रदेश/शहर राज्य/छोटे राज्य (Union Territories/City States/Small States) में विभाजित किया गया है।
  • यह सूचकांक भारत में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में नवाचार हेतु वातावरण के निरंतर मूल्यांकन के लिये एक व्यापक रूपरेखा तैयार करता है।

निष्कर्ष:

  • भारत नवाचार सूचकांक 2019 में कर्नाटक शीर्ष स्थान पर रहा।
  • नवाचार सूचकांक में कर्नाटक के बाद शीर्ष 09 राज्‍य क्रमशः तमिलनाडु, महाराष्ट्र, तेलंगाना, हरियाणा, केरल, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात और आंध्र प्रदेश रहे।
  • सूचकांक के अनुसार दिल्ली, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश कच्‍चे माल को उत्‍पादों (Inputs Into Output) में बदलने के मामले में सर्वाधिक दक्ष राज्‍य हैं।
  • भारत नवाचार सूचकांक 2019 के औसत स्कोर की गणना दो आयामों- सक्षम (Enablers) और प्रदर्शन (Performance) के आधार पर की गई।
  • सक्षम वे कारक हैं जो अभिनव क्षमताओं को रेखांकित करते हैं। इनको पाँच स्तंभों में वर्गीकृत किया गया है-
  1. मानव पूंजी
  2. निवेश
  3. ज्ञान कार्यकर्त्ता (Knowledge Workers)
  4. व्यावसायिक वातावरण
  5. सुरक्षा और कानूनी वातावरण।
  • प्रदर्शन आयाम उन लाभों को अधिकृत करता है जिनको एक देश इनपुट से प्राप्त करता है। इसको दो भागों में वर्गीकृत किया गया है-
  1. ज्ञान उत्पादन (Knowledge Output)
  2. ज्ञान प्रसार (Knowledge Diffusion)
  • प्रमुख राज्यों की श्रेणी में कर्नाटक समग्र रैंकिंग में अग्रणी है। इसने अवसंरचना, ज्ञान कार्यकर्त्ता, ज्ञान उत्पादन और व्यावसायिक वातावरण के मानक पर भी शीर्ष स्थान प्राप्त किया।
  • महाराष्ट्र ने सक्षम श्रेणी में शीर्ष स्थान प्राप्त किया। इसका तात्पर्य यह है कि यह नवाचार के लिये सबसे उपर्युक्त है। महाराष्ट्र समग्र नवाचार सूचकांक में तीसरे स्थान पर रहा।

कार्य (FUNCTION):

  • इसके निम्नलिखित तीन कार्य हैं-
  1. सूचकांक स्कोर के आधार पर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की रैंकिंग करना।
  2. अवसरों और चुनौतियों की पहचान करना।
  3. नवाचार को बढ़ावा देने के लिये सरकारी नीतियों को मज़बूत करने में सहायता करना।

उद्देश्य:

  • भारत नवाचार सूचकांक का उद्देश्य भारत में नवाचार हेतु अनुकूल वातावरण तैयार करना है।
  • प्रतिस्पर्द्धात्मक संघवाद और सुशासन की अवधारणा को क्रियान्वित करना।
  • सूचकांक देश में नवाचार के वातावरण में सुधार करने हेतु इनपुट और आउटपुट दोनों घटकों पर ध्यान केंद्रित करता है।
  • भारत नवाचार सूचकांक भारत में नवाचार हेतु वातावरण की जांँच करता है। इसका उद्देश्य एक समग्र उपकरण (Tool) बनाना है जिसका उपयोग देश भर में नीति निर्माताओं द्वारा किया जा सके।

आगे की राह:

  • भारत को शिक्षा, अनुसंधान और विकास पर व्यय बढ़ाना चाहिये जिससे नीतियों के लिये बेहतर वातावरण एवं अवसंरचना का विकास किया जा सके।
  • नवाचार क्षमता बढ़ाने हेतु उद्योगों और शैक्षिक संस्थानों के बीच अधिक समन्वय एवं सहयोग की आवश्यकता है।
  • नवाचार के सभी हितधारक जैसे-शोधकर्त्ताओं और निवेशकों को शामिल करते हुए एक समग्र मंच विकसित किया जाना चाहिये।
  • राज्य स्तर पर भी नवाचार और उद्यमशीलता के वातावरण में सुधार से संबंधित नीतियों का क्रियान्वयन किया जाना चाहिये।

स्रोत:PIB

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