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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

भारत ने शुरू की चीनी स्टील पहियों के आयात पर डंपिंग ड्यूटी की समीक्षा

  • 16 Feb 2018
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?
हाल ही में डीजीएडी (Directorate General of Anti-dumping and allied Duties –DGAD) द्वारा एंटी-डंपिंग ड्यूटी की समाप्ति (चीन से फ्लैट बेस स्टील पहियों के आयात पर) के संबंध में निरंतरता या डंपिंग और इससे घरेलू (भारतीय) उद्योग को होने वाले नुकसान की जाँच करने के लिये समीक्षा प्रक्रिया आरंभ की गई है।

डंपिंग क्या है? 

  • अर्थशास्त्र में ‘डंपिंग’ का तात्पर्य किसी भी प्रकार के अत्यधिक कम मूल्य निर्धारण से है। 
  • प्रायः यह शब्द अब केवल अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कानून के संदर्भ में ही प्रयोग किया जाता है, जहाँ डंपिंग की परिभाषा किसी देश के एक निर्माता द्वारा किसी उत्पाद को या तो इसकी घरेलू कीमत से नीचे या इसकी उत्पादन लागत से कम कीमत पर किसी दूसरे देश में निर्यात करने के रूप में की जाती है।
  • विश्व व्यापार संगठन (WTO-World Trade Organisation) की स्वीकृति से, जनरल एग्रीमेंट ऑन टैरिफ एंड ट्रेड (GATT-General Agreement on Tariff & Trade) का अनुच्छेद VI देशों को डंपिंग के खिलाफ कार्रवाई करने का विकल्प चुनने की अनुमति देता है।

क्या है एंटी-डंपिंग ड्यूटी?

  • यदि कोई देश, दूसरे देश में अपने उत्पादों को लागत से भी कम दाम पर बेचता है तो इसे डंपिंग कहा जाता है।
  • विदेशों से आए सस्ते माल के सामने घरेलू उद्योगों का महँगा सामान बाज़ार में पिट जाता है, जिससे घरेलू उत्पादकों को घाटा उठाना पड़ता है।
  • इसे रोकने के लिये यदि आयातक देश की सरकार, निर्यातक देश में उत्पाद की लागत और अपने यहाँ उत्पाद के मूल्य के अंतर के बराबर शुल्क लगा दे तो इसे ही डंपिंगरोधी शुल्क यानी एंटी-डंपिंग ड्यूटी कहा जाता है।

व्यापार घाटा (Trade deficit)

  • यह कदम तब उठाया गया है जब चीन के साथ भारत को भारी व्यापार घाटे (वित्त वर्ष 2017 में 51.1 अरब डॉलर) का सामना पड़ा।

मुख्य बिंदु

  • कुछ समय पहले कल्याणी मैक्सियन व्हील प्राइवेट लिमिटेड और व्हील्स इंडिया लिमिटेड द्वारा एक आवेदन पेश किया गया, जिसमें घरेलू उद्योगों को हानि पहुँचाने वाले आयातित उत्पादों के विषय में जाँच करने की माँग की गई।
  • भारत द्वारा वर्ष 2013 में पाँच साल के लिये चीन से उत्पादों के आयात पर प्रति टन 613 डॉलर की ड्यूटी लगाई गई थी।
  • वैश्विक निकाय द्वारा भी भारत के इस कदम का समर्थन करते हुए कहा गया है कि डब्ल्यूटीओ (World Trade Organization) समझौते के अंतर्गत सरकारों को ऐसे मामले में डंपिंग के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुमति प्रदान की गई है जहाँ घरेलू उद्योगों को आयातित माल के साथ प्रतिस्पर्द्धा में भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा हो।
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