भारत-इंडोनेशिया : बदलते संबंधों का नया रूप | 04 Jun 2018
चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्वी एशिया के तीन देशों इंडोनेशिया, सिंगापुर और मलेशिया की यात्रा पर हैं। इस यात्रा के पहले चरण में वे इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता गए। इस अवसर पर भारत और इंडोनेशिया के बीच कुछ महत्त्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर भी किये गए, जिनमें रक्षा, विज्ञान, तकनीक, रेल और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में सहयोग शामिल हैं।
महत्त्वपूर्ण बिंदु
- इनमें से छह समझौते विभिन्न सरकारी एवं गैर-सरकारी संगठनों के बीच संपन्न हुए हैं।
- इसके साथ-साथ इंडोनेशिया के बाली और भारत के उत्तराखंड राज्यों को ‘सहोदर राज्य’ के रूप में विकसित करने संबंधी घोषणा भी की गई।
- प्रधानमंत्री मोदी ने इंडोनेशियाई नागरिकों को भारत का 30 दिनों का वीज़ा मुफ्त में देने की घोषणा की।
- अपनी इंडोनेशिया यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने SAGAR (Security And Growth For All In Region-SAGAR) विज़न की चर्चा करते हुए भारत इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के विकास के लिये भारत की प्रतिबद्धता को जाहिर किया।
- भारत की पूर्व की ओर देखो नीति और SAGAR विज़न बहुत हद तक इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको जिदोदो की मैरीटाइम फलक्रम पॉलिसी के जैसा ही है।
किन-किन प्रमुख बिंदुओं पर सहयोग हेतु सहमति व्यक्त की गई?
- भारत और इंडोनेशिया ने क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी हेतु कार्य करने पर सहमति जताते हुए सभी सदस्यों के लिये आर्थिक लाभ के साथ-साथ व्यापक एवं संतुलित कार्य के निष्पादन पर भी बल दिया।
- दोनों देशों द्वारा अपनी बहुमूल्य संस्कृति, शिक्षा, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, पर्यटन और फिल्मों के क्षेत्र में सहयोग एवं भागीदारी को बढ़ाने के लिये आवश्यक कदम उठाने के संदर्भ में भी सहमति व्यक्त की गई।
- दोनों देशों द्वारा अक्षय उर्जा के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने तथा दोनों के मध्य द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करने के लिये भी सहमति जताई गई। साथ ही एक रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर भी किये गए।
- इसके अतिरिक्त दोनों देशों द्वारा वर्ष 2019 में अपने राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगाँठ मनाए जाने की घोषणा भी की गई।
इंडोनेशिया और भारत के मध्य संबंध
- इंडोनेशिया दुनिया में सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला देश है। पिछले दो दशकों से यह इस्लामी आतंकवाद और ईसाई अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा की समस्या से जूझ रहा है।
- आबादी के लिहाज़ से भले ही यह दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम देश हो लेकिन यहाँ के लोगों की जीवनशैली पर हिंदू संस्कृति का बहुत अधिक प्रभाव है। इंडोनेशिया के बाली द्वीप में बहुत अधिक संख्या में हिंदू रहते हैं।
- भारत और इंडोनेशिया के रिश्ते हज़ारों वर्ष पुराने हैं। ईसा के जन्म से पहले से ही भारत के सौदागर और नाविक इंडोनेशिया की यात्रा करते रहे हैं। यही कारण है कि इंडोनेशिया और भारत के बीच बहुत अधिक सांस्कृतिक समानताएँ देखने को मिलती हैं। इंडोनेशिया में हिंदू धर्म के साथ-साथ बौद्ध धर्म का भी गहरा प्रभाव नज़र आता है।
- इंडोनेशियाई भाषा, स्थापत्य, राजशाही और मिथकों पर भी इसका साफ असर दिखता है। उदाहरण के लिये इंडोनेशिया के पुराने साम्राज्यों के नाम श्रीविजया और गजाह मधा हैं आदि।
- दोनों के खान-पान और बोली में भी काफी समानताएँ हैं। आज भी कई ऐसे शब्द हैं जो इन दोनों के निकट संबंधों का उल्लेख करते हैं। इंडोनेशिया की भाषा पर संस्कृत का प्रभाव स्पष्ट नज़र आता है। कुछ शब्दों पर नज़र डालें तो भाई के लिये सहोदर, रंगों के लिये वर्ण, भहासा व भाषा, रुपिया और रुपया आदि कुछ उदाहरण हैं जो इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है।
- इंडोनेशिया के उत्सवों और झाँकियों आदि में रामायण और महाभारत के पात्र कठपुतलियों के रूप में नज़र आते हैं। हालाँकि इसके रामायण और महाभारत में प्रयुक्त प्रसंग कुछ भिन्न हैं, लेकिन कथानक में एकरूपता बरकरार है।
- इसके अतिरिक्त जावा द्वीप पर प्रांबानन में हिंदू मंदिर और बोरोबोदूर में संसार का सबसे बड़ा बौद्ध स्तूप अवस्थित है।