भारत की वृद्धि दर (2018-19) 7.3%: विश्व बैंक | 10 Jan 2019
चर्चा में क्यों?
हाल ही में विश्व बैंक (WB) द्वारा जारी ‘ग्लोबल इकोनॉमिक प्रॉस्पेक्ट्स (Global Economic Prospects) रिपोर्ट’ के अनुसार, भारत की विकास दर 2018-19 में 7.3 प्रतिशत होने का अनुमान लगाया गया।
महत्त्वपूर्ण बिंदु
- WB (World Bank) द्वारा प्रस्तुत ‘ग्लोबल इकोनॉमिक प्रॉस्पेक्ट्स रिपोर्ट’ के अनुसार, भारत में विमुद्रीकरण (Demonatisation) और वस्तु एवं सेवा कर (Goods and Services Tax-GST) के कारण प्रारंभिक असफलताओं के बावजूद 2017 में भारत की विकास दर में 6.7% की वृद्धि देखी गई।
- इसके अनुसार, 2018-19 में भारत का विकास दर 7.3 -7.5 प्रतिशत तक पहुँचने का अनुमान है क्योंकि देश में व्यापक सुधारों के कार्यान्वयन के साथ अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं की अपेक्षा वृद्धि की क्षमता ज़्यादा है। इसके चलते भारत आने वाले दशक में उच्च विकास दर प्राप्त कर सकता है।
- WB के निदेशक ने बताया कि वृद्धि दर बढ़ाने के लिये भारत को FDI (Foreign Direct Investment) बढ़ाने तथा गैर-निष्पादित ऋण एवं उत्पादकता पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
- भारत में माध्यमिक शिक्षा पूर्णता दर के क्षेत्र में बहुत अधिक संभावनाएँ हैं। श्रम बाज़ार में सुधार, शिक्षा और स्वास्थ्य सुधार के साथ-साथ निवेश में होने वाली समस्याओं को कम करने से भारत की संभावनाओं को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
- भारत की जनसांख्यिकीय प्रोफ़ाइल अन्य देशो की अर्थव्यवस्थाओं की अपेक्षा ज़्यादा अनुकूल है जहाँ महिला श्रम बल की भागीदारी भी बढ़ रही है।
चीन के सापेक्ष भारत
2017 में चीन की वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत थी, जबकि भारत 6.7 प्रतिशत पर रहा (विमुद्रीकरण और GST लागू होने के कारण)। आने वाले दो वर्षों में भारतीय विकास दर में 7.3-7.5 प्रतिशत तक वृद्धि होने का अनुमान है जबकि चीन की विकास दर 6.4 प्रतिशत अनुमानित है। जो अगले दो वर्षों में क्रमशः 6.3 और 6.2 प्रतिशत घट जाएगी।
ग्लोबल इकनोमिक प्रॉस्पेक्ट्स रिपोर्ट
- ग्लोबल इकोनॉमिक प्रॉस्पेक्ट्स रिपोर्ट, विश्व बैंक समूह की एक रिपोर्ट है जिसमें वैश्विक आर्थिक विकास एवं संभावनाओं की जाँच की जाती है, इसमें उभरते बाज़ार और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
- यह वर्ष में दो बार जनवरी और जून में जारी की जाती है।