भारत के स्वर्ण भंडार में वृद्धि | 10 Apr 2019
चर्चा में क्यों?
विश्व स्वर्ण परिषद के नवीनतम आँकड़ों के अनुसार भारत ने फरवरी में अपने स्वर्ण भंडार में मामूली वृद्धि की है।
प्रमुख बिंदु
- फरवरी 2019 में भारत के स्वर्ण भंडार में 1.7 टन की बढ़ोतरी हुई, जबकि रूस और चीन को छोड़कर अधिकांश अन्य देशों का स्वर्ण भंडार अपरिवर्तित रहा।
- भारत में स्वर्ण भंडार जनवरी महीने में 607 टन था जो फरवरी में बढ़कर कुल 608.7 टन हो गया।
- फरवरी के महीने में शीर्ष 10 में भारत के अलावा केवल दो अन्य देशों के सोने के भंडार में बढ़ोतरी हुई है।
- जनवरी और फरवरी के दौरान रूस का भंडार 2,119.2 टन से बढ़कर 2,150.5 टन और चीन (मुख्य भूमि) का भंडार 1,864.3 टन से बढ़कर 1,874.3 टन हो गया।
- कुछ अन्य देशों के पास भी सोने का महत्त्वपूर्ण भंडार है। इनमें ताइवान (423.6 टन), पुर्तगाल (382.5 टन), कज़ाखस्तान (356.3 टन), उज़्बेकिस्तान (342.1 टन) और सऊदी अरब (323.1 टन) शामिल हैं।
- संयुक्त राज्य अमेरिका 8,133.5 टन के साथ प्रथम, ज़र्मनी 3,369.7 टन के साथ द्वितीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund-IMF) 2,814 टन सोने के भंडार के साथ सूची में तीसरे स्थान पर है।
विश्व स्वर्ण परिषद (World Gold Council)
- विश्व स्वर्ण परिषद स्वर्ण उद्योग बाज़ार के विकास हेतु एक संगठन है।
उद्देश्य
- इसका उद्देश्य सोने की मांग को प्रोत्साहित करना और स्वर्ण उद्योग को वैश्विक नेतृत्व प्रदान करना है।
- इसके अलावा यह अंतर्राष्ट्रीय स्वर्ण बाज़ारों के संबंध में अंतर्दृष्टि प्रदान करती है, समाज की सामाजिक और पर्यावरणीय आवश्यकताओं को पूरा करने में सोने की उपयोगिता समझने में लोगों की मदद करती है।
कार्य
- नीतियों का विकास करना और स्वर्ण उद्योग के मानकों को स्थापित करना,
- स्वर्ण बाजार के बुनियादी ढाँचे को मजबूत करना।
- स्वर्ण उद्योग से जुड़े वैश्विक डेटा और अंतर्दृष्टि को बढ़ाना।
- नए निवेशकों को स्वर्ण उद्योग में आने के लिये प्रोत्साहित करना।
- केंद्रीय बैंकों को सलाह देना।
- वैश्विक संवाद को बढ़ावा देना।