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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

भारत : वित्तीय क्षेत्र आकलन कार्यक्रम और इससे सम्बद्ध मुद्दे

  • 25 Jan 2018
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

वर्ष 2017 के संदर्भ में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund -IMF) और विश्व बैंक द्वारा दो मुख्य रिपोर्ट भारत वित्तीय क्षेत्र आकलन कार्यक्रम (India Financial Sector Assessment Programme - FSAP)-वित्तीय प्रणाली स्थिरता मूल्यांकन (Financial System Stability Assessment -FSSA) और वित्तीय क्षेत्र आकलन (Financial Sector Assessment) जारी की गई।

  • भारत के संदर्भ में पिछली एफएसएपी रिपोर्ट 2011-12 में जारी की गई थी।

प्रमुख बिंदु

  • इस रिपोर्ट के अंतर्गत आईएमएफ और विश्व बैंक द्वारा जारी ‘बेसल कोर प्रेंसिप्लेस फॉर इफेक्टिव बैंकिंग सुपरविज़न’ (Basel Core Principles for Effective Banking Supervision) के संबंध में विस्तृत आकलन उपलब्द्ध कराया गया।
  • इतना ही नहीं रिपोर्ट के अंतर्गत सीसीआईएल (Clearing Corporation of India Limited (CCIL), केंद्रीय काउंटर पार्टी (Central Counter Party -CCP) और ट्रेड रिपॉज़िटरी (Trade Repository -TR) के पालन-पोषण के संबंध में भी विस्तृत आकलन प्रदान किया गया। 

रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएँ

  • एफएसएपी रिपोर्ट के अंतर्गत भारतीय अधिकारियों द्वारा गैर-परफॉर्मिंग एसेट्स (Non-Performing Assets -NPAs) से निपटने तथा हाल ही में बैंकों के लिये किये गए पुनर्पूंजीकरण उपायों और विशेष रेजोल्यूशन सिस्टम की शुरुआत करने की स्थापना जैसे पक्षों पर भी प्रकाश डाला गया।
  • इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (National Pension System -NPS) के औपचारिक रूप से निपटान और पेंशन क्षेत्र नियामक को वैधानिक बनाने जैसे पक्षों को भी इंगित किया गया। 
  • इतना ही नहीं इस रिपोर्ट के तहत दिवालियापन संहिता एवं भारतीय दिवालियापन बोर्ड (Insolvency and Bankruptcy Board of India -IBBI) तथा 'नॉन फ्रिल्स' खाते (जन धन योजना के तहत) की पहल की भी सराहना की गई। 
  • इसके अतिरिक्त इसके अंतर्गत डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने, अद्वितीय बायोमीट्रिक पहचान संख्या (आधार), मुद्रा विनिमय पहल इत्यादि की भी प्रशंसा की गई। 
  • रिपोर्ट के अंतर्गत वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (Financial Stability and Development Council - FSDC) की स्थापना के बाद से बेहतर अंतर-एजेंसी सहयोग की भी सराहना की गई।
  • एक उप-समिति और चार तकनीकी समूहों द्वारा समर्थित एफएसडीसी की स्थापना और वित्तीय डेटा प्रबंधन केंद्र (Financial Data Management Centre -FDMC) की स्थापना को भी काफी सराहा गया है।

वित्तीय क्षेत्र आकलन कार्यक्रम 
Financial Sector Assessment Program (FSAP) 

  • वर्ष 1999 में स्थापित वित्तीय क्षेत्र आकलन कार्यक्रम (Financial Sector Assessment Program - FSAP), देश के वित्तीय क्षेत्र का अत्यंत व्यापक और गहन मूल्यांकन कार्यक्रम है। 
  • यह अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) और विश्व बैंक (World Bank) का संयुक्त कार्यक्रम है।
  • एफएसएपी के अंतर्गत वित्तीय क्षेत्र के लचीलेपन, नियामक और पर्यवेक्षी ढाँचे की गुणवत्ता और वित्तीय संकटों के प्रबंधन और समाधान करने की क्षमता का विश्लेषण किया जाता है। 
  • अपने निष्कर्षों के आधार पर, एफएसएपी एक सूक्ष्म और व्यापक विवेकपूर्ण प्रकृति (prudential nature) की सिफारिशों का खाका तैयार करता है, जो देश-विशिष्ट परिस्थितियों के अनुरूप निर्मित होता है।

देश के वित्तीय क्षेत्र को देखते हुए एफएसएपी के अंतर्गत तीन आयामी दृष्टिकोण का अनुसरण किया जाता है-

  • एक वित्तीय प्रणाली की सुदृढ़ता इसकी कमज़ोरियों और जोखिमों से निर्मित होती है, इसी से वित्तीय क्षेत्र के संकट की संभावना या संभावित गंभीरता को बढ़ावा मिलता है।
  • बुनियादी ढाँचे, संस्थानों और बाज़ारों के संदर्भ में किसी देश की विकासात्मक आवश्यकताएँ।
  • कुछ विशेष वित्तीय क्षेत्र के मानकों और संहिताओं के अनुपालन की अनुमति।
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